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कम्युनिटी लाइब्रेरी खोलकर ग्रामीणों की तकदीर बदल रहा हरदोई युवक, पीएम मोदी भी हैं मुरीद

Hardoi Community Library News: यूपी के हरदोई में एक लाइब्रेरी इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इस कम्युनिटी लाइब्रेरी का जिक्र किया है। बांसा गांव में 50 पुस्तकों से लाइब्रेरी की शुरुआत की गई थी। आज के समय में यहां पर तीन हजार किताबें मौजूद हैं।

Edited byराहुल पराशर | नवभारत टाइम्स 29 Nov 2022, 5:03 am

हाइलाइट्स

  • मन की बात में पीएम ने बांसा गांव की कम्युनिटी लाइब्रेरी का जिक्र किया
  • 50 पुस्तकों से की थी शुरुआत, लोगों के सहयोग से बदली स्थिति
  • 3000 से ज्यादा किताबें मौजूद हैं कम्युनिटी लाइब्रेरी में, लोगों को मिल रहा फायदा
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हरदोई: मुहिम शिक्षा का जोत जलाने की। सोशल मीडिया और इंटरनेट के दौर में कुछ अलग कर जाने की। जब किताबों को महत्वहीन करार दिया जाने लगा हो। दुनिया को मुट्‌ठी में समेटने की होड़ सी मची हो। शब्द डिजिटल फॉर्म में आपके जीवन में अलग स्थान बना रही हों। शब्दों से बढ़कर वीडियो, पॉडकास्ट और शॉर्ट वीडियोज आपकी जिंदगी में अहम होने लगे हों। उस समय एक पुस्तकालय खोलने की सोच पर आपको शायद हंसी आए, लेकिन जिंदगी को राह तो यहीं से निकलती है। किसी ने कितना अच्छा कहा है, 'पछतावे की धुंधली सी चादर लेकर लड़ रहा हूं जिंदगी की लड़ाई। बेरोजगारी के ताने सहा तो समझ में आया, पुस्तकालय में क्यों नहीं की पढ़ाई।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में मल्लावां विकासखंड के बांसा गांव का जिक्र किया, तो इस नई सोच का पता देश, दुनिया को पता चला। प्रधानमंत्री मोदी ने गांव में कम्युनिटी लाइब्रेरी चला रहे जतिन ललित के प्रयासों की सराहना की। पीएम ने कहा कि युवाओं को जतिन से प्रेरणा लेनी चाहिए। सचमुच प्रेरणा तो लेनी चाहिए। पुस्तकालय खोलकर लोगों को शिक्षा की अलख जगाई है।
हरदोई के मल्लावां विकासखंड के बांसा गांव निवासी जतिन ललित कम्युनिटी लाइब्रेरी चलाते हैं। यह लाइब्रेरी उन्होंने कोरोना काल में 2020 में उस समय रखी थी जब बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल-कॉलेज बंद थे। दिसंबर 2020 में कोरोना की वजह से वह गांव आ गए। यहां रामदरबार मंदिर परिसर में सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर अनुमति लेकर हॉल बनवाया। इसमें 50 से 60 किताबें रखकर कम्युनिटी लाइब्रेरी की शुरुआत की। पहले उन्होंने गांव के ही उन युवकों से पुस्तकें लीं जो कम्पटीशन क्लियर कर चुके थे। फिर 26 गांवों में पुस्तक दान प्राप्त करने का अभियान चलाया है।

जतिन का यह अभियान कामयाब हुआ और लाइब्रेरी के लिए पुस्तकें मिल गईं। लाइब्रेरी में जिले में कई इलाकों के अलावा दिल्ली, बंगलौर, चेन्नई, अहमदाबाद समेत देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों ने पुस्तकें दान कीं। कोरियर के जरिए पुस्तकें भेजीं। इस लाइब्रेरी में हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू की 3000 से अधिक पुस्तकें मौजूद हैं।

रोज आते हैं युवा और बुजुर्ग
अब यहां प्रतिदिन गांव के युवा से लेकर बुजुर्ग तक आकर पुस्तकों का अध्ययन करते हैं। इस लाइब्रेरी का संचालन भी बच्चों की एक स्टडी काउंसिल के माध्यम से होता है। उसी के माध्यम से किताबों को पढ़ने के लिए जारी करने से लेकर जमा करने का काम किया जाता है। जतिन ललित ने बताया प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में उनका इस कम्युनिटी लाइब्रेरी के प्रयास को जिस तरीके से सराहा गया उससे पूरे युवा जगत को एक नई ऊर्जा मिली है।

जतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को इसके लिए धन्यवाद दिया है। दूसरी ओर गांव वालों ने भी टीवी और रेडियो पर पीएम के मन की बात सुनी और अपने गांव का नाम आने पर खुशी जताई। दूसरी ओर डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने भी जतिन के प्रयासों की सराहना की और जिला प्रशासन से भी मदद दिलवाने का भरोसा दिया।
लेखक के बारे में
राहुल पराशर
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर। पत्रकारिता में प्रभात खबर से शुरुआत। राष्ट्रीय सहारा, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक का सफर। डिजिटल जर्नलिज्म को जानने और सीखने की कोशिश। नित नए प्रयोग करने का प्रयास। मुजफ्फरपुर से निकलकर रांची, पटना, जमशेदपुर होते हुए लखनऊ तक का सफर।... और पढ़ें

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