नई दिल्ली
सिक्किम से लगी सीमा पर चीन से तनाव के बीच भारत ने इशारों में साउथ चाइना सी में मुक्त आवाजाही का मुद्दा उठाया है जिसे चीन लगभग पूरी तरह से अपना जल क्षेत्र होने का दावा करता है। भारत को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन ASEAN (असोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस) का भी साथ मिला है, जिसके कई देशों का साउथ चाइना सी के मुद्दे पर चीन से विवाद है।
साउथ चाइना सी का इलाका तेल और गैस से भरा है। दुनिया के कारोबार के लिए बेहद अहम इस समुद्री रूट पर चीन अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है। वह साउथ चाइना सी के मामले में अंतरराष्ट्रीय संधि का पालन करने से इनकार कर चुका है, जबकि भारत और अमेरिका इसे अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र मानते हैं और मुक्त आवाजाही चाहते हैं।
राजधानी में मंगलवार को उद्योग संगठन फिक्की के सहयोग से भारत और आसियान के बीच संवाद के कार्यक्रम दिल्ली डायलॉग की शुरुआत हुई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत और आसियान के देश एकसमान भौगोलिक क्षेत्र शेयर करते हैं। हमारी सुरक्षा चुनौतियां एक जैसी हैं। हमने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गठजोड़ भी किया है। इस सिलसिले में फ्री नैविगेशन और समुद्री कानून पर यूएन की अंतरराष्ट्रीय संधि का पालन जरूरी है।
इस मौके पर आसियान से जुड़े देश विएतनाम के डेप्युटी पीएम फाम बिन्ह मिन्ह ने कहा कि हम राजनीति और सुरक्षा के मामलों के साथ नियमों के आधार पर चलने वाला क्षेत्र बनाने के मामले में भारत के बड़े रोल का स्वागत करते हैं। विएतनाम का चीन के साथ साउथ चाइना सी पर विवाद है। भारत और आसियान के बीच रणनीतिक साझेदारी है। फाम बिन्ह मिन्ह मंगलवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली से भी मिले।
सिक्किम से लगी सीमा पर चीन से तनाव के बीच भारत ने इशारों में साउथ चाइना सी में मुक्त आवाजाही का मुद्दा उठाया है जिसे चीन लगभग पूरी तरह से अपना जल क्षेत्र होने का दावा करता है। भारत को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन ASEAN (असोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस) का भी साथ मिला है, जिसके कई देशों का साउथ चाइना सी के मुद्दे पर चीन से विवाद है।
साउथ चाइना सी का इलाका तेल और गैस से भरा है। दुनिया के कारोबार के लिए बेहद अहम इस समुद्री रूट पर चीन अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है। वह साउथ चाइना सी के मामले में अंतरराष्ट्रीय संधि का पालन करने से इनकार कर चुका है, जबकि भारत और अमेरिका इसे अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र मानते हैं और मुक्त आवाजाही चाहते हैं।
राजधानी में मंगलवार को उद्योग संगठन फिक्की के सहयोग से भारत और आसियान के बीच संवाद के कार्यक्रम दिल्ली डायलॉग की शुरुआत हुई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत और आसियान के देश एकसमान भौगोलिक क्षेत्र शेयर करते हैं। हमारी सुरक्षा चुनौतियां एक जैसी हैं। हमने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गठजोड़ भी किया है। इस सिलसिले में फ्री नैविगेशन और समुद्री कानून पर यूएन की अंतरराष्ट्रीय संधि का पालन जरूरी है।
इस मौके पर आसियान से जुड़े देश विएतनाम के डेप्युटी पीएम फाम बिन्ह मिन्ह ने कहा कि हम राजनीति और सुरक्षा के मामलों के साथ नियमों के आधार पर चलने वाला क्षेत्र बनाने के मामले में भारत के बड़े रोल का स्वागत करते हैं। विएतनाम का चीन के साथ साउथ चाइना सी पर विवाद है। भारत और आसियान के बीच रणनीतिक साझेदारी है। फाम बिन्ह मिन्ह मंगलवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली से भी मिले।