नई दिल्ली
बीजेपी को अहमदाबाद के बिजनसमैन दीपकभाई पटेल के रूप में नया 'प्रशांत किशोर' मिल गया है। 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत में सहायता कर चुके पटेल ने यूपी चुनाव में पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह प्रशांत किशोर के पुराने सहयोगियों को एक साथ लेकर आए और पार्टी की जीत की रूपरेखा तैयार की।
पीएम नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम रहने के समय से ही उनके करीबी सहयोगी रहे पटेल, गणेश हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं। बीजेपी इस ग्रुप के चुनाव जीतने वाली कैम्पेनिंग क्षमता को कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों को फतह करने में इस्तेमाल कर सकती है।
पटेल ने मई 2013 में प्रशांत के साथ मिलकर सीएजी (सिटिजन फॉर अकाउंटेबल गर्वनेन्स) तैयार किया था। बीजेपी को 2014 में विजय दिलाने के बाद प्रशांत बिहार में जद (यू) के साथ लग गए। इसके बाद उनकी टीम भी बिखर गई। पिछले वर्ष अक्टूबर में पटेल ने सीएजी के कई पूर्व सदस्यों को एक साथ लेकर आए और ग्रुप को 'असोसिएशन ऑफ ब्रिलियंट माइंड्स' का नाम दिया। उनकी टीम में तमिलनाडु चुनावों में डीएमके के लिए काम कर चुके सुनील कानुगोलू की अगुआई में पूर्व सहयोगियों को जोड़ा गया।
2014 में बीजेपी की जीत का पर्याय बन गए प्रशांत किशोर के धोखा देने के बाद बीजेपी नहीं चाहती कि इसके किसी भी रणनीतिकार की पहचान सामने आए। पटेल ने कहा, 'यूपी में मेरे लायक कोई रोल नहीं था। लखनऊ में मेरे कुछ दोस्त हैं, पिछले 6 महीनों में मैं 4 दिन के लिए वहां गया। मैं 4 दिनों में चुनाव को कैसे मैनेज कर सकता हूं। 2004 में मैरा हर्ट ट्रांसप्लांट हुआ था। मैं नए हर्ट पर जी रहा हूं, चुनावी दबाव को नहीं झेल सकता हूं।'
सूत्रों के अनुसार यह ग्रुप पीएम मोदी और अमित शाह के साथ लगातार संपर्क में बना हुआ था। यह ग्रुप, यूपी के राज्य महासचिव सुनील बंसल और राज्यसभा सांसद भूपिन्दर यादव के साथ मिलकर काम करता रहा। प्रदेश में मोटरसाइकल कैंपेन में इस ग्रुप की प्रमुख भूमिका रही। बीजेपी ने सफेद और भगवा रंग वाली 1650 मोटरसाइकलों को खरीदने के लिए 6 करोड़ रूपये खर्च किया। यह बाइक पार्टी कार्यकर्ताओं में वितरित की गई, जिसका उद्देश्य प्रति दिन 300 घरों तक पहुंचना था।
इस तरह से कई और घोषणाओं के पीछे इस ग्रुप का हाथ था। यूपी के बाद अब बीजेपी इस ग्रुप के साथ मिलकर दक्षिण का दुर्ग फतह करने की तैयारी में रहेगी।
बीजेपी को अहमदाबाद के बिजनसमैन दीपकभाई पटेल के रूप में नया 'प्रशांत किशोर' मिल गया है। 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत में सहायता कर चुके पटेल ने यूपी चुनाव में पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह प्रशांत किशोर के पुराने सहयोगियों को एक साथ लेकर आए और पार्टी की जीत की रूपरेखा तैयार की।
पीएम नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम रहने के समय से ही उनके करीबी सहयोगी रहे पटेल, गणेश हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं। बीजेपी इस ग्रुप के चुनाव जीतने वाली कैम्पेनिंग क्षमता को कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों को फतह करने में इस्तेमाल कर सकती है।
पटेल ने मई 2013 में प्रशांत के साथ मिलकर सीएजी (सिटिजन फॉर अकाउंटेबल गर्वनेन्स) तैयार किया था। बीजेपी को 2014 में विजय दिलाने के बाद प्रशांत बिहार में जद (यू) के साथ लग गए। इसके बाद उनकी टीम भी बिखर गई। पिछले वर्ष अक्टूबर में पटेल ने सीएजी के कई पूर्व सदस्यों को एक साथ लेकर आए और ग्रुप को 'असोसिएशन ऑफ ब्रिलियंट माइंड्स' का नाम दिया। उनकी टीम में तमिलनाडु चुनावों में डीएमके के लिए काम कर चुके सुनील कानुगोलू की अगुआई में पूर्व सहयोगियों को जोड़ा गया।
2014 में बीजेपी की जीत का पर्याय बन गए प्रशांत किशोर के धोखा देने के बाद बीजेपी नहीं चाहती कि इसके किसी भी रणनीतिकार की पहचान सामने आए। पटेल ने कहा, 'यूपी में मेरे लायक कोई रोल नहीं था। लखनऊ में मेरे कुछ दोस्त हैं, पिछले 6 महीनों में मैं 4 दिन के लिए वहां गया। मैं 4 दिनों में चुनाव को कैसे मैनेज कर सकता हूं। 2004 में मैरा हर्ट ट्रांसप्लांट हुआ था। मैं नए हर्ट पर जी रहा हूं, चुनावी दबाव को नहीं झेल सकता हूं।'
सूत्रों के अनुसार यह ग्रुप पीएम मोदी और अमित शाह के साथ लगातार संपर्क में बना हुआ था। यह ग्रुप, यूपी के राज्य महासचिव सुनील बंसल और राज्यसभा सांसद भूपिन्दर यादव के साथ मिलकर काम करता रहा। प्रदेश में मोटरसाइकल कैंपेन में इस ग्रुप की प्रमुख भूमिका रही। बीजेपी ने सफेद और भगवा रंग वाली 1650 मोटरसाइकलों को खरीदने के लिए 6 करोड़ रूपये खर्च किया। यह बाइक पार्टी कार्यकर्ताओं में वितरित की गई, जिसका उद्देश्य प्रति दिन 300 घरों तक पहुंचना था।
इस तरह से कई और घोषणाओं के पीछे इस ग्रुप का हाथ था। यूपी के बाद अब बीजेपी इस ग्रुप के साथ मिलकर दक्षिण का दुर्ग फतह करने की तैयारी में रहेगी।