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राजस्थान में कांग्रेस के झगड़े में बीजेपी को क्यों दिख रहा मौका, वेट ऐंड वॉच के मोड में पार्टी

राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन कांग्रेस अंदरूनी खींचतान से जूझ रही है। उसकी कलह में बीजेपी को मौका दिख रहा है। पार्टी के नेता इसे कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई बताकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं लेकिन तेजी से बदलते नाटकीय घटनाक्रम पर उनकी करीबी निगाह है।

Curated byचन्द्र प्रकाश पाण्डेय | नवभारतटाइम्स.कॉम 27 Sep 2022, 3:28 pm

हाइलाइट्स

  • राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सत्ता-संघर्ष पर बीजेपी की करीबी नजर
  • कांग्रेस की लड़ाई में बीजेपी को दिख रहा मौका, वेट ऐंड वॉच मोड में पार्टी
  • राजस्थान में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव, उससे पहले कांग्रेस में घमासान
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नवभारतटाइम्स.कॉम arun singh
राजस्थान के लिए बीजेपी के प्रभारी महासचिव अरुण सिंह
नई दिल्ली : राजस्थान में विधानसभा चुनाव से महज एक साल पहले कांग्रेस में फिर अंतर्कलह तेज है। दो साल पहले सचिन पायलट ने बागी तेवर दिखाए थे लेकिन इस बार अशोक गहलोत कैंप हाई कमान को आंखें दिखा रहा है। कांग्रेस के इस झगड़े में बीजेपी को मौका दिख रहा है और वह राजस्थान में चल रहे इस सियासी ड्रामे पर करीबी निगाह बनाए हुए है। चुनाव से पहले ही बीजेपी को सूबे की सत्ता में आने की उम्मीद बंध गई है।
राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सूबे के मौजूदा हालात के बार में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राजस्थान के लिए बीजेपी के प्रभारी महासचिव अरुण सिंह को फोन पर जानकारी दी है। पार्टी के नेता अभी वेट ऐंड वॉच के मोड में हैं। कांग्रेस के इस अंदरूनी खींचतान का क्या अंजाम होता है, उसी के हिसाब से बीजेपी आगे का कदम उठाएगी।

अरुण सिंह ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा, 'कांग्रेस की ये सरकार जबसे सत्ता में आई है तभी से राजस्थान में कुर्सी का खेल शुरू है। मुझे हैरानी है कि 4 साल बाद भी वे (कांग्रेस) इसे हल नहीं कर पाए हैं। इन सबमें राजस्थान के लोगों को नुकसान हो रहा है। राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है।'

सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2018 के चुनाव अभियान में नौकरियों और किसानों की कर्जमाफी के बड़े-बड़े वादे किए थे। उन्होंने सवाल किया, 'उन्हें आपस में लड़ने से फुर्सत मिले तब तो वे कुछ और पर ध्यान देंगे। अगले साल बीजेपी तीन चौथाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।'

राजस्थान बीजेपी चीफ सतीश पूनिया सोमवार को अजमेर पहुंचे जहां राज्य बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का 3 दिनों का ट्रेनिंग सेशन चल रहा है। एक तरफ कांग्रेस अंदरूनी कलह से जूझ रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी का फोकस चुनाव से पहले नए वोटरों को खुद से जोड़ना है। इसके लिए वह कई आउटरीच कार्यक्रम चला रही है ताकि आदिवासियों, किसानों, अल्पसंख्यकों और दलित समुदाय में अपनी पैंठ मजबूत की जा सके।

पूनिया ने हमारे सहयोगी अखबार ईटी से बातचीत में गहलोत गुट के विधायकों के सामहूक इस्तीफे के 'स्टंट' पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'अगर इतने सारे विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है तो स्पीकर को उनके इस्तीफे को स्वीकार करना चाहिए और स्थिति को स्पष्ट करनी चाहिए।'

कांग्रेस कलह से जूझ तो रही है लेकिन गहलोत गुट इसके लिए बीजेपी को खलनायक बता रहा है। अशोक गहलोत के करीबी और कैबिनेट सहयोगी प्रताप सिंह खाचरियावास ने तो सीधे-सीधे बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रही है। इस पर पूनिया ने कहा, 'उनकी आदत है कि उनकी पार्टी में जो कुछ भी गलत होता है उसके लिए बीजेपी को दोखष देते हैं। यह उनका आंतरिक संकट है। मेरा सुझाव है कि राहुल गांधी को भारत जोड़ो के बजाय सबसे पहले कांग्रेस जोड़ो पर फोकस करना चाहिए।'
लेखक के बारे में
चन्द्र प्रकाश पाण्डेय
चन्द्र प्रकाश पाण्डेय अगस्त 2016 से नवभारतटाइम्स.कॉम में कार्यरत हैं। टीवी पत्रकारिता से शुरुआत कर डिजिटल जर्नलिज्म में कदम रखा। पूर्वी यूपी के एक गांव से ताल्लुक रखते हैं। सीखने-समझने का क्रम जारी है।... और पढ़ें

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