नयी दिल्ली, 29 अगस्त :भाषा: बुलंदशहर के सामूहिक दुष्कर्म कांड को राजनीतिक साजिश बताने के उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खां के विवादास्पद बयान पर आज उच्चतम न्यायालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इस मामले में सीबीआई जांच पर रोक लगाते हुए पूछा कि क्या राज्य को उंचे पदों पर बैठे ऐसे लोगों को जघन्य अपराधों पर टिप्पणी करने देनी चाहिए। सीबीआई जांच का आदेश देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हुए न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ ने पीडि़त परिवार की इन आशंकाओं को संग्यान में लिया कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष जांच की संभावना नहीं लगती क्योंकि राज्य के एक मंत्री ने कथित तौर पर इस तरह का बयान दिया है। अदालत ने कहा, इस बीच अंतरिम कदम के रूप में निर्देश दिया जाता है कि 30 जुलाई, 2016 की प्राथमिकी संख्या 0838 से संबंधित :सीबीआई: जांच पर रोक रहेगी। पीठ ने मामले में जांच और सुनवाई को उत्तर प्रदेश से बाहर स्थानांतरित करने की याचिका पर राज्य में शहरी विकास समेत कई विभागों को संभाल रहे आजम खां से और अखिलेश यादव सरकार से जवाब मांगा है। निर्णय के लिए कानूनी प्रश्न निर्धारित करते हुए पीठ ने कहा, जब कोई पीडि़त किसी व्यक्ति या समूह के खिलाफ बलात्कार-सामूहिक बलात्कार-हत्या या ऐसे किसी अन्य जघन्य अपराध का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दाखिल करे तो क्या उच्च पद पर बैठे किसी व्यक्ति को या सरकार में किसी प्रभारी को अपराध पर इस तरह का बयान देने की अनुमति होनी चाहिए कि यह राजनीतिक साजिश का नतीजा है, जबकि व्यक्ति के तौर पर उसका इस अपराध से कोई लेनादेना नहीं है। यह जघन्य घटना 29 जुलाई की रात को घटी थी जब राजमार्ग पर लुटेरों ने नोएडा के एक परिवार की कार को रोका और बंदूक दिखाकर कार में से महिला और उसकी बेटी को निकालकर उनके साथ दुष्कर्म किया।
आजम के बयान की उच्चतम न्यायालय ने की निंदा, बुलंदशहर मामले में सीबीआई जांच पर लगाई रोक
नयी दिल्ली, 29 अगस्त :भाषा: बुलंदशहर के सामूहिक दुष्कर्म कांड को राजनीतिक साजिश बताने के उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खां के विवादास्पद बयान पर आज उच्चतम न्यायालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इस मामले में सीबीआई जांच पर रोक लगाते हुए पूछा कि क्या राज्य को उंचे पदों पर बैठे ऐसे लोगों को जघन्य अपराधों पर टिप्पणी करने देनी चाहिए।
नवभारतटाइम्स.कॉम 29 Aug 2016, 7:37 pm