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अगुस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में घूसखोरी की पूरी ABCD

यूपीए सरकार के समय में 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वत मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने सामने हैं। क्या है यह पूरा मामला जानिए...

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 28 Apr 2016, 9:24 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम agustawestland chopper deal
अगुस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में घूसखोरी की पूरी ABCD

यूपीए सरकार के समय में 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वत मामले में इटली कोर्ट के फैसले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। क्या है यह पूरा मामला जानिए...


-अगस्त 1999: IAF ने Mi-8 VVIP चॉपर को बदलने का सुझाव दिया।

-मार्च 2002: टेंडर में 4 वेंडर्स ने रुचि दिखाई, पर यूरोकॉप्टर EC-225 ही 6000 मीटर ऊंचा उड़ सकता था।

-नवंबर-दिसंबर 2003: वाजपेयी PMO में NSA ब्रजेश मिश्रा ने 'सिंगल वेंडर' से बचने को रक्षा मंत्रालय और IAF को टेक्निकल जरूरतें हटाने को कहा।

-मार्च 2005-सितंबर 2006: ज्यादा दावेदारों के लिए तकनीकी जरूरतें बदलीं। UPA-1 में प्रणव मुखर्जी रक्षा मंत्री और एसपी त्यागी AIF चीफ थे।

-सितंबर 2006: 12 VVIP चॉपर के नए टेंडर जारी। 3 वेंडर- AW-101, S-92 और Mi-172 (रूस) का आवेदन। बाद में रूस बाहर हुआ।

-अक्टूबर 2006-मार्च 2007: एके एंटनी रक्षा मंत्री बने। त्यागी AIF चीफ पद से रिटायर हुए।


कॉन्ट्रैक्ट
-2008: फील्ड ट्रायल के बाद IAF और SPG ने AW-101 को S-92 पर तरजीह दी।

-फरवरी 2010: अगुस्टा वेस्टलैंड के साथ 556 मिलियन यूरो (3,546 करोड़ रुपये) का कॉन्ट्रैक्ट। प्रणव मुखर्जी वित्त मंत्री थे।

विवाद
-2011-2012 : इटली में भारतीय नेताओं, नौकरशाहों और IAF अधिकारियों को दलालों द्वारा 360 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोप लगे। IAF को 12 में से 3 AW-101 मिले।

-फरवरी 2013: फिनमेकनिका के CEO ओरसी और अगुस्टा वेस्टलैंड चीफ ब्रूनो स्पैग्नोलिनी इटली में अरेस्ट। रक्षा मंत्रालय ने अगुस्टा वेस्टलैंड के सभी भुगतान रोके।

-मार्च 2013: CBI ने पूर्व IAF चीफ एसपी त्यागी, उनके तीन कजन और ओरसी और स्पैग्नोलिनी समेत नौ लोगों के खिलाफ केस किया। नेता या अधिकारी का नाम नहीं आया।

-जनवरी 2014: रक्षा मंत्रालय ने कॉन्ट्रैक्ट रद्द किया। पहले किए भुगतान को कवर करने के लिए अगुस्टा वेस्टलैंड द्वारा दाखिल अडवांस बैंक गैरंटी को भुनाया।

-अक्टूबर 2014: इटली के लोअर कोर्ट ने ओरसी और स्पैग्नोलिनी को हेराफेरी के लिए 2 साल की सजा सुनाई। भ्रष्टाचार के आरोप माफ।

फैसले की अहम बातें
-(अप्रैल 2016): मिलान की अपील्स कोर्ट ने फैसला बदला। भ्रष्टाचार के लिए ओरसी को साढ़े चार साल और स्पैग्नोलिनी को चार साल की सजा।

-भारत सरकार (UPA-2) ने इटली के अभियोजनकर्ताओं को पर्याप्त सबूत और अहम दस्तावेज नहीं दिए। त्यागी को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया।

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