नई दिल्ली
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अब सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजघाट में धरना देंगी। पहले यह धरना रविवार को होने वाला था लेकिन पार्टी ने इसे अब 23 दिसंबर को आयोजित करने का फैसला किया है। धरना दोपहर 3 बजे से शुरू होगा और रात 8 बजे तक चलेगा। धरने में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी रात 8 तक चलने वाले इस सत्याग्रह धरना में शामिल हो सकती हैं। कांग्रेस की मांग है कि संविधान और इसके तहत लोगों को मिले अधिकारों की रक्षा की जाए। पहले इसका आयोजन रविवार को होने वाला था।
सोनिया के आवास पर शनिवार शाम पार्टी नेताओं की बैठक के बाद शांतिपूर्ण प्रदर्शन का फैसला किया गया। पार्टी नेताओं ने पहले रविवार को महात्मा गांधी के समाधि के पास प्रदर्शन करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में सोमवार का दिन तय किया गया। पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने बयान जारी कर कहा, 'राष्ट्रपति महात्मा गांधी के अहिंसा के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए तानाशाही सरकार के खिलाफ और बाबा साहेब के संविधान को बचाने के लिए पार्टी का सत्याग्रह जारी रहेगा।'
कांग्रेस के बयान के मुताबिक, 'केंद्र और विभिन्न राज्यों में बीजेपी की हठी और तानाशाही सरकार ने कानून-व्यवस्था के नाम पर पुलिस बल का आम लोग पर अंधाधुंध तरीके से इस्तेमाल किया।' पार्टी ने कहा कि इसने स्थिति को और बिगाड़ा और कांग्रेस संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राजनीतिक रणनीतिकार और जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने कहा था कि कांग्रेस के नेता जमीन पर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं और सिर्फ बयान देने का कोई मतलब नहीं है। प्रशांत ने यह बात सोनिया गांधी के विडियो संदेश के संदर्भ में कही थी जिसमें उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाए थे कि वह जनता की आवाज दबा रही है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अब सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजघाट में धरना देंगी। पहले यह धरना रविवार को होने वाला था लेकिन पार्टी ने इसे अब 23 दिसंबर को आयोजित करने का फैसला किया है। धरना दोपहर 3 बजे से शुरू होगा और रात 8 बजे तक चलेगा।
सोनिया के आवास पर शनिवार शाम पार्टी नेताओं की बैठक के बाद शांतिपूर्ण प्रदर्शन का फैसला किया गया। पार्टी नेताओं ने पहले रविवार को महात्मा गांधी के समाधि के पास प्रदर्शन करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में सोमवार का दिन तय किया गया। पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने बयान जारी कर कहा, 'राष्ट्रपति महात्मा गांधी के अहिंसा के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए तानाशाही सरकार के खिलाफ और बाबा साहेब के संविधान को बचाने के लिए पार्टी का सत्याग्रह जारी रहेगा।'
कांग्रेस के बयान के मुताबिक, 'केंद्र और विभिन्न राज्यों में बीजेपी की हठी और तानाशाही सरकार ने कानून-व्यवस्था के नाम पर पुलिस बल का आम लोग पर अंधाधुंध तरीके से इस्तेमाल किया।' पार्टी ने कहा कि इसने स्थिति को और बिगाड़ा और कांग्रेस संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राजनीतिक रणनीतिकार और जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने कहा था कि कांग्रेस के नेता जमीन पर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं और सिर्फ बयान देने का कोई मतलब नहीं है। प्रशांत ने यह बात सोनिया गांधी के विडियो संदेश के संदर्भ में कही थी जिसमें उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाए थे कि वह जनता की आवाज दबा रही है।