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Covid-19: केंद्र सरकार ने की मुंबई मॉडल की तारीफ, जानिए कोरोना को काबू करने के लिए बीएमसी ने ऐसा क्या किया

केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के मुंबई मॉडल की तारीफ की है। हेल्थ मिनिस्ट्री में जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बीएमसी के हॉस्पिटल मैनेजमेंट की खास तौर पर तारीफ की। इसके अलावा उन्होंने पुणे का उदाहरण देकर बताया कि कैसे वहां लॉकडाउन से फायदा हुआ और केस पॉजिटिविटी रेट काफी नीचे आई।

Authored byपूनम पाण्डे | नवभारतटाइम्स.कॉम 11 May 2021, 5:14 pm

हाइलाइट्स

  • केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए मुंबई के हॉस्पिटल मैनेजमेंट मॉडल की जमकर तारीफ की
  • हेल्थ मिनिस्ट्री में जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि बीएमसी ने मेन कंट्रोल रूम बनाकर हर मरीज पर रखी नजर
  • अग्रवाल ने लॉकडाउन का फायदा बताया और इसके लिए पुणे का उदाहरण दिया कि कैसे वहां पॉजिटिविटी रेट तेजी से घटी
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नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने कोविड मरीजों के लिए हॉस्पिटल मैनेजमेंट के लिए मुंबई मॉडल की तारीफ की है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने मुंबई में कॉरपोरेशन और राज्य सरकार ने मिलकर जो कदम उठाए हैं उसकी तारीफ की। साथ ही लॉकडाउन का फायदा बताने के लिए पुणे का उदाहरण दिया। हेल्थ मिनिस्ट्री में जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने मुंबई में बीएमसी के हॉस्पिटल मैनेजमेंट की खास तौर पर तारीफ की।
हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि मुंबई में हॉस्पिटल एडमिशन को अच्छे से मैनेज किया गया। उन्होंने कहा कि मुंबई में 24 वॉर्ड के लिए 24 कंट्रोल रूम बनाए गए। जितने भी टेस्ट रिजल्ट आए उन्हें मेन कंट्रोल रूम में ही वॉर्डवाइज अलग-अलग किया गया। फिर वॉर्ड में बने कंट्रोल रूम में भेजा गया। वॉर्ड में बने कंट्रोल रूम में डॉक्टर सहित मेडिकल स्टाफ और एंबुलेंस दी गई। वॉर्ड में जो लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए उनका मेडिकल स्टाफ ने एनालाइज किया कि किसी हॉस्पिटल में एडमिट करने की जरूरत है। जिन्हें हॉस्पिटल की जरूरत है उन्हें एंबुलेंस भेजकर हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। साथ ही मुंबई में 800 एसयूवी को मेकशिफ्ट एंबुलेंस बनाया गया और हॉस्पिटल में खाली बेड के लिए सेंट्रलाइज्ड डैशबोर्ड बनाया गया।

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हेल्थ मिनिस्ट्री ने लॉकडाउन का फायदा बताया और इसके लिए पुणे का उदाहरण दिया। मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी ने कहा कि सख्त कंटेनमेंट का फायदा होता है। अगर पुणे को देखें तो मार्च में वहां केस पॉजिटिविटी 69.7 पर्सेंट थी। जिसके बाद वहां पहले नाइट कर्फ्यू लगाया गया और 29 मार्च से 12 अप्रैल तक एक हफ्ते का कर्फ्यू लगाया गया, इससे केस ग्रोथ में कमी आई। फिर कर्फ्यू को 15 दिन और बढ़ाया गया। जहां लॉकडाउन शुरू होने से पहले केस पॉजिटिविटी 41 पर्सेंट से ज्यादा थी वही अब 23 पर्सेंट पर आ गई है।
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लव अग्रवाल ने कहा कि अब तक देश भर में 1 करोड़ 90 लाख से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। अभी 37 लाख 15 हजार केस एक्टिव केस हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में केसों में कमी देखी जा रही है। यह अर्ली ट्रेंड है पर इसे जारी रखने के लिए प्रयास करते रहने होंगे। 13 राज्यों में एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं। पहले 12 राज्य थे लेकिन अब इसमें मध्य प्रदेश भी जुड़ गया है। 9 राज्य ऐसे हैं जहां 25 पर्सेंट से ज्यादा पॉजिटिविटी है। 533 जिले ऐसे हैं जहां केस पॉजिटिविटी 10 पर्सेंट से ज्यादा हैं और यहां सख्त कदम की जरूरत है। इसमें मध्य प्रदेश के 45, यूपी के 38, महाराष्ट्र के 36, तमिलनाडु के 34, बिहार के 33, कर्नाटक के 28, जिले शामिल हैं।
लेखक के बारे में
पूनम पाण्डे
पूनम पाण्डे नवभारत टाइम्स में असिस्टेंट एडिटर हैं। वह बीजेपी, आरएसएस और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले कवर करती हैं।... और पढ़ें

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