नई दिल्ली
ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच एक साल से ज्यादा वक्त से तनाव चल रहा है। फिलहाल हालात स्थिर है और विवाद के तीन बड़े पॉइंट्स से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हुई हैं। लेकिन दोनों देशों की सेनाएं अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी हैं। भारत ने पैंगोंग झील पर पेट्रोलिंग के लिए नई हाई स्पीड बोट ली हैं और अब चीन ने भी पैंगोंग झील पर पेट्रोलिंग के लिए नई बोट तैनात की है। 60 Kmph की रफ्तार से चलती है बोट
सूत्रों के मुताबिक चीन की वेस्टर्न थिएटर कमांड के वेस्ट वॉटर फ्लीट लिए अत्याधुनिक हाई स्पीड बोट ली गई हैं, जिन्हें तैनात भी कर दिया गया है। दो तरह की पेट्रोलिंग बोट को तैनात किया गया है जिसमें एक टाइप 928C बोट है और दूसरी टाइप 928 D वोट है। ये बोट चीन के पहले की पेट्रोलिंग बोट से ज्यादा स्पीड वाली हैं। टाइप 928C बोट की अधिकतम रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा है और इसमें 25 से 30 लोग बैठ सकते है।
टाइप 928 D बोट एक मॉडर्न असॉल्ट बोट है इसकी रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा है और इसमें 11 सैनिक बैठ सकते है। इस बोट में 12.7 एमएम मशीन गन के साथ एक रिमोट वेपन स्टेशन है साथ ही बोट चलाने वाले सैनिकों के लिए मशीन गन के पेडेस्टल भी लगे हुए है।
भारत ने भी खरीदी हैं नई बोट
भारतीय सेना ने भी पैंगोंग झील के लिए हाई स्पीड बोट लेनी शुरू की है। इसी साल जून के महीने से ही भारत को ये बोट मिलनी शुरू हो गई थी जिनकी पैंगोंग झील में तैनात कर दी गई है। ये ज्यादा मजबूत और ज्यादा क्षमता वाली हैं। इससे पहले भारतीय सेना जिन बोट का इस्तेमाल करती है उनमें 16-17 सैनिक आ सकते थे। जो नई बोट हैं इसमें 25-30 सैनिकों के एकसाथ आने की क्षमता है। इनकी स्पीड भी ज्यादा है ताकि चीन अगर कोई हरकत करता है तो यह जल्दी पहुंच सकेंगी।
पाकिस्तान-चीन के साथ भारत के खिलाफ तिकड़ी बना सकता तालिबान, भारत के पास एक ही रामबाण
लगातार बढ़ी है बोट के जरिए पैट्रोलिंगपैंगोग त्सो एरिया में भारतीय सेना तैनात है और सेना की टीम पैंगोग लेक (त्सो मतलब लेक) में बोट के जरिए पेट्रोलिंग करती है। मई में जब ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर तनाव बढ़ने लगा तो चीन ने पैंगोग त्सो में अपनी पेट्रोलिंग बोट की संख्या बढ़ा दी। भारत की तरफ से भी तैनाती उसी तरह बढ़ाई गई जिस तरह चीन ने तैनाती बढ़ाई। पैंगोग त्सो का पश्चिमी हिस्सा जो करीब 45 किलोमीटर है वह भारत के नियंत्रण में है। समुद्र तल से 14000 फीट की ऊंचाई पर पैंगोग त्सो 135 किलोमीटर लंबी लेक है। इसका दो तिहाई हिस्सा चीन के कंट्रोल में है।पैंगोग त्सो शुरू से ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प का एक पॉइंट रहा है।
ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच एक साल से ज्यादा वक्त से तनाव चल रहा है। फिलहाल हालात स्थिर है और विवाद के तीन बड़े पॉइंट्स से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हुई हैं। लेकिन दोनों देशों की सेनाएं अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी हैं। भारत ने पैंगोंग झील पर पेट्रोलिंग के लिए नई हाई स्पीड बोट ली हैं और अब चीन ने भी पैंगोंग झील पर पेट्रोलिंग के लिए नई बोट तैनात की है।
सूत्रों के मुताबिक चीन की वेस्टर्न थिएटर कमांड के वेस्ट वॉटर फ्लीट लिए अत्याधुनिक हाई स्पीड बोट ली गई हैं, जिन्हें तैनात भी कर दिया गया है। दो तरह की पेट्रोलिंग बोट को तैनात किया गया है जिसमें एक टाइप 928C बोट है और दूसरी टाइप 928 D वोट है। ये बोट चीन के पहले की पेट्रोलिंग बोट से ज्यादा स्पीड वाली हैं। टाइप 928C बोट की अधिकतम रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा है और इसमें 25 से 30 लोग बैठ सकते है।
टाइप 928 D बोट एक मॉडर्न असॉल्ट बोट है इसकी रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा है और इसमें 11 सैनिक बैठ सकते है। इस बोट में 12.7 एमएम मशीन गन के साथ एक रिमोट वेपन स्टेशन है साथ ही बोट चलाने वाले सैनिकों के लिए मशीन गन के पेडेस्टल भी लगे हुए है।
भारत ने भी खरीदी हैं नई बोट
भारतीय सेना ने भी पैंगोंग झील के लिए हाई स्पीड बोट लेनी शुरू की है। इसी साल जून के महीने से ही भारत को ये बोट मिलनी शुरू हो गई थी जिनकी पैंगोंग झील में तैनात कर दी गई है। ये ज्यादा मजबूत और ज्यादा क्षमता वाली हैं। इससे पहले भारतीय सेना जिन बोट का इस्तेमाल करती है उनमें 16-17 सैनिक आ सकते थे। जो नई बोट हैं इसमें 25-30 सैनिकों के एकसाथ आने की क्षमता है। इनकी स्पीड भी ज्यादा है ताकि चीन अगर कोई हरकत करता है तो यह जल्दी पहुंच सकेंगी।
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लगातार बढ़ी है बोट के जरिए पैट्रोलिंगपैंगोग त्सो एरिया में भारतीय सेना तैनात है और सेना की टीम पैंगोग लेक (त्सो मतलब लेक) में बोट के जरिए पेट्रोलिंग करती है। मई में जब ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर तनाव बढ़ने लगा तो चीन ने पैंगोग त्सो में अपनी पेट्रोलिंग बोट की संख्या बढ़ा दी। भारत की तरफ से भी तैनाती उसी तरह बढ़ाई गई जिस तरह चीन ने तैनाती बढ़ाई। पैंगोग त्सो का पश्चिमी हिस्सा जो करीब 45 किलोमीटर है वह भारत के नियंत्रण में है। समुद्र तल से 14000 फीट की ऊंचाई पर पैंगोग त्सो 135 किलोमीटर लंबी लेक है। इसका दो तिहाई हिस्सा चीन के कंट्रोल में है।पैंगोग त्सो शुरू से ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प का एक पॉइंट रहा है।