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सावधान! आपकी कॉल डीटेल पर किसी की नजर है ? जानिए क्या है CDR, कैसे करता है काम और किसे है इसके उपयोग की अनुमति

Call Detail Record News: तथाकथित सीडीआर स्कैंडल यानि कॉल डिटेल रिकॉर्ड स्कैंडल के हाइलाइट होने के बाद एक बार फिकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या आपकी निजता खतरे में है? क्या आपका कॉल रिकॉर्ड किया जा रहा है। ऐसे तमाम सवालों का जवाब आपको इस खबर में मिलेगी।

Curated byउत्कर्ष गहरवार | नवभारतटाइम्स.कॉम 11 Aug 2022, 11:56 am
नई दिल्ली: क्या आपकी निजता का हनन हो रह है? क्या आपकी कॉल डिटेल पर किसी की नजर है? आपको लग रहा होगा कि खबर की शुरुआत में हम आपसे ऐसे सवाल क्यों पूछ रहे हैं। इसकी एक वजह है। हाल ही में तथाकथित सीडीआर स्कैंडल यानि कॉल डिटेल रिकॉर्ड स्कैंडल ने एक बार फिर इन सवालों को हवा दे दी है। इस सीडीआर कांड में पुलिस और प्राइवेट जांच एजेंसियों के बीच के नेक्सेस का खुलासा हुआ है। हम आगे इसकी चर्चा करें इससे पहले यह जान लीजिए कि आखिर यह सीडीआर है क्या।
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सांकेतिक तस्वीर


क्या है कॉल डिटेल रिकॉर्ड और कैसे करता है काम
कॉल डिटेल रिकॉर्ड या आसान शब्दों में कहें तो सीडीआर आपके फोन नंबर से किए गए कॉल और रिसीव किए गए कॉल का डेटा है। इसके अलावा मेटाडेटा में नंबर का लोकेशन और कॉल अवधि की जानकारी भी रहती है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया किआसान शब्दों में कहें तो सीडीआर आपको बताता है कि आपका टार्गेट कौन है और वह किसके संपर्क में है और कितने लंबे समय तक है। इसके अलावा यह रिसीव और भेजे गए मैसेज और टेक्सट को भी कैप्चर करता है। उन्होंने आगे बताया कि हालांकि CDR फोन टैपिंग से अलग है क्योंकि फोन टैपिंग में मैसेज और कॉल के कंटेंट को एक्सेस करने की छूट नहीं होती है।

सीडीआर का हुआ मिसयूज तो हरकत में आई केंद्र सरकार
साल 2016 में पुलिसकर्मियों की ओर से दिल्ली और आस-पास के इलाकों में कॉल डिटेल रिकॉर्ड के दुरुपयोग की जानकारी हाथ लगते ही केंद्र सरकार को गाइडलाइंस में बदलाव करना पड़ा। नए आदेश के अनुसार, सीडीआर के उपयोग की छूट केवल केंद्र में कार्यरत अधिकृत अधिकरी और नोडल अफसरों को ही है। इसके अलावा जिलो में एडिशनल कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर, क्राइम ब्रांच, आर्थिक अपराध शाखा और स्पेशल सेल को भी सीडीआर के उपयोग अनुमति है। सांसदों के केस में उस शहर के पुलिस प्रमुख या कमिश्नर को ही सीडीआर के उपयोग की अनुमति है।

दिल्ली में क्या है मानदंड
सीडीआर के केस में देश की राजधानी दिल्ली में भी इसे लेकर सख्त मानदंड बनाए गए हैं। सीडीआर लेने के लिए प्रत्येक यूनिट से सिंगल बायोमेट्रिक और पासवर्ड इनेबल्ड कंप्यूटर सिस्टम की जरूरत है। पुलिसकर्मी इस सीडीआर का उपयोग न कर पाएं इसके लिए दिल्ली पुलिस के टॉप अधिकारियों ने दिल्ली के सभी जिलों में सभी सिस्टम पर फिंगरप्रिंट डिवाइस को अटैच कर दिया है। इसके लिए डीसीपी को अथॉरिटी दी गई है। वहीं क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल जैसी यूनिट के लिए ACP को इसके लिए विशेषाधिकार दिया गया है।


क्यों होने लगी आपकी कॉल डिटल की बातें
आपके निजता और कॉल डिटेल रिकॉर्ड की बातें करने के पीछे की वजह एक हालिया घटना है। दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जिसमें पुलिसकर्मी और प्राइवेट जांच ऐजेंसी शामिल थी। ये दोनों गैरकानूनी रूप से लोगों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड को बेचने का काम रहे थे। गैंग ने पैसों की लालच में व्यक्ति का सीडीआर, लोकेशन आईटीआर और बैंक स्टेटमेंट ओनरशिप डिटेल्स तक को बेच दिया था। बीते कुछ सालों में 1000 से ज्यादा सीडीआर सामने वाले की डिमांड पर बेचे गए। इसमें मैट्रीमोनियल झगड़े और एकस्ट्रामैरिटल अफेयर्स से संबंधित सीडीआर की संख्या ज्यादा थी। जांच में पता चला कि करीब 3 प्राइवेट जांच ऐजेंसी रडार पर हैं। हालांकि अबतक दिल्ली पुलिस का इसमें कोई संलिप्तता नहीं है बल्कि देश के दूसरे राज्यों की पुलिसकर्मी जरूर इसमें शामिल थे।

कितने में खरीदी जाती है आपकी कॉल डिटेल
कॉल डिटेल को आखिर कितने पैसों में खरीदा जाता है यह सवाल भी आपके मन में आ रहा होगा। आपको यह भी बता देते हैं। एक महीने की कॉल डिटेल रिकॉर्ड की रकम 9000 रुपये, 3 महीने की 15000, 6 महीने की 18000 और 1 साल की सीडीआर की कीमत 25000 रुपये है। 6 महीने के बैंक स्टेटमेंट की रकम 10000 रुपये है वहीं 1 साल पर 15000 रुपये है।
लेखक के बारे में
उत्कर्ष गहरवार
एमिटी और बेनेट विश्वविद्यालय से पत्रकारिता के गुर सीखने के बाद अमर उजाला से करियर की शुरुआत हुई। बतौर एंकर सेवाएं देने के बाद पिछले 2 सालों से नवभारत टाइम्स ऑनलाइन में डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर के पद पर कार्यरत हूं। एंकरिंग और लेखन के अलावा मिमिक्री और थोड़ा बहुत गायन भी कर लेता हूं।... और पढ़ें

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