(एम जुल्करनैन) लाहौर, 10 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान में एक आतंकवाद रोधी अदालत ने 200 महिला डॉक्टरों और नर्सों को उनके सोशल मीडिया अकांउट के जरिए ब्लैकमेल करने वाले एक ‘साइबर स्टॉकर’ को 24 साल की सजा सुनाई है। यह देश के इतिहास में सोशल मीडिया अपराध से संबंधित जुर्म में किसी दोषी को दी गई अधिकतम सजा है। लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश सज्जाद अहमद ने बुधवार को अब्दुल वहाब को कुल 24 साल की सजा सुनाई और उस पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायाधीश ने वाहब को 14 साल की जेल और 500,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा, उस पर सात साल की कैद की सजा और 100,000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया। इसके बाद उसे तीन साल की जेल की सजा और 100,000 रुपये की सजा दी गई है। अदालत ने कहा कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। साल 2015 में यह मामला सामने आया था कि लाहौर के सरकारी शिक्षण अस्पताल की महिला डॉक्टर और नर्सों समेत करीब 200 महिलाओं का उसने उत्पीड़न किया था या उन्हें ब्लैकमेल किया था। इसके बाद पंजाब के लय्याह जिले के निवासी वहाब को नरन से 2015 में गिरफ्तार किया गया था। दोषी ने खुद को ‘सैन्य खुफिया’ विभाग का अधिकारी बताया और महिलाओं को उनकी आपत्तिजनक तस्वीरों को उनके फेसबुक अकांउट पर डालने की धमकी देकर उनसे पैसे ऐंठे।
सोशल मीडिया के जरिए महिलाओं को ब्लैकमेल करने वाले शख्स को 24 साल की सजा
(एम जुल्करनैन) लाहौर, 10 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान में एक आतंकवाद रोधी अदालत ने 200 महिला डॉक्टरों और नर्सों को उनके सोशल मीडिया अकांउट के जरिए ब्लैकमेल करने वाले एक ‘साइबर स्टॉकर’ को 24 साल की सजा सुनाई है। यह देश के इतिहास में सोशल मीडिया अपराध से संबंधित जुर्म में किसी दोषी को दी गई अधिकतम सजा है। लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश सज्जाद अहमद ने बुधवार को अब्दुल वहाब को कुल 24 साल की सजा सुनाई और उस पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायाधीश ने वाहब को 14 साल की जेल और 500,000 रुपये का जुर्माना
भाषा 10 Jan 2019, 4:18 pm