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जल क््रुांति के बाद अब प्रदेश वन क््रुांति की ओर - मुख्यमंत्री

जयपुर, 10 जुलाई :भाषा: राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान एमजेएसए के रूप में शुरू हुई जल क््रुांति के बाद प्रदेश में वन क््रुांति शुरू हो रही है। पिछले वर्ष जल संरक्षण के लिए जिस जनजागृति के साथ इस अभियान की शुरूआत हुई थी, उसे जन-जन के सहयोग से वन संरक्षण की दिशा में भी आगे बढ़ाया जा रहा है।

भाषा 10 Jul 2017, 10:05 pm
जयपुर, 10 जुलाई :भाषा: राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान एमजेएसए के रूप में शुरू हुई जल क््रुांति के बाद प्रदेश में वन क््रुांति शुरू हो रही है। पिछले वर्ष जल संरक्षण के लिए जिस जनजागृति के साथ इस अभियान की शुरूआत हुई थी, उसे जन-जन के सहयोग से वन संरक्षण की दिशा में भी आगे बढ़ाया जा रहा है। राजे ने आज गोविन्दपुरा बीड़ गांव में 68वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के पर्यावरण को सुरक्षित भविष्य प्रदान करने के लिए जरूरी है कि हर एक व्यक्ति इस अभियान से जुड़े और अपना योगदान दे। एमजेएसए के दूसरे चरण में प्रदेश में 60 लाख पौधे लगाए जाएंगे। राज्यस्तरीय वन महोत्सव के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों, ब्लॉक एवं पंचायतों में अबतक 15 लाख पौधे लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने दूदू पंचायत समिति के सिरोहीकलां तथा फागी के सांवरियाकलां गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि एमजेएसए के अन्तर्गत किए गए जल संरक्षण कार्यों के कारण इस क्षेत्र में चने की उत्पादकता दोगुनी हो गई। यहां के गांवों में जहां वर्ष में एक ही फसल हो पाती थी, अब दो फसलें मिलने लगी हैं। अभियान के शुरूआती तीन साल में 12000 गांव मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में कवर हो जाएंगे तथा आने वाले सालों में इस अभियान से राज्य को जल आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा। इस अवसर पर केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जल एवं वन संरक्षण के लिए राजस्थान में जिस प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं उनसे यहां का पर्यावरण तो बेहतर बनेगा ही, साथ र्ही 2318ीसे अभियान दुनियाभर के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनकर आएंगे। प्रदेश में पौधारोपण के साथ उनकी जिओ-टैगिंग कराने के नवाचार पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पेड़ों को बचाने और पनपाने के लिए विग्यान और तकनीक का इस्तेमाल किया जाना प्रशंसनीय है। प्रदेश सरकार यह तकनीक पर्यावरण को बचाने के लिये उपयोग में ले रही है। इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, राजस्थान रिवर बेसिन अथॉरिटी के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे, विधायक अशोक परनामी, सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण मौजूद थे। भाषा कुंज

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