हर साल बॉलिवुड में सैकड़ों फिल्में रिलीज होती हैं और ऐसा कोई ही साल होता है जिसमें कुछ फिल्मों पर विवाद नहीं हो। साल 2018 में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' पर काफी विवाद हुआ था। साल 2019 में भी कई फिल्में ऐसी रहीं जिन पर समाज के अलग-अलग वर्गों ने आपत्ति जताई। आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही विवादित फिल्मों के बारे में।
पानीपत
हाल में अर्जुन कपूर, कृति सैनन और संजय दत्त जैसे सितारों से सजी फिल्म पानीपत पर जाट समुदाय ने आपत्ति दर्ज की थी। जाटों का कहना था कि फिल्म में जाट राजा सूरजमल की गलत छवि दिखाई गई थी। इसके बाद फिल्ममेकर्स ने फिल्म से कुछ हिस्सों को हटाया था।
द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर
यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की किताब पर आधारित थी। इस फिल्म में अनुपम खेर ने डॉक्टर मनमोहन सिंह और अक्षय खन्ना ने संजय बारू की भूमिका निभाई थी। द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति जताई थी और आरोप लगाया था कि फिल्म में नेहरू-गांधी परिवार की गलत छवि दिखाई गई है।
वाई चीट इंडिया
इमरान हाशमी की इस फिल्म का टाइटल पहले चीट इंडिया था जिस पर काफी लोगों ने आपत्ति जताई थी। यह फिल्म शिक्षा जगत में फैले नकल माफिया के ऊपर बनाई गई थी। आपत्तियों के बाद सेंसर बोर्ड के कहने पर इस फिल्म का नाम बदल दिया गया था।
बाटला हाउस
यह फिल्म दिल्ली के बाटला हाउस में हुए एनकाउंटर पर बनाई गई थी। फिल्म में लीड रोल में जॉन अब्राहम थे। इस फिल्म पर कई संगठनों सहित कई लोगों ने आपत्ति दर्ज की थी और कोर्ट से इस पर रोक लगाने की मांग की थी। उनका कहना था कि फिल्म एकतरफा तरीके से बनाई गई है। हालांकि कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
ठाकरेयह फिल्म शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की बायॉपिक थी। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने इस फिल्म में ठाकरे की भूमिका निभाई थी। हालांकि इस फिल्म पर यह भी आरोप लगे थे कि ठाकरे को महिमामंडित करने के लिए फिल्म में कुछ गलत तथ्य दिखाए गए हैं।
पानीपत
हाल में अर्जुन कपूर, कृति सैनन और संजय दत्त जैसे सितारों से सजी फिल्म पानीपत पर जाट समुदाय ने आपत्ति दर्ज की थी। जाटों का कहना था कि फिल्म में जाट राजा सूरजमल की गलत छवि दिखाई गई थी। इसके बाद फिल्ममेकर्स ने फिल्म से कुछ हिस्सों को हटाया था।
द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर
यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की किताब पर आधारित थी। इस फिल्म में अनुपम खेर ने डॉक्टर मनमोहन सिंह और अक्षय खन्ना ने संजय बारू की भूमिका निभाई थी। द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति जताई थी और आरोप लगाया था कि फिल्म में नेहरू-गांधी परिवार की गलत छवि दिखाई गई है।
वाई चीट इंडिया
इमरान हाशमी की इस फिल्म का टाइटल पहले चीट इंडिया था जिस पर काफी लोगों ने आपत्ति जताई थी। यह फिल्म शिक्षा जगत में फैले नकल माफिया के ऊपर बनाई गई थी। आपत्तियों के बाद सेंसर बोर्ड के कहने पर इस फिल्म का नाम बदल दिया गया था।
बाटला हाउस
यह फिल्म दिल्ली के बाटला हाउस में हुए एनकाउंटर पर बनाई गई थी। फिल्म में लीड रोल में जॉन अब्राहम थे। इस फिल्म पर कई संगठनों सहित कई लोगों ने आपत्ति दर्ज की थी और कोर्ट से इस पर रोक लगाने की मांग की थी। उनका कहना था कि फिल्म एकतरफा तरीके से बनाई गई है। हालांकि कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
ठाकरेयह फिल्म शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की बायॉपिक थी। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने इस फिल्म में ठाकरे की भूमिका निभाई थी। हालांकि इस फिल्म पर यह भी आरोप लगे थे कि ठाकरे को महिमामंडित करने के लिए फिल्म में कुछ गलत तथ्य दिखाए गए हैं।