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प्रोजेक्ट चीता पर मनमोहन सरकार ने लगाई थी मुहर, कांग्रेस ने ट्वीट के जरिए साधा मोदी सरकार पर निशाना

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए जा रहे चीतों को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा ‘प्रोजेक्ट चीता’ के प्रस्ताव को मनमोहन सिंह की सरकार के शासनकाल में स्वीकृति मिली थी। लेकिन उस समय सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाने के चलते इसमें इतना समय लगा।

dam | Edited byउत्कर्ष गहरवार | भाषा 17 Sep 2022, 12:37 am
नई दिल्ली: कांग्रेस ने नामीबिया से लाए गए चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े जाने से एक दिन पहले शुक्रवार को कहा कि ‘प्रोजेक्ट चीता’ के प्रस्ताव को मनमोहन सिंह की सरकार के शासनकाल में स्वीकृति मिली थी। लेकिन उस समय सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाने के चलते इसमें इतना समय लगा। पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिये ट्वीट किया, ‘प्रोजेक्ट चीता का प्रस्ताव 2008-09 में तैयार हुआ। मनमोहन सिंह जी की सरकार ने इसे स्वीकृति दी। अप्रैल 2010 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश जी अफ्रीका के चीता आउट रीच सेंटर गए।’
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चीता फाइल फोटो


उसने कहा, ‘2013 में उच्चतम न्यायालय ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाई, 2020 में रोक हटी। अब चीते आएंगे’ प्रधानमंत्री मोदी नामीबिया से भारत लाए गए चीतों को शनिवार को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में प्रधानमंत्री द्वारा जंगली चीतों को रहने के लिए मुक्त किया जाना भारत के वन्य जीवन और वन्य जीवों के आवास को पुनर्जीवित करने एवं इसमें विविधता लाने के उनके प्रयासों का हिस्सा है।

ज्ञात हो कि भारत सरकार ने 1952 में देश में चीतों को विलुप्त करार दे दिया था। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के साल वन में 1948 में आखिरी बार चीता देखा गया था। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को कहा कि अत्यधिक शिकार के कारण देश में विलुप्त हो चुके चीते को वापस लाकर भारत पारिस्थितिकी असंतुलन को दूर कर रहा है।

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