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छोटा भाई जल गया तो सर्जरी का खर्च जुटाने घर से 1000 किमी दूर आ गया 18 वर्षीय किशोर, मिलिए असली हीरो नंदू से

संकट आ जाए तो सामना करना ही पड़ता है, लेकिन जो संकटों का सामना डटकर करते हैं, वो ही कहलाते हैं- असली हीरो। ऐसा ही असली हीरो है- 18 वर्षीय नंदू।

Edited byनवीन कुमार पाण्डेय | नवभारतटाइम्स.कॉम 24 Apr 2022, 11:36 am
संकट आ जाए तो सामना करना ही पड़ता है, लेकिन जो संकटों का सामना डटकर करते हैं, वो ही कहलाते हैं- असली हीरो। ऐसा ही असली हीरो है- 18 वर्षीय नंदू। वह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे शहर नोएडा में अभी नाश्ते का सामान बेच रहा है। आप कहेंगे कि पढ़ने की उम्र में इस तरह का छोटा-मोटा रोजगार करने वाला असली हीरो कैसे हो सकता है। तो जान लीजिए, नंदू ने पढ़ाई छोड़ी नहीं है बल्कि कुछ दिनों के लिए स्कूल से ब्रेक लिया है।
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छोटा भाई जल गया तो सर्जरी का खर्च जुटाने घर से 1000 किमी दूर आ गया 18 वर्षीय किशोर, मिलिए असली हीरो नंदू से


भाई के लिए कुछ भी करेगा...

बिहार के मधेपुरा का रहने वाला नंदू पिछले कुछ महीने पहले ही नोएडा आया। शौक से नहीं, मजबूरीवश। नंदू का छोटा भाई पिछले वर्ष दीपावली में पटाखे छोड़ते वक्त जल गया था। उसका इलाज चल रहा है और डॉक्टर ने कहा है कि सर्जरी करनी पड़ेगी जिसके लिए ज्यादा पैसे की जरूरत होगी। नंदू कहता है, 'मेरे माता-पिता भाई के इलाज का खर्च बहुत मुश्किल से उठा पाते हैं। इसलिए मैं 10वीं की परीक्षा देकर यहां आ गया और साउथ इंडियन फूड का स्टॉल लगा लिया।'

चल पड़ा धंधा, लगा रखे हैं दो हेल्पर

नोएडा सेक्टर 15 मेट्रो स्टेशन के पास नंदू के स्टॉल पर डोसा, इडली, वडा आदि मिलते हैं। उससे महीने में 18 हजार रुपये तक की आमदनी हो जाती है जिसका ज्यादा से ज्यादा हिस्सा बचाकर वह घर भेजने की कोशिश करता है। नंदू का धंधा अच्छा चल रहा है जिसे संभालने के लिए दो हेल्पर भी रखने पड़े हैं। अब उसकी चिंता सिर्फ यह है कि मधेपुरा में उसके गांव में इलाज की अच्छी सुविधा नहीं है।

गांव लौटकर पढ़ने की चाहत

नंदू कहता है, 'मेरा भाई कमर के नीचे गंभीर रूप से जल गया है। एक प्राइवेट डॉक्टर ने कहा कि सर्जरी के लिए मोटा पैसा लगेगा। अभी भी इलाज का खर्चा तो हो ही रहा है। मैं सर्जरी के लिए ही पैसा जुटा रहा हूं।' वो कहता है कि भाई की सर्जरी का पैसा पूरा हो जाए तो वह घर लौट जाएगा। नंदू चाहता है कि उसे पढ़ाई नहीं छोड़नी पड़े और मधेपुरा लौटकर फिर से पढ़ाई शुरू कर दे।

लेखक के बारे में
नवीन कुमार पाण्डेय
नवीन कुमार पाण्डेय सितंबर 2014 से नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से जुड़े हैं। इनकी पत्रकारीय जीवन की शुरुआत तो दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में नामांकन के साथ ही शुरू हो गई थी, लेकिन पेशेवर पत्रकार का तमगा M3M मीडिया ग्रुप ने दिया। वहां हमार टीवी में नौकरी करने के बाद पटना चले गए और आर्यन टीवी की शुरुआती टीम में शामिल रहे। पटना से रांची का रुख हुआ। वहां झारखंड के सबसे प्रभावी न्यूज चैनल न्यूज 11 में काम किया। फिर रांची से प्रकाशित एक नए अखबार खबर मंत्र का हिस्सा रहे। वहां से दोबारा न्यूज 11 और फिर दिल्ली आगमन हुआ। अभी नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के साथ इनकी यात्रा जारी है।... और पढ़ें

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