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मुफ्त उपहार के खिलाफ जनहित याचिका का आप ने किया विरोध, राजनीतिक एजेंडा को बढ़ाने आरोप... जानिए मामला

AAP Opposed PIL on Free Schemes: आम आदमी पार्टी ने मुफ्त उपहार की योजनाओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लंबित योजनाओं में हस्तक्षेप का अनुरोध किया। पार्टी ने कहा है कि योग्य और वंचित लोगों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण की योजनाओं को मुफ्त उपहार नहीं कहा जा सकता है।

Edited byराहुल पराशर | भाषा 9 Aug 2022, 3:10 am
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने मुफ्त उपहार के मुद्दे पर विपक्ष को घेरना शुरू कर दिया है। पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। पार्टी की ओर से कहा गया है कि पात्र और वंचित लोगों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण की योजनाओं को मुफ्त उपहार के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता। पार्टी ने चुनाव के दौरान मुफ्त उपहार का वादा करने को लेकर राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई के अनुरोध वाली अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की दायर याचिका का विरोध किया। आप ने कहा कि पात्र और वंचित लोगों के लिए योजनाओं को मुफ्त उपहार नहीं माना जा सकता।
नवभारतटाइम्स.कॉम Supreme Court


आप ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता (अश्विनी उपाध्याय) एक विशेष राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जनहित याचिका माध्यम का उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं। अर्जी में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने किसी विशेष सत्तारूढ़ दल के साथ अपने वर्तमान या पिछले संबंधों का खुलासा नहीं किया है। इसके बजाय खुद को एक सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में पेश किया है।

अर्जी में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ मजबूत संबंध हैं। वह पूर्व में इसके प्रवक्ता और इसकी दिल्ली इकाई के नेता के रूप में कार्य कर चुके हैं। जनहित के नाम पर याचिकाकर्ता की याचिकाएं, अक्सर पार्टी के राजनीतिक एजेंडा से प्रेरित होती हैं। पूर्व में वे सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के दायरे में आए हैं।

शीर्ष अदालत ने 3 अगस्त को पीठ ने बुधवार को केंद्र, नीति आयोग, वित्त आयोग और भारतीय रिजर्व बैंक सहित सभी हितधारकों से चुनावों के दौरान मुफ्त में दिए जाने वाले उपहारों के मुद्दे पर विचार करने और इससे निपटने के लिए रचनात्मक सुझाव देने को कहा था।
लेखक के बारे में
राहुल पराशर
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर। पत्रकारिता में प्रभात खबर से शुरुआत। राष्ट्रीय सहारा, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक का सफर। डिजिटल जर्नलिज्म को जानने और सीखने की कोशिश। नित नए प्रयोग करने का प्रयास। मुजफ्फरपुर से निकलकर रांची, पटना, जमशेदपुर होते हुए लखनऊ तक का सफर।... और पढ़ें

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