नई दिल्ली
भारतीय सेना को ज्यादा चुस्त-दुरुस्त बनाने और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए सबसे अहम बदलाव की दिशा में बढ़ रहा कदम फिलहाल थम गया है। ढांचे में बदलाव को लेकर सेना ने जो स्टडी की थी उसमें सबसे अहम बदलाव इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप ( एकीकृत युद्ध ग्रुप ) यानी आईबीजी बनाना था। लेकिन पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद की स्थितियों को देखते हुए इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। भारतीय सेना अलर्ट पर है ऐसे में किसी भी स्तर पर बदलाव के प्रयोग को फिलहाल नहीं किया जा रहा है।
सेना ने बदलाव यानी रीस्ट्रक्चरिंग को लेकर जो स्टडी की उसमें अहम पहलू यह था कि इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाए जाएं। आईबीजी बनाने के पीछे यह विचार है कि इसमें सेना के सभी एरिया चाहे वह पैदल सेना हो, आर्टिलरी हो या अन्य सैन्य दल, सब एक साथ एक बैटल ग्रुप की तरह रहेंगे। आईबीजी होने पर ये छोटे स्तर पर ज्यादा कॉम्पैक्ट (सघन) होंगे साथ ही इन सभी फील्ड के एक्सपर्ट्स के बीच ज्यादा समन्वय होगा और युद्ध की स्थिति में तैयार होने की स्पीड भी ज्यादा होगी। अभी डिविजन स्तर पर पैदल सेना (इंफ्रेंट्री) के साथ आर्टिलरी या अन्य सैन्य दल की जरूरत के हिसाब से ब्रिगेड होती हैं। जिन्हें जरूरत के मुताबिक तैनात किया जाता है। लेकिन इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप में एक ग्रुप के तौर पर ही पैदल सेना से लेकर आर्टिलरी और अन्य सैन्य दल सब एक साथ होंगे। जिससे इनमें अच्छा समन्वय होगा साथ ही मूवमेंट भी कम वक्त में कर सकेंगे।
आर्मी कमांडर्स के बीच इसको लेकर काफी लंबी चर्चा हुई। जिसमें सभी की राय लेने के बाद तय किया गया कि आईबीजी बनाने की सीधी सिफारिश करने से पहले इसका प्रयोग करके देखा जाना चाहिए। ताकि इसके फायदे और कमियों पर भी बात हो सके। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद तय किया गया कि प्रयोग के तौर पर पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर तीन इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाए जाएं। इसमें एक जगह प्लेन एरिया, दूसरी रेगिस्तान और तीसरी हाई एलटीट्यूट एरिया में तय की गई। इन तय तीन जगहों पर मई महीने से इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप का प्रयोग शुरू किया जाना था।
सूत्रों के मुताबिक फिलहाल इसे टाल दिया गया है। एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक पुलवामा अटैक फिर बालाकोट में आतंकियों पर एयर स्ट्राइक के बाद बॉर्डर पर हालात सामान्य नहीं हैं और आर्मी हर जगह पर अलर्ट है। ऐसे में आर्मी के किसी भी फॉर्मेशन में बदलाव नहीं किया जा सकता। इसलिए अब इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप का प्रयोग भी तभी किया जाएगा जब हालात सामान्य हो जाएंगे।
भारतीय सेना को ज्यादा चुस्त-दुरुस्त बनाने और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए सबसे अहम बदलाव की दिशा में बढ़ रहा कदम फिलहाल थम गया है। ढांचे में बदलाव को लेकर सेना ने जो स्टडी की थी उसमें सबसे अहम बदलाव इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप ( एकीकृत युद्ध ग्रुप ) यानी आईबीजी बनाना था। लेकिन पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद की स्थितियों को देखते हुए इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। भारतीय सेना अलर्ट पर है ऐसे में किसी भी स्तर पर बदलाव के प्रयोग को फिलहाल नहीं किया जा रहा है।
सेना ने बदलाव यानी रीस्ट्रक्चरिंग को लेकर जो स्टडी की उसमें अहम पहलू यह था कि इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाए जाएं। आईबीजी बनाने के पीछे यह विचार है कि इसमें सेना के सभी एरिया चाहे वह पैदल सेना हो, आर्टिलरी हो या अन्य सैन्य दल, सब एक साथ एक बैटल ग्रुप की तरह रहेंगे। आईबीजी होने पर ये छोटे स्तर पर ज्यादा कॉम्पैक्ट (सघन) होंगे साथ ही इन सभी फील्ड के एक्सपर्ट्स के बीच ज्यादा समन्वय होगा और युद्ध की स्थिति में तैयार होने की स्पीड भी ज्यादा होगी। अभी डिविजन स्तर पर पैदल सेना (इंफ्रेंट्री) के साथ आर्टिलरी या अन्य सैन्य दल की जरूरत के हिसाब से ब्रिगेड होती हैं। जिन्हें जरूरत के मुताबिक तैनात किया जाता है। लेकिन इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप में एक ग्रुप के तौर पर ही पैदल सेना से लेकर आर्टिलरी और अन्य सैन्य दल सब एक साथ होंगे। जिससे इनमें अच्छा समन्वय होगा साथ ही मूवमेंट भी कम वक्त में कर सकेंगे।
आर्मी कमांडर्स के बीच इसको लेकर काफी लंबी चर्चा हुई। जिसमें सभी की राय लेने के बाद तय किया गया कि आईबीजी बनाने की सीधी सिफारिश करने से पहले इसका प्रयोग करके देखा जाना चाहिए। ताकि इसके फायदे और कमियों पर भी बात हो सके। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद तय किया गया कि प्रयोग के तौर पर पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर तीन इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाए जाएं। इसमें एक जगह प्लेन एरिया, दूसरी रेगिस्तान और तीसरी हाई एलटीट्यूट एरिया में तय की गई। इन तय तीन जगहों पर मई महीने से इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप का प्रयोग शुरू किया जाना था।
सूत्रों के मुताबिक फिलहाल इसे टाल दिया गया है। एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक पुलवामा अटैक फिर बालाकोट में आतंकियों पर एयर स्ट्राइक के बाद बॉर्डर पर हालात सामान्य नहीं हैं और आर्मी हर जगह पर अलर्ट है। ऐसे में आर्मी के किसी भी फॉर्मेशन में बदलाव नहीं किया जा सकता। इसलिए अब इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप का प्रयोग भी तभी किया जाएगा जब हालात सामान्य हो जाएंगे।