नयी दिल्ली, 27 दिसंबर भाषा शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने राजस्थान जा रही एक ट्रेन में सवार यात्री के हीरों एवं आभूषणों की चोरी के लिये रेलवे को 2.7 लाख रुपये के भुगताने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा कि यात्री द्वारा मदद की पुकार लगाये जाने के बाद भी रेलवे का कोई अधिकारी उसकी मदद को नहीं आया । राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग एनसीडीआरसी की पीठ ने रेलवे की पुनर्विचार याचिका ठुकराते हुये राजस्थान की रहने वाली जस्मीन मान को उसके चोरी गये आभूषण और नकदी के लिये 2.3 लाख रुपये के भुगतान का निर्देश दिया। आयोग ने निचले आयोग के आदेश को सही ठकराया और रेलवे को आभूषणों की कीमत के अलावा 10,000 रुपये की कानूनी खर्चे समेत 30,000 रुपये का मुआवजा भुगतान करने को कहा। शिकायत के मुताबिक आठ फरवरी 2011 को मान सुपरफास्ट ट्रेन की एसी बोगी में दिल्ली के सराय रोहिल्ला से राजस्थान के गंगानगर जा रही थी। शिकायत में दावा किया गया कि ट्रेन जब अगली सुबह गंगानगर स्टेशन पहुंची, तब कुछ अग्यात लोगों ने उसके हाथ वाला बैग छीन लिया, जिसमें आभूषण और 2.3 लाख रुपये की नगदी थी। इसमें कहा गया कि वह बैग के साथ बोगी के दरवाजे तक घिसटती रही और इसी खींचतान में उसके बैग की चैन टूट गयी और लुटेरे धीरे धीरे चल रही ट्रेन से उतरकर भाग गये। इसके बाद मान ने अगले स्टेशन में आरपीएफ से इसकी शिकायत की। भाषा
उपभोक्ता आयोग ने ट्रेन से चोरी हुये आभूषणों के लिये रेलवे को मुआवजा देने के आदेश दिये
नयी दिल्ली, 27 दिसंबर भाषा शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने राजस्थान जा रही एक ट्रेन में सवार यात्री के हीरों एवं आभूषणों की चोरी के लिये रेलवे को 2.7 लाख रुपये के भुगताने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा कि यात्री द्वारा मदद की पुकार लगाये जाने के बाद भी रेलवे का कोई अधिकारी उसकी मदद को नहीं आया ।
भाषा 27 Dec 2017, 10:30 pm