निधि शर्मा, नई दिल्ली
अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में खास निर्वाचन क्षेत्र के लिए उसकी जरूरत के मुताबिक मैनिफेस्टो (घोषणा-पत्र) कांग्रेस का ट्रंप कार्ड होगा। अपनी इस स्ट्रैटेजी को अंजाम देने के लिए कांग्रेस यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से प्रत्येक का डेमोग्रॉफिक प्रोफाइल (जनांकिकी संबंधी) तैयार कर रही है।
स्थानीय चुनावी मुद्दों की पहचान करना, राजनीतिक इतिहास का पता लगाना और सभी सीटों पर खास जातियों के समीकरण को समझना इस प्रक्रिया में शामिल है। कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने बताया, 'हम इन मैनिफेस्टो का ढांचा बनाने की प्रक्रिया में हैं। हमें विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट्स के लिए टॉकिंग पॉइंट्स और कैंपेन स्ट्रैटेजी का भी दस्तावेज तैयार करना है।'
यह पहला मौका है, जब कांग्रेस विधानसभा की सीटों के आधार पर मैनिफेस्टो बनाएगी। पार्टी की तरफ से टिकटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने के बाद कैंडिडेट के पास इसमें बदलाव करने की गुंजाइश होगी। एक नेता ने बताया, 'दस्तावेज बहुत बारीकी से की गई स्टडी का नतीजा होगा, लेकिन कैंडिडेट इसमें बदलाव कर सकेंगे और इसके बाद इसे रिलीज किया जाएगा।'
गांवों में कार्यकर्ता तैयार करने पर जोर
इसके अलावा, गांवों के स्तर पर कॉडर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के गांवों में पहले ही 1 लाख कार्यकर्ताओं की पहचान कर ली है, जो कि कैंपेन को हर बूथ तक ले जाएंगे। इन अनुभवी कार्यकर्ताओं की फोटो पहचान और फोन नंबरों के साथ पार्टी यह लिस्ट तैयार कर रही है। ब्लॉक अध्यक्षों को हर गांव में कम से कम 10 प्रतिबद्ध कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की पहचान करने के लिए कहा गया है।
बीजेपी की दलितों तक पहुंच बनाने की मुहिम को टक्कर देने के लिए पार्टी ने हर निर्वाचन क्षेत्र में पांच दलित नेताओं की पहचान का काम शुरू कर दिया है। ये नेता दलित घरों की पहचान करेंगे, जिससे चुने गए कैंडिडेट्स को उन तक पहुंचने में आसानी होगी। पार्टी की स्ट्रैटेजी का एक अहम हिस्सा पुराने 'कांग्रेसी परिवारों' तक पहुंच बनाने का है, जो कि अभी पार्टी से नाराज हैं।
ऐसे घरों की पहचान करने के लिए टीमों को भेजा गया है। यूपी कांग्रेस के एक नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'वह ब्लॉक, जिला और हर जगह कांग्रेसी परिवारों का ख्याल रख रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'वह समस्याओं के बारे में चर्चा कर रहे हैं और उनसे समर्थन मांग रहे हैं।'
अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में खास निर्वाचन क्षेत्र के लिए उसकी जरूरत के मुताबिक मैनिफेस्टो (घोषणा-पत्र) कांग्रेस का ट्रंप कार्ड होगा। अपनी इस स्ट्रैटेजी को अंजाम देने के लिए कांग्रेस यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से प्रत्येक का डेमोग्रॉफिक प्रोफाइल (जनांकिकी संबंधी) तैयार कर रही है।
स्थानीय चुनावी मुद्दों की पहचान करना, राजनीतिक इतिहास का पता लगाना और सभी सीटों पर खास जातियों के समीकरण को समझना इस प्रक्रिया में शामिल है। कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने बताया, 'हम इन मैनिफेस्टो का ढांचा बनाने की प्रक्रिया में हैं। हमें विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट्स के लिए टॉकिंग पॉइंट्स और कैंपेन स्ट्रैटेजी का भी दस्तावेज तैयार करना है।'
यह पहला मौका है, जब कांग्रेस विधानसभा की सीटों के आधार पर मैनिफेस्टो बनाएगी। पार्टी की तरफ से टिकटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने के बाद कैंडिडेट के पास इसमें बदलाव करने की गुंजाइश होगी। एक नेता ने बताया, 'दस्तावेज बहुत बारीकी से की गई स्टडी का नतीजा होगा, लेकिन कैंडिडेट इसमें बदलाव कर सकेंगे और इसके बाद इसे रिलीज किया जाएगा।'
गांवों में कार्यकर्ता तैयार करने पर जोर
इसके अलावा, गांवों के स्तर पर कॉडर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के गांवों में पहले ही 1 लाख कार्यकर्ताओं की पहचान कर ली है, जो कि कैंपेन को हर बूथ तक ले जाएंगे। इन अनुभवी कार्यकर्ताओं की फोटो पहचान और फोन नंबरों के साथ पार्टी यह लिस्ट तैयार कर रही है। ब्लॉक अध्यक्षों को हर गांव में कम से कम 10 प्रतिबद्ध कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की पहचान करने के लिए कहा गया है।
बीजेपी की दलितों तक पहुंच बनाने की मुहिम को टक्कर देने के लिए पार्टी ने हर निर्वाचन क्षेत्र में पांच दलित नेताओं की पहचान का काम शुरू कर दिया है। ये नेता दलित घरों की पहचान करेंगे, जिससे चुने गए कैंडिडेट्स को उन तक पहुंचने में आसानी होगी। पार्टी की स्ट्रैटेजी का एक अहम हिस्सा पुराने 'कांग्रेसी परिवारों' तक पहुंच बनाने का है, जो कि अभी पार्टी से नाराज हैं।
ऐसे घरों की पहचान करने के लिए टीमों को भेजा गया है। यूपी कांग्रेस के एक नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'वह ब्लॉक, जिला और हर जगह कांग्रेसी परिवारों का ख्याल रख रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'वह समस्याओं के बारे में चर्चा कर रहे हैं और उनसे समर्थन मांग रहे हैं।'