अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल के नेतृत्व वाली पीठ ने एक समिति का गठन किया, जिसमें केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा के मुख्य वन्यजीव वार्डन के अधिकारी शामिल हैं।
पीठ ने 17 सितंबर को दिए आदेश में कहा, ‘‘ हमने मामले पर विचार किया है। हमारी राय है कि इस मुद्दे पर पहले सांविधिक नियामकों की एक संयुक्त समिति द्वारा विचार करने की आवश्यकता है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘ समिति 15 दिन के भीतर अपनी पहली बैठक कर सकती है, मौके पर जा सकती है, हितधारकों के साथ बातचीत कर सकती है और कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए अपनी वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपचारात्मक कार्रवाई कर सकती है। मौके पर जाने के अलावा सभी बैठकें ऑनलाइन भी की जा सकती हैं।’’
अधिकरण, हरियाणा निवासी संजय कुमार द्वारा हरियाणा के पंचकूला के गांव झुरीवाला में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के लिए आवंटित भूमि पर अवैज्ञानिक तरीके से कचरा डाले जाने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
आवेदक के अनुसार, विचाराधीन स्थल ‘खोल-है-रैतन’ वन्यजीव अभयारण्य से 140 मीटर की दूरी पर है और भूजल पर ‘लैंडफिल’ के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए सुरक्षा उपाय आवश्यक हैं।