नई दिल्ली: बीजेपी अपने मिशन इलेक्शन के तहत हर वर्ग तक अपनी बात पहुंचाने की रूपरेखा तैयार कर रही है। अनुसूचित जाति मोर्चा चुनाव के लिहाज से अहम है क्योंकि हर राज्य में अनुसूचित जाति के लोगों तक पैठ बनाने और अपनी बात पहुंचाने में यह मोर्चा अहम भूमिका निभाता है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी एल संतोष अनुसूचित जाति मोर्चा के पदाधिकारियों और अनुसूचित जाति से आने वाले सांसदों की मीटिंग लेंगे। इसे पॉलिसी मीटिंग कहा जा रहा है। इसमें मोर्चा के कामों की समीक्षा तो की ही जाएगी साथ ही उन्हें चुनावी राज्यों के लिए टारगेट भी दिया जा सकता है। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि यह अनौपचारिक मीटिंग है और इसमें कोई एक एजेंडा नहीं है। लेकिन मीटिंग में अनुसूचित जाति मोर्चा के कामों पर बात होगी। मोर्चा ने चुनावी राज्यों में ऐसे पोलिंग बूथों की पहचान भी की है जिसमें अनुसूचित जाति के 100 से ज्यादा वोटर हैं। बीजेपी की बूथ कमिटी के अलावा अनुसूचित जाति मोर्चा की टीम इन बूथों पर खास फोकस करेगी। अनुसूचित जाति से आने वाले सांसद भी अपनी राय देंंगे कि किस तरह इस वर्ग में पकड़ मजबूत की जा सकती है। साथ ही इस वर्ग से जुड़े लोग सरकार के बारे में क्या सोचते हैं, इस पर भी फीड बैक देंगे।
इस साल के अंत में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं। हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों की आबादी करीब 25 पर्सेंट है और गुजरात में करीब 8 पर्सेंट। फिर अगले साल कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी चुनाव होने हैं। कर्नाटक में करीब 19 पर्सेंट अनुसूचित जाति के वोटर हैं। यहां चुनावी समर में ये जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं। कर्नाटक में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग की तादात सबसे ज्यादा है। ये कुल आबादी का 32 पर्सेंट हैं। इसी तरह राजस्थान में अनुसूचित जाति की आबादी करीब 18 पर्सेंट है।
इस साल के अंत में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं। हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों की आबादी करीब 25 पर्सेंट है और गुजरात में करीब 8 पर्सेंट। फिर अगले साल कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी चुनाव होने हैं। कर्नाटक में करीब 19 पर्सेंट अनुसूचित जाति के वोटर हैं। यहां चुनावी समर में ये जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं। कर्नाटक में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग की तादात सबसे ज्यादा है। ये कुल आबादी का 32 पर्सेंट हैं। इसी तरह राजस्थान में अनुसूचित जाति की आबादी करीब 18 पर्सेंट है।