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Arvind Kejriwal High Court News : हाई कोर्ट ने क्यों कहा, दिल्ली के मुख्यमंत्री को अपने वादे का सम्मान करना चाहिए

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री के वादे को लेकर अहम टिप्पणी की। जज ने कहा कि सीएम को वादे का सम्मान करना होगा। मुख्यमंत्री एबीसी कारणों से वादे नहीं कर सकते हैं।

Edited byअनुराग मिश्र | भाषा 23 Jul 2021, 11:21 pm

हाइलाइट्स

  • हाई कोर्ट ने कहा, दिल्ली के मुख्यमंत्री को अपने वादे का सम्मान करना चाहिए
  • जज ने कहा, एबीसी कारणों से वह वादे नहीं कर सकते
  • दिल्ली पुलिस के सिपाही के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का है मामला
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नई दिल्ली
हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा कि उसे कोरोना के कारण जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के सिपाही के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने के अपने वादे का सम्मान करना चाहिए। हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि नागरिकों से मुख्यमंत्री का वादा स्पष्ट रूप से लागू करने योग्य है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने मौखिक रूप से हाईकोर्ट द्वारा गुरुवार को दिए गए फैसले का जिक्र करते हुए कहा, ‘आपको वादे का सम्मान करना होगा। मुख्यमंत्री एबीसी कारणों से वादे नहीं कर सकते हैं।’
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हाई कोर्ट ने इस फैसले में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को अरविंद केजरीवाल की उस घोषणा पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था कि यदि कोई गरीब किरायेदार कोविड-19 महामारी के दौरान किराए का भुगतान करने में असमर्थ था, तो राज्य इसका भुगतान करेगा।

न्यायमूर्ति पल्ली ने दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अमित कुमार के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का दिल्ली सरकार को निर्देश दिए जाने के अनुरोध संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री को अपने वादों का सम्मान करना होगा।’ न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार को कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय दिया और मामले को चार अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया।

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सीएम के ट्वीट का भी जिक्र
न्यायमूर्ति पल्ली ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह द्वारा दिए गए फैसले का भी उल्लेख किया जिसमें यह कहा गया था कि नागरिकों से मुख्यमंत्री का वादा स्पष्ट रूप से लागू करने योग्य है। पेश मामले में अदालत ने कहा कि याचिका मुख्य रूप से मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए गए ट्वीट पर आधारित है जिसमें उनके द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया था कि कांस्टेबल अमित कुमार के परिवार के सदस्यों को एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
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दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा, नहीं दे सकते
दिल्ली सरकार ने अदालत में दाखिल अपने जवाब में कहा कि कुमार को राशि नहीं दी जा सकती क्योंकि वह कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात नहीं थे। दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी के माध्यम से दायर जवाब में कहा गया है कि कुमार के मामले की कैबिनेट के फैसले के संदर्भ में जांच की गई और उन्हें इसमें शामिल नहीं पाया गया क्योंकि उन्हें दिल्ली सरकार ने कोविड -19 ड्यूटी पर तैनात नहीं किया था और दो नवंबर, 2020 को डीसीपी, उत्तर पश्चिम को इस फैसले से अवगत कराया गया था।

कांस्टेबल कुमार की पत्नी पूजा ने अधिवक्ता संदीप सहगल और आनंद प्रकाश शर्मा के माध्यम से दाखिल अपनी याचिका में कहा कि वह अपने पति की मौत के एक दिन बाद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए मुआवजे के वादे के अनुरूप अनुग्रह राशि पाने के लिए दर-दर भटक रही हैं।
लेखक के बारे में
अनुराग मिश्र
साइंस में ग्रैजुएट होने के बाद मीडिया की पढ़ाई की। डिप्लोमा के बाद मीडिया मैनेजमेंट में MBA, रेडियो से करियर की शुरुआत। आज, आज समाज, अमर उजाला में प्रिंट जर्नलिज्म के बाद नवभारतटाइम्स डॉट कॉम में कार्यरत। पेशे से पत्रकार, दिल से ठेठ इलाहाबादी।... और पढ़ें

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