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स्कूलों में जंक फूड पर बाल आयोग सख्त, सभी राज्यों से दिशानिर्देश तय करने को कहा

नयी दिल्ली, 17 जुलाई :भाषा: जंक फूड से बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग :एनसीपीसीआर: ने देश भर के स्कूल की कैंटीनों में इस तरह के खाद्य पदार्थों की उपलब्धता पर रोक लगाने के मकसद से राज्य शिक्षा बोर्डों से कहा है कि वे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड :सीबीएसई: की तरह स्पष्ट दिशानिर्देश तय करें और उसका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें।

नवभारतटाइम्स.कॉम 17 Jul 2016, 12:03 pm
नयी दिल्ली, 17 जुलाई :भाषा: जंक फूड से बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग :एनसीपीसीआर: ने देश भर के स्कूल की कैंटीनों में इस तरह के खाद्य पदार्थों की उपलब्धता पर रोक लगाने के मकसद से राज्य शिक्षा बोर्डों से कहा है कि वे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड :सीबीएसई: की तरह स्पष्ट दिशानिर्देश तय करें और उसका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें। आयोग ने स्कूलों में जंक फूड पर पूरी तरह रोक लगाने के मकसद से हाल ही में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा बोर्डों एवं राज्य बाल आयोगों को पत्र लिखा है। इसमें उसने सीबीएसई के तहत आने वाले स्कूलों में इस केंद्रीय बोर्ड की ओर से तय दिशानिर्देशों का सख्ती से क्रियान्वयन कराने तथा प्रांतीय बोर्डों के स्कूलों के लिए अलग दिशानिर्देश तय करने को कहा है। एनसीपीसीआर के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने भाषा को बताया, स्कूलों की कैंटीन में जंक फूड को लेकर एक दिशानिर्देश तय किया गया था। हम चाहते हैं कि इसका सख्ती से क्रियान्वयन किया जाए। प्रांतीय बोर्डों के स्कूलों के लिए अलग से दिशानिर्देश बनाने की जरूरत है। हमने इसी को लेकर प्रांतीय सरकारों और राज्य बाल आयोगों को पत्र लिखा है। कानूनगो ने कहा, हमारे कहने पर कई जगहों पर राज्य बाल आयोग के लोग स्कूलों में जाकर जंक फूड की स्थिति का पता कर रहे हैं। राज्य शिक्षा बोर्डों से कहा गया है कि वे अलग दिशानिर्देश तय करें और इसका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें। इस साल की शुरूआत में सीबीएसई ने अपने से संबद्ध स्कूलों को एक परिपत्र जारी कर कहा था कि वे अपने यहां की कैंटीनों में चिप्स, कारबोनेटेड ड्रिंक्स, रेडी टू इट नूडल्स, पिज्जा, बर्गर तथा कुछ दूसरे खाद्य पदार्थों की उपलब्धता पर रोक सुनिश्चित करें।

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