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राम जन्मभूमि मामला: सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी गईं गीता, रामायण

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को बहुप्रतीक्षित राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई शुरू हुई तो हिंदुओं के पवित्र धर्मग्रंथ गीता और रामायण को भी सामने रखा गया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में तीन...

नवभारतटाइम्स.कॉम 8 Feb 2018, 3:36 pm
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को बहुप्रतीक्षित राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई शुरू हुई तो हिंदुओं के पवित्र धर्मग्रंथ गीता और रामायण को भी सामने रखा गया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने साफ कर दिया कि अदालत में कोई भावनात्मक दलीलें न रखी जाएं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साक्ष्य के तौर पर गीता और वाल्मिकी रामायण के कुछ अंश का अंग्रेजी में अनुवाद करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि अयोध्या केस को विवादित जमीन की तरह ही देखा जाएगा। गौर करने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के सामने कुल 42 किताबों को रखा गया है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर किताबों का अनुवाद हो चुका है। अब केवल गीता और रामायण के कुछ अंश का अनुवाद होना बाकी है। अनुवाद के लिए कोर्ट ने समय भी दे दिया है। कोर्ट ने केस से जुड़े विडियो कैसेट भी सभी पक्षों को देने को कहा गया है।

पढ़ें: भूमि विवाद की तरह चलेगा मामला, 14 मार्च को अगली सुनवाई

बताया जा रहा है कि ASI की खुदाई के समय के विडियो भी अदालत में रखे जाएंगे। भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग (ASI) की ओर से 1970, 1992 और 2003 में विवादित भूमि की खुदाई की गई थी। इसके साथ ही गुरुवार को राम मंदिर केस की सुनवाई फिर टल गई। अब 34 दिन बाद 14 मार्च को फिर सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा है कि मंदिर केस में कोई नया पक्ष नहीं जोड़ा जाएगा।

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