नींद की समस्या को दूर करने वाली 'मोडाफिनिल' दवा हड्डियों को बना रही कमजोर
- केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के शोध में सामने आया मामला
एनबीटी, लखनऊ:
नींद की दिक्कतों से जूझ रहे लोगों को डॉक्टर 'मोडाफिनिल' दवा लिखते हैं लेकिन यह दवा हड्डियों को कमजोर कर रही है। इसका खुलासा केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के शोध में हुआ है। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ़ नैबेद्य चट्टोपाध्याय और सब्यसाची सान्याल सहित उनकी टीम के शोध में इस दवा के साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं। डॉ़ नैबेद्य चट्टोपाध्याय ने बताया कि युवाओं में नींद को कम करने के लिए इस दवा का खूब उपयोग किया जा रहा है। महानगरों में बदलती जीवन शैली के बीच नाइट-आउट का क्रेज बढ़ा है। उन्होंने बताया कि एक रिव्यू आर्टिकल के अनुसार मोडाफिनिल दवा के उपयोग से एकाग्रता, सीखने की क्षमता और स्मृति में सुधार होता है। साथ ही इसके कई अन्य फायदे होने के भी दावे किए गए हैं। इसके अलावा इस दवा को सबसे सुरक्षित माना जाता है। इससे इस दवा का क्रेज बढ़ा है। इसलिए इस पर शोध किया गया।
हड्डियों को गला देती है दवा
डॉक्टरों ने बताया कि शोध में पाया गया है कि हड्डियों की निर्माण-कोशिकाओं से निकलने वाला एक दाहक (इनफ्लेमेट्री) हड्डियों को गला देता है। जंतुओं पर किए अपने प्रयोगों के आधार पर उन्होंने कहा कि इनफ्लेमेट्री प्रोटीन के अति सक्रिय हो जाने से हड्डियों का गलना शुरू हो जाता है। 30 साल की उम्र से पहले ही इंसानों में हड्डी की मजबूती में रुकावट पड़ जाती है। इससे आरंभिक गठिया और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। भारत में वैसे भी गठिया जैसी बीमारियां काफी संख्या में पाई जाती हैं। ऐसी अवस्था में मोडाफिनिल जैसी दवा बेहद नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।
शोध टीम में ये भी थे शामिल
वैज्ञानिक डॉ़ नैबेद्य चट्टोपाध्याय और सब्यसाची सान्याल ने बताया कि उनके साथ शोध टीम में श्यामसुंदर पाल चीना, सुभाषिश पाल, सौरव चट्टोपाध्याय, कोनिका पोरवाल और मोनिका मित्तल भी शामिल रहे।