ऐपशहर

नौकरी छोड़ लेखन को समर्पित हो गए थे गिरीश कर्नाड

मशहूर लेखक, रंगमंचकर्मी, ऐक्टर गिरीश कर्नाड का निधन हो गया है। बेहतरीन शिक्षा प्राप्त करने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में प्रफेसर की नौकरी छोड़कर गिरीश कर्नाड ने लेखन को अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने लेखन के अलावा ऐक्टिंग भी की थी।

नवभारतटाइम्स.कॉम 10 Jun 2019, 4:30 pm
मशहूर ऐक्टर, लेखक और रंगमंचकर्मी गिरीश कर्नाड का सोमवार 10 जून को निधन हो गया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी गिरीश कर्नाड ने अपनी पढ़ाई गणित, सांख्यिकी, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, दर्शन शास्त्र में की थी। उनका बचपन में रुझान रंगमंच और लेखन की ओर हो गया था और बाद में भी इतने अच्छे करियर के बाद भी उन्होंने सबकुछ छोड़कर लेखन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

बेहतरीन था गिरीश का ऐकडेमिक करियर
गिरीश ने धारवाड़ के कर्नाटक आर्ट्स कॉलेज से गणित और सांख्यिकी में ग्रैजुएशन की पढ़ाई की। ग्रैजुएशन के बाद वह इंग्लैंड में ऑक्सफर्ड से फिलॉस्फी, पॉलिटिक्स और इकनॉमिक्स की पढ़ाई के लिए पहुंचे। वह 1963 में ऑक्सफर्ड यूनियन के प्रेजिडेंट भी चुने गए। ऑक्सफर्ड में वह करीब 7 साल तक रहे और थिअटर से भी जुड़े रहे। बाद में वह अमेरिका चले गए और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में पढ़ाने लगे। हालांकि, अध्यापन में उनका मन नहीं लगा और वह भारत लौट आए।

लेखन और थिअटर को हुए समर्पित
भारत लौटने के बाद गिरीश कर्नाड चेन्नई की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस में नौकरी करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही वह लेखन और थिअटर से भी जुड़े रहे। बाद में नौकरी छोड़कर वह पूरी तरह से साहित्य, फिल्म और रंगमंच से जुड़ गए। उनके चर्चित नाटकों में 'यताति', 'तुगलक', 'हयवदना', 'अंजु मल्लिगे', 'अग्निमतु माले', 'नगा मंडला' और 'अग्नि और बरखा' शामिल हैं। गिरीश के नाटकों का कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।


टीवी और फिल्मों में भी किया काम
गिरीश कर्नाड ने अपना ऐक्टिंग डेब्यू 1970 में आई फिल्म 'संस्कार' से किया था। इस फिल्म की गिरीश ने स्क्रीनराइटिंग भी की थी। इसके बाद उन्होंने कई हिंदी और क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में काम किया। गिरीश केवल थिअटर और फिल्मों तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने कई टीवी सीरीज में भी काम किया। गिरीश ने दूरदर्शन के मशहूर सीरियल 'मालगुडी डेज' के कुछ एपिसोड्स में भी काम किया था। इसमें वह सीरियल के मुख्य किरदार स्वामी के पिता के रोल में दिखाई दिए थे। इसके अलावा उन्होंने बतौर ऐंकर दूरदर्शन की साइंस सीरीज 'टर्निंग पॉइंट' में भी काम किया था।

हिंदी फिल्मों की बात करें तो गिरीश कर्नाड ने 'निशांत', 'मंथन', 'पुकार', 'इकबाल', 'डोर', 'एक था टाइगर' जैसी मशहूर फिल्मों में काम किया। गिरीश कर्नाड को पद्म श्री, पद्म भूषण, ज्ञानपीठ, नैशनल फिल्म अवॉर्ड, फिल्मफेयर जैसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की ऑटोबायॉग्रफी 'विंग्स ऑफ फायर' की ऑडियो बुक में कलाम की आवाज गिरीश कर्नाड ने ही दी है।

अगला लेख

Entertainmentकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग