नई दिल्ली
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में लोगों को मुफ्त कोरोना वायरस वैक्सीन देने का भाजपा का कदम कानूनी रूप से गलत नहीं हो सकता।
तीन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों ने शुक्रवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कोरोना वायरस का मुफ्त टीका देने के भाजपा के वादे में कानूनी रूप से कुछ भी गलत नहीं है। वर्ष 2010 से 2012 के बीच चुनाव आयोग के प्रमुख रहे एस वाई कुरैशी ने कहा कि लेकिन इस कदम से नैतिकता के सवाल उठे हैं क्योंकि आदर्श आचार संहिता पूरी तरह आचार नीति के बारे में ही है।
दिसंबर 2018 में मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त होने वाले ओ पी रावत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय स्पष्ट कर चुका है कि अपने घोषणापत्र में किसी चीज का वादा करने वाली पार्टी को वादा पूरा करने के लिए बजटीय प्रावधानों का भी जिक्र करना चाहिए । रावत ने कहा कि कोई कुछ भी घोषणापत्र में नहीं डाल सकता लेकिन उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि वादों को पूरा करने के लिए पार्टी को बजटीय प्रावधानों का स्पष्टीकरण करना चाहिए। पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए एक अन्य पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि घोषणापत्र जारी करने का समय भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने उल्लेख किया, ‘चुनाव आयोग अब तक इस सुझाव पर अमल नहीं करा पाया है कि घोषणापत्र समय से जारी होने चाहिए ना कि मतदान से ठीक पहले।’
बिहार में कोरोना के मुफ्त टीके के बीजेपी के वादे पर राहुल गांधी का तंज
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था सुझाव
उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार पर अपने फैसले में न्यायालय ने पार्टियों द्वारा किए जाने वाले वादों पर गौर करने के लिए एक तंत्र का सुझाव दिया था। कुरैशी ने कहा, ‘कानूनी तौर पर घोषणापत्र में कुछ भी वादे किए जा सकते हैं। हालांकि न्यायालय ने कहा है कि वादे अतार्किक नहीं होने चाहिए। लेकिन इससे नैतिकता का सवाल उठता है क्योंकि आदर्श आचार संहिता आचार नीति को लेकर ही है। यह कानून नहीं है, इसकी बुनियाद नैतिकता है। ’’ चुनावी वादों के समय की महत्ता पर उन्होंने याद दिलाया कि पंजाब में चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होने पर केंद्र सरकार ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषणा करने के लिए चुनाव आयोग का रूख किया था।
फ्री Vaccine के वादे पर बवाल, अधिकारियों ने कहा, 'पहले भी दी गई है नीति संबंधी वादों की इजाजत'
निर्मला सीतारमण ने जारी किया विजन डॉक्युमेंट
बीते गुरुवार को दिन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार चुनाव के लिए बीजेपी के विजन डॉक्युमेंट को जारी किया। उसमें यह वादा किया गया है कि एनडीए की सरकार आई तो हर बिहारवासी का मुफ्त में टीकाकरण करवाया जाएगा। बीजेपी के इस वादे पर तमाम विपक्षी दलों ने हमला बोला है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि कोरोना की वैक्सीन पूरे देश की है, बीजेपी की नहीं। तमाम दूसरे विपक्षी दलों के नेता भी सवाल कर रहे हैं कि उनके राज्यों के लिए भी ऐसा ऐलान क्यों नहीं किया जा रहा।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में लोगों को मुफ्त कोरोना वायरस वैक्सीन देने का भाजपा का कदम कानूनी रूप से गलत नहीं हो सकता।
तीन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों ने शुक्रवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कोरोना वायरस का मुफ्त टीका देने के भाजपा के वादे में कानूनी रूप से कुछ भी गलत नहीं है। वर्ष 2010 से 2012 के बीच चुनाव आयोग के प्रमुख रहे एस वाई कुरैशी ने कहा कि लेकिन इस कदम से नैतिकता के सवाल उठे हैं क्योंकि आदर्श आचार संहिता पूरी तरह आचार नीति के बारे में ही है।
दिसंबर 2018 में मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त होने वाले ओ पी रावत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय स्पष्ट कर चुका है कि अपने घोषणापत्र में किसी चीज का वादा करने वाली पार्टी को वादा पूरा करने के लिए बजटीय प्रावधानों का भी जिक्र करना चाहिए । रावत ने कहा कि कोई कुछ भी घोषणापत्र में नहीं डाल सकता लेकिन उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि वादों को पूरा करने के लिए पार्टी को बजटीय प्रावधानों का स्पष्टीकरण करना चाहिए। पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए एक अन्य पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि घोषणापत्र जारी करने का समय भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने उल्लेख किया, ‘चुनाव आयोग अब तक इस सुझाव पर अमल नहीं करा पाया है कि घोषणापत्र समय से जारी होने चाहिए ना कि मतदान से ठीक पहले।’
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उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार पर अपने फैसले में न्यायालय ने पार्टियों द्वारा किए जाने वाले वादों पर गौर करने के लिए एक तंत्र का सुझाव दिया था। कुरैशी ने कहा, ‘कानूनी तौर पर घोषणापत्र में कुछ भी वादे किए जा सकते हैं। हालांकि न्यायालय ने कहा है कि वादे अतार्किक नहीं होने चाहिए। लेकिन इससे नैतिकता का सवाल उठता है क्योंकि आदर्श आचार संहिता आचार नीति को लेकर ही है। यह कानून नहीं है, इसकी बुनियाद नैतिकता है। ’’ चुनावी वादों के समय की महत्ता पर उन्होंने याद दिलाया कि पंजाब में चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होने पर केंद्र सरकार ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषणा करने के लिए चुनाव आयोग का रूख किया था।
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निर्मला सीतारमण ने जारी किया विजन डॉक्युमेंट
बीते गुरुवार को दिन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार चुनाव के लिए बीजेपी के विजन डॉक्युमेंट को जारी किया। उसमें यह वादा किया गया है कि एनडीए की सरकार आई तो हर बिहारवासी का मुफ्त में टीकाकरण करवाया जाएगा। बीजेपी के इस वादे पर तमाम विपक्षी दलों ने हमला बोला है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि कोरोना की वैक्सीन पूरे देश की है, बीजेपी की नहीं। तमाम दूसरे विपक्षी दलों के नेता भी सवाल कर रहे हैं कि उनके राज्यों के लिए भी ऐसा ऐलान क्यों नहीं किया जा रहा।