नई दिल्ली: देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के नए मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। लोगों में इस बीमारी को लेकर थोड़ी बेफिक्री आ गई है। लेकिन क्या ये बीमारी खत्म होने के कगार पर है? अगर कोविड वर्किंग ग्रुप के हेड एन के अरोड़ा की माने तो अभी कम से कम 6 महीने बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। बकौल अरोड़ा अभी कोरोना गया नहीं है। उन्होंने साथ ही सभी लोगों से कोरोना का टीका लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अब स्कूल बंद करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसका नुकसान है।
कोरोना से कम से कम 6 महीने सतर्क रहिए
अरोड़ा ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स के साथ बातचीत में कहा कि अभी कोरोना महामारी खत्म नहीं हुई है। दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां हर रोज कोरोना के 1 लाख मामले रोज आ रहे हैं। कई देशों में कोरोना से लोगों की मौतें हो रही हैं। भारत में भी कोविड-19 के नए केस आ रहे हैं। जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है अगर उनको कोरोना हो रहा है तो उनहे लिए यह बीमारी जानलेवा है।
कोरोना से बचने का एक ही उपाय, टीका लें
यह पूछने पर कि कोरोना को नियंत्रण के लिए क्या किया जाना चाहिए, अरोड़ा कहते हैं कि हमें कोविड-19 से बचने के लिए भीड़भाड़ से बचना चाहिए। मास्क पहनना चाहिए। जिन्होंने कोरोना का बूस्टर डोज नहीं लिया है उन्हें लेना चाहिए। जो बच्चे कोरोना वैक्सीन लेने को योग्य हैं और अगर उन्होंने वैक्सीन नहीं ली है तो वो भी जाकर टीका लें।
नए वैरिएंट से कितना असर?
भारत में ओमीक्रोन के नए सब वैरिएंट B.4 और B.5 मिलने के सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि ये दोनों सब वैरिएंट देश में दो सप्ताह पहले ही मिले हैं। जो इससे पीड़ित हैं, उनको आइसोलेट किया गया है। दुनिया में कहीं भी कोई नया वैरिएंट मिलता है तो हमें ये पता होता है कि हमारे देश में भी इसका देर सवेर मिलना इसका तय है। हमारे लिए अहम ये होता है कि इस वैरिएंट के व्यवहार और संक्रमण को पर नजर बनाए रखें। कोरोना से लड़ने के लिए देश में आगे कैसी तैयारी है? इसपर अरोड़ा ने कहा कि सबसे पहले तो लोगों को यह समझाना जरूरी है कि अभी कोरोना गया नहीं है। हमें लोगों को इससे जागरूक करना होगा। लोगों को ये चेतावनी देनी होगी कि जबतक कोरोना पूरी तरह खत्म न हो जाए तबतक सतर्क रहने की जरूरत है। हम किसी भी चुनौती से निपटने के लिए लगातार बैठकें करते रहते हैं।
अरोड़ा ने कहा कि कार्यालयों में 100 फीसदी क्षमता के साथ काम करने की इजाजत देने से पहले हमें सतर्क होकर सोचना होगा। हमें अपने रोजमर्रा के काम शुरू करने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए। लेकिन यहां यह भी जरूरी है कि सभी प्रकार के ऐहतियात बरते जाएं।
स्कूल तो अब बंद नहीं होंगे
क्या स्कूल बंद किए जाने चाहिए? इस सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि स्कूल तो किसी भी कीमत पर बंद नहीं किए जाने चाहिए। अगर स्कूल बंद कर दिए जाएंगे तो इसके दूसरे तरह के असर होंगे। स्कूल बंद करने का तो कोई सवाल ही नहीं है।
कोरोना से कम से कम 6 महीने सतर्क रहिए
अरोड़ा ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स के साथ बातचीत में कहा कि अभी कोरोना महामारी खत्म नहीं हुई है। दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां हर रोज कोरोना के 1 लाख मामले रोज आ रहे हैं। कई देशों में कोरोना से लोगों की मौतें हो रही हैं। भारत में भी कोविड-19 के नए केस आ रहे हैं। जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है अगर उनको कोरोना हो रहा है तो उनहे लिए यह बीमारी जानलेवा है।
कोरोना से बचने का एक ही उपाय, टीका लें
यह पूछने पर कि कोरोना को नियंत्रण के लिए क्या किया जाना चाहिए, अरोड़ा कहते हैं कि हमें कोविड-19 से बचने के लिए भीड़भाड़ से बचना चाहिए। मास्क पहनना चाहिए। जिन्होंने कोरोना का बूस्टर डोज नहीं लिया है उन्हें लेना चाहिए। जो बच्चे कोरोना वैक्सीन लेने को योग्य हैं और अगर उन्होंने वैक्सीन नहीं ली है तो वो भी जाकर टीका लें।
नए वैरिएंट से कितना असर?
भारत में ओमीक्रोन के नए सब वैरिएंट B.4 और B.5 मिलने के सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि ये दोनों सब वैरिएंट देश में दो सप्ताह पहले ही मिले हैं। जो इससे पीड़ित हैं, उनको आइसोलेट किया गया है। दुनिया में कहीं भी कोई नया वैरिएंट मिलता है तो हमें ये पता होता है कि हमारे देश में भी इसका देर सवेर मिलना इसका तय है। हमारे लिए अहम ये होता है कि इस वैरिएंट के व्यवहार और संक्रमण को पर नजर बनाए रखें।
अरोड़ा ने कहा कि कार्यालयों में 100 फीसदी क्षमता के साथ काम करने की इजाजत देने से पहले हमें सतर्क होकर सोचना होगा। हमें अपने रोजमर्रा के काम शुरू करने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए। लेकिन यहां यह भी जरूरी है कि सभी प्रकार के ऐहतियात बरते जाएं।
स्कूल तो अब बंद नहीं होंगे
क्या स्कूल बंद किए जाने चाहिए? इस सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि स्कूल तो किसी भी कीमत पर बंद नहीं किए जाने चाहिए। अगर स्कूल बंद कर दिए जाएंगे तो इसके दूसरे तरह के असर होंगे। स्कूल बंद करने का तो कोई सवाल ही नहीं है।