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पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत 27 नए शहर स्मार्ट सिटी में शामिल

केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना में 27 नए शहरों को शामिल कर लिया है। मंगलवार को जारी 27 शहरों की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भी जगह दी गई है।इसके अलावा लिस्ट में वडोदरा,आगरा,नागपुर,अजमेर,अमृतसर,ग्वालियर,ठाणे और थंजवुर भी उन शहरों में शामिल किए गए हैं

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 20 Sep 2016, 5:10 pm
दीपक के दास,नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम 27 new cities including pm modi lok sabha constituency varanasi make it to smart city list
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत 27 नए शहर स्मार्ट सिटी में शामिल

केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना में 27 नए शहरों को शामिल कर लिया है। मंगलवार को जारी 27 शहरों की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भी जगह दी गई है। इसके अलावा लिस्ट में वडोदरा,आगरा,नागपुर,अजमेर,अमृतसर,ग्वालियर,ठाणे और थंजवुर भी उन शहरों में शामिल किए गए हैं जिन्हें सरकार स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करेगी। 27 शहरों को स्मार्ट बनाने पर 66, 883 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

अभी तक शहरी विकास मंत्रालय ने तीन चरणों में 60 शहरों को चुना है। ये 60 शहर 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में है। अब सिर्फ 9 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश रह गए हैं जिन्हें जगह नहीं मिल पाई है। इनमें उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर भी शामिल हैं।

मंगलवार को शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू द्वारा जारी की गई लिस्ट में महाराष्ट्र के 5 शहरों को शामिल किया गया है। 4 शहर तमिलनाडु और कर्नाटक से, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब और राजस्थान से 3 शहर शामिल किए गए हैं। मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश,ओडिशा,गुजरात,सिक्कम और नागालैंड से एक-एक शहर को इस राउंड में चुना गया है।

शहरी विकास मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, अभी तक चुने गए 60 शहरों पर 1.44 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है। अधिकारियों ने बताया कि 20 स्मार्ट सिटी के पहले बैच में 82 प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो चुका है और 113 प्रोजेक्ट्स में जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। नायडू ने कहा कि अगले एक साल में हम स्मार्ट सिटी को मूर्त रूप लेते देखेंगे।


स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केंद्र सरकार हर पांच साल में 500 करोड़ रुपये हर शहर के लिए देती है। इसमें राज्य भी अपना योगदान देते हैं। बाकी जरूरी संसाधन लोन, पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप (पीपीपी) और अन्य तरीकों से जुटाए जाएंगे। इस सिलसिले में सरकार ने डीएफआईडी और जेआईसीए जैसी कुछ विदेशी एजेंसियों से बहुपक्षीय ऋण संबंधी समझौते किए हैं। इसके तहत 500 मिलियर डॉलर हासिल होंगे। इसी तरह एडीबी और वर्ल्ड बैंक ने भी एक बिलियन डॉलर देने का भरोसा दिलाया है। इसके अलावा न्यू डेवलेपमेंट बैंक (ब्रिक्स बैंक) ने भी हर शहर के लिए 500 मिलियन डॉलर देने का प्रस्ताव रखा है।

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