नयी दिल्ली, 17 मार्च :: एम्स की करीब 5,000 नर्सों ने आज एक साथ आकस्मिक अवकाश ले लिया जिससे पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी और मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। अस्पताल की आपात सेवा ईकाइ बंद रही जबकि करीब 90 ऑपरेशन स्थगित करने पड़े। नर्सों के इस कदम के कारण कई मरीजों को दूसरे अस्पतालों का चक्कर काटना पड़ा। एम्स के पदाधिकारियों ने इसे गरीब मरीजों की कीमत पर प्रशासन को ब्लैकमेल करना और उन्हें मजबूर करना करार दिया। नर्सों का यूनियन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुकाबले ज्यादा वेतन की मांग कर रहा है। वेतनमान की समीक्षा और भत्तों में वृद्धि नहीं होने की स्थिति में उन्होंने 27 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। एम्स के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने नर्सों की मांगों को स्वास्थ्य मंत्रालय के पास भेज दिया है। एम्स के कार्यवाहक निदेशक डॉक्टर बलराम अइरन ने कहा, एम्स प्रशासन पहले ही सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर अपने नर्सों सहित सभी कर्मचारियों के लिए वेतनमान में समीक्षा कर चुका है। उन्होंने कहा, प्रशासन स्टाफ नर्स के पद को बदल कर नर्सिंस अफसर करने, और पढ़ाई के लिए अवकाश देने सहित नर्सों के यूनियन की अन्य मांगों को भी मान चुका है। निदेशक ने आगे कहा कि अस्पताल प्रशासन ने इस विरोध प्रदर्शन की सूचना पुलिस और सीएटी एम्बुलेंस को दे दी है, ताकि मरीजों को एम्स ना लाया जाये।
बड़ी संख्या में नर्सों के छुट्टी पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवा चरमरायी
नयी दिल्ली, 17 मार्च :भाषा: एम्स की करीब 5,000 नर्सों ने आज एक साथ आकस्मिक अवकाश ले लिया जिससे पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी और मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। अस्पताल की आपात सेवा ईकाइ बंद रही जबकि करीब 90 ऑपरेशन स्थगित करने पड़े।
नवभारतटाइम्स.कॉम 17 Mar 2017, 9:50 pm