रफ्तार देने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर करेंगे काम,
समय सीमा तय होगी और डीपीआर के लिए बढ़ाए जाएंगे सलाहकार
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
यूपी के राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए राज्य सरकार डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के लिए समय सीमा तय करेगी ताकि तय वक्त पर निर्माण कार्य शुरू किया जा सके। यह भी तय किया गया है कि अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए अधिक संख्या में सलाहकार नियुक्त किए जाएंगे। दिल्ली के परिवहन भवन में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि सड़क परियोजनाओं के लिए जमीन के अधिग्रहण का कार्य तेजी से किया जाए और भविष्य में डीपीआर बनाने के साथ ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी समानांतर तरीके से शुरू की जाए।
यूपी के राजमार्ग परियोजनाओं को लेकर हुई इस बेठक में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अलावा यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और सड़क परिवहन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और यूपी सरकार के आला अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में यूपी की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की धीमी रफ्तार पर चिंता जताई गई। हालांकि परिवहन मंत्रालय का कहना था कि राज्य सरकार ने जो 109 परियोजनाओं का प्रस्ताव भेजा था, उनमें से 51 में अभी प्रक्रियाएं ही पूरी नहीं हुई हैं। इनमें से 36 तो इसी साल जुलाई में ही भेजी गई थीं।
जिन दस परियोजनाओं को नोटिफाई किया गया है, उनमें से नौ की डीपीआर तो राज्य सरकार ही बना रही है।
बैठक में उपमुख्यमंत्री ने रामबन गमन परियोजना के अंतर्गत सुलतानपुर से प्रतापगढ़ के खराब रास्ते का जिक्र किया गया। इस मामले में एनएचएआई का कहना था कि यहां चूंकि अब तक पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला इसलिए अभी काम किया जाना है। जैसे ही यह मिल जाएगा, काम शुरू किया जाएगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि इलाहाबाद में गंगा नदी पर छह लेन के ब्रिज का ऐलान दो साल पहले किया गया था लेकिन अब तक उसका शिलान्यास नहीं किया गया। परिवहन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस ब्रिज के लिए अब तक डीपीआर और पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली है। लेकिन अब उम्मीद है कि इस साल अक्टूबर तक इसकी मंजूरी आ जाएगी और फिर इसका शिलान्यास किया जाएगा। यूपी सरकार ने अनुरोध किया है कि इस ब्रिज पर तेजी से काम किया जाए ताकि 2019 में जब कुंभ का आयोजन हो तो, तब तक यह ब्रिज तैयार हो जाए।