इस्लामाबाद पाकिस्तान की संसद पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली दुनिया की पहली संसद बन गई है। अब तक इस्राइल की संसद सौर ऊर्जा से चलती थी, लेकिन वह भी पूरी तरह से नहीं। पाकिस्तानी संसद को सौर ऊर्जा से चलाने के लिए चीन ने 5.5 करोड़ डॉलर का वित्तीय सहयोग दिया है।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के एक सामान्य समारोह में संसद इमारत के सौर ऊर्जा संयंत्र की शुरुआत की। इस उपक्रम की घोषणा सबसे पहले 2014 में हुई थी। पाकिस्तान के साथ मित्रता के लिए चीन ने इस सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए कुल 5.5 करोड़ डॉलर दिए हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, 1947 की आजादी के बाद यह पहली बार है, जब यहां की संसद पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर हो गई है। अन्य निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के निकायों को भी इसका अनुसरण करने की जरूरत है। संसद को पूरी तरह से सौर ऊर्जा संचालित बनाने संबंधी परियोजना की शुरुआत, पिछले साल चीन के राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा और यहां की संसद में भाषण के दौरान की गई थी।
चीन ने इस परियोजना के लिए 5.5 करोड़ डॉलर की सहायता प्रदान की है। शरीफ ने कहा, यह पाकिस्तान और चीन की दोस्ती का एक और उदाहरण है। सौर ऊर्जा संयंत्र के उद्घाटन के इस मौके पर पाकिस्तान में चीन के राजदूत भी मौजूद थे। नैशनल असेम्बली के स्पीकर अयाज सादिक ने बताया कि संसद का सौर ऊर्जा संयंत्र 80 मेगावाट बिजली पैदा करेगा। उन्होंने बताया कि संसद भवन के लिए केवल 62 मेगावाट बिजली पर्याप्त है, जबकि शेष 18 मेगावाट बिजली राष्ट्रीय ग्रिड को दी जाएगी।
पाकिस्तान की संसद पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलने वाली दुनिया की पहली इमारत बन गई है। अधिकारियों ने बताया कि दुनिया के कुछ अन्य संसद भवन जैसे इस्राइल की संसद भी आंशिक रूप से सौर ऊर्जा से संचालित है।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के एक सामान्य समारोह में संसद इमारत के सौर ऊर्जा संयंत्र की शुरुआत की। इस उपक्रम की घोषणा सबसे पहले 2014 में हुई थी। पाकिस्तान के साथ मित्रता के लिए चीन ने इस सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए कुल 5.5 करोड़ डॉलर दिए हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, 1947 की आजादी के बाद यह पहली बार है, जब यहां की संसद पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर हो गई है। अन्य निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के निकायों को भी इसका अनुसरण करने की जरूरत है। संसद को पूरी तरह से सौर ऊर्जा संचालित बनाने संबंधी परियोजना की शुरुआत, पिछले साल चीन के राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा और यहां की संसद में भाषण के दौरान की गई थी।
चीन ने इस परियोजना के लिए 5.5 करोड़ डॉलर की सहायता प्रदान की है। शरीफ ने कहा, यह पाकिस्तान और चीन की दोस्ती का एक और उदाहरण है। सौर ऊर्जा संयंत्र के उद्घाटन के इस मौके पर पाकिस्तान में चीन के राजदूत भी मौजूद थे। नैशनल असेम्बली के स्पीकर अयाज सादिक ने बताया कि संसद का सौर ऊर्जा संयंत्र 80 मेगावाट बिजली पैदा करेगा। उन्होंने बताया कि संसद भवन के लिए केवल 62 मेगावाट बिजली पर्याप्त है, जबकि शेष 18 मेगावाट बिजली राष्ट्रीय ग्रिड को दी जाएगी।
पाकिस्तान की संसद पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलने वाली दुनिया की पहली इमारत बन गई है। अधिकारियों ने बताया कि दुनिया के कुछ अन्य संसद भवन जैसे इस्राइल की संसद भी आंशिक रूप से सौर ऊर्जा से संचालित है।