नई दिल्ली: देश में तीसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद पहली बार कोरोना के मरीज बढ़ने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली के साथ-साथ नोएडा-गाजियाबाद में जिस तेजी से संक्रमण बढ़ा है उसने लोगों में टेंशन पैदा कर दी है। खास बात यह है कि कोरोना ऐसे समय में बढ़ रहा है जब बच्चे दो साल के बाद स्कूल जाना (School Corona News) शुरू कर चुके हैं। दिल्ली में एक हफ्ते में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की दर 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2.70 प्रतिशत पहुंच गई। डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल घबराने की स्थिति नहीं है क्योंकि डेली केसेज अब भी कम हैं। हालांकि उन्होंने आगाह किया है कि लोगों को सतर्क रहना है और सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन करना चाहिए। पिछले सात दिनों में दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में रोज आने वाले कोविड-19 के औसत मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि देश में रोज आने वाले नए केसेज की संख्या घटकर 800 से नीचे आ गई है। यह 2 साल में सबसे कम है। डॉक्टर कह रहे हैं कि लक्षण मामूली हैं और अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत काफी कम पड़ रही है। ऐसे टेंशन भरे माहौल में तीन बैड न्यूज और तीन गुड न्यूज भी है। बड़े अस्पतालों के फिजिशियनों का कहना है कि स्कूल फिर से खुल गए और कई बच्चे कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं और इस बात की संभावना है कि संक्रमण एक से दूसरे में फैल रहा है।
तीन बैड न्यूज
1. एक हफ्ते पहले राजधानी दिल्ली में कोविड पॉजिटिविटी रेट 1 प्रतिशत से भी कम था और अब 2.7% पहुंच गया है।
2. हरियाणा में पिछले कुछ दिनों में कोरोना केस में करीब 50% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
3. स्वास्थ्य सचिव ने केस बढ़ने को लेकर केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और मिजोरम सरकारों को पत्र लिखकर अलर्ट किया है।
तीन गुड न्यूज
1. एक्सपर्ट का कहना है कि अभी कोरोना के मामले कम आ रहे हैं और इससे नई लहर आने की संभावना फिलहाल नहीं है।
2. कुछ शहरों में केस बढ़े हैं लेकिन देशभर में कोरोना के मामले 2 साल में सबसे कम हो गए हैं।
3. डॉक्टरों का कहना है कि मोटे तौर पर लक्षण मामूली हैं और अस्पताल में भर्ती होने की संख्या कम है।
हालांकि एक्सपर्ट की चिंता इस बात को लेकर है कि कई राज्यों में मास्क अब अनिवार्य नहीं रह गया है। मैक्स हेल्थकेयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर संदीप बुद्धिराजा ने कहा कि शांतिपूर्ण माहौल के बाद अब कुछ हेल्प कॉल आने लगी हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों के परिवारों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। अच्छी बात यह है कि किसी भी पैरेंट्स को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। लेकिन यह सच्चाई है कि केस बढ़ रहे हैं।
12 साल से कम उम्र के बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लग रही है और वे पूरी तरह से असुरक्षित हैं। ऐसे में स्कूलों में कोरोना के मामले आने लगे हैं। नोएडा के डीपीएस स्कूल में 8 बच्चे कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। जिले के निजी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले 26 स्टूडेंट्स कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। गाजियाबाद के सेंट फ्रांसिस स्कूल और केआर मंगलम स्कूल से भी कोरोना के मामले आए हैं। कुछ समय के लिए स्कूल भी बंद करने पड़े।
गुजरात में भी कोरोना केस बढ़ रहे हैं। गुजरात नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी में 63 केस आ चुके हैं। एक्सई वैरिएंट का मामला पता चला है लेकिन अभी केंद्र सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि 24 घंटे में इसकी पुष्टि हो सकती है कि यह XE वैरिएंट था या नहीं।
डॉक्टर नाराज, मास्क अनिवार्य क्यों नहीं
फोर्टिस अस्पताल की डॉ. ऋचा सरीन दिल्ली सरकार के उस आदेश की लगातार आलोचना कर रही हैं जिसमें कहा गया है कि अब मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है। डॉक्टर ने कहा कि यह स्थायी फैसला नहीं है और अगर परिस्थितियां पैदा होती हैं, तो नियमों को फिर से बदला जा सकता है। डॉक्टरों ने सहमति जताई है कि टीकाकरण और 'हर्ड इम्यूनिटी' ने लोगों को निश्चित रूप से सुरक्षा कवच प्रदान किया है।
दो साल से अधिक समय के बाद महाराष्ट्र और दिल्ली में मास्क पहनने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। कोविड संक्रमण के मद्देनजर सार्वजनिक रूप से मास्क पहनना अनिवार्य था और इस नियम का पालन नहीं करने पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया था। लेकिन अब लोग बिना टेंशन बाजारों में बिना मास्क के निकल रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मास्क कोरोना वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ सबसे प्रभावी उपाय है।
देश में इस समय बूस्टर डोज लगाई जा रही है और बड़ी आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक दी जा चुकी है। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के 137 नए मामले दर्ज किए गए थे। इस दौरान संक्रमण दर बढ़कर 2.70 प्रतिशत हो गई थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
आत्मसंतुष्टि की भावना ठीक नहीं
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि बड़े पैमाने पर जनता के बीच आत्मसंतुष्टि की भावना पैदा हुई है, और यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि लोग अपनी जांच नहीं करवा रहे हैं और हल्के बुखार और सर्दी का इलाज घर पर ही कर रहे हैं। फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि संक्रमण के नए स्वरूप का खतरा कितना वास्तविक है, डॉक्टर ने कहा, 'अभी इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि वायरस का एक्सई स्वरूप ओमीक्रॉन की तुलना में हल्का होगा या डेल्टा स्वरूप की तुलना में अधिक घातक होगा। हालांकि अगर यह डेल्टा जैसा होता, तो अब तक असर दिखा चुका होता।'
WHO ने एक्सई स्वरूप के खिलाफ चेतावनी जारी की है। ओमीक्रॉन का यह नया स्वरूप पहली बार ब्रिटेन में पाया गया और इसके बारे में डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह अब तक के किसी भी कोविड-19 स्वरूप से अधिक खतरनाक हो सकता है। एक्सई स्वरूप ओमीक्रॉन के दोनों उपस्वरूप बीए1 और बीए2 का कॉम्बिनेशन है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि गुजरात से कोविड-19 के एक्सई स्वरूप के नमूने का अनुक्रमण विश्लेषण अभी चल रहा है और जल्द ही परिणाम आने की उम्मीद है। राज्य के एक अधिकारी ने कहा था कि गुजरात ने अपना पहला एक्सई स्वरूप का मामला दर्ज किया था, जब मुंबई के एक व्यक्ति ने वडोदरा की यात्रा के दौरान कोविड-19 के लिए परीक्षण करवाया था। वह संक्रमित पाया गया था। बताया जा रहा है कि एक्सई वेरिएंट का कन्फर्मेशन 24 घंटे में आ सकता है
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है इसलिए सभी को सावधानी बरतनी होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश की 97 प्रतिशत से अधिक पात्र जनसंख्या को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है और 85 प्रतिशत को दोनों खुराक लग चुकी हैं।
तीन बैड न्यूज
1. एक हफ्ते पहले राजधानी दिल्ली में कोविड पॉजिटिविटी रेट 1 प्रतिशत से भी कम था और अब 2.7% पहुंच गया है।
2. हरियाणा में पिछले कुछ दिनों में कोरोना केस में करीब 50% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
3. स्वास्थ्य सचिव ने केस बढ़ने को लेकर केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और मिजोरम सरकारों को पत्र लिखकर अलर्ट किया है।
तीन गुड न्यूज
1. एक्सपर्ट का कहना है कि अभी कोरोना के मामले कम आ रहे हैं और इससे नई लहर आने की संभावना फिलहाल नहीं है।
2. कुछ शहरों में केस बढ़े हैं लेकिन देशभर में कोरोना के मामले 2 साल में सबसे कम हो गए हैं।
3. डॉक्टरों का कहना है कि मोटे तौर पर लक्षण मामूली हैं और अस्पताल में भर्ती होने की संख्या कम है।
हालांकि एक्सपर्ट की चिंता इस बात को लेकर है कि कई राज्यों में मास्क अब अनिवार्य नहीं रह गया है। मैक्स हेल्थकेयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर संदीप बुद्धिराजा ने कहा कि शांतिपूर्ण माहौल के बाद अब कुछ हेल्प कॉल आने लगी हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों के परिवारों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। अच्छी बात यह है कि किसी भी पैरेंट्स को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। लेकिन यह सच्चाई है कि केस बढ़ रहे हैं।
दैनिक मामलों में वृद्धि हुई है, जैसा कि सोमवार को दर्ज किया गया था पिछले कुछ दिनों से संक्रमण दर बढ़ रही है, और यह 2.70 प्रतिशत हो गई है। लेकिन, मैं कहूंगी कि घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि दैनिक मामलों की संख्या अब भी 130-150 की सीमा में है। हालांकि, सतर्क रहने और सभी कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता है।
12 साल से कम उम्र के बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लग रही है और वे पूरी तरह से असुरक्षित हैं। ऐसे में स्कूलों में कोरोना के मामले आने लगे हैं। नोएडा के डीपीएस स्कूल में 8 बच्चे कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। जिले के निजी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले 26 स्टूडेंट्स कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। गाजियाबाद के सेंट फ्रांसिस स्कूल और केआर मंगलम स्कूल से भी कोरोना के मामले आए हैं। कुछ समय के लिए स्कूल भी बंद करने पड़े।
गुजरात में भी कोरोना केस बढ़ रहे हैं। गुजरात नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी में 63 केस आ चुके हैं। एक्सई वैरिएंट का मामला पता चला है लेकिन अभी केंद्र सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि 24 घंटे में इसकी पुष्टि हो सकती है कि यह XE वैरिएंट था या नहीं।
डॉक्टर नाराज, मास्क अनिवार्य क्यों नहीं
फोर्टिस अस्पताल की डॉ. ऋचा सरीन दिल्ली सरकार के उस आदेश की लगातार आलोचना कर रही हैं जिसमें कहा गया है कि अब मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है। डॉक्टर ने कहा कि यह स्थायी फैसला नहीं है और अगर परिस्थितियां पैदा होती हैं, तो नियमों को फिर से बदला जा सकता है। डॉक्टरों ने सहमति जताई है कि टीकाकरण और 'हर्ड इम्यूनिटी' ने लोगों को निश्चित रूप से सुरक्षा कवच प्रदान किया है।
दो साल से अधिक समय के बाद महाराष्ट्र और दिल्ली में मास्क पहनने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। कोविड संक्रमण के मद्देनजर सार्वजनिक रूप से मास्क पहनना अनिवार्य था और इस नियम का पालन नहीं करने पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया था। लेकिन अब लोग बिना टेंशन बाजारों में बिना मास्क के निकल रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मास्क कोरोना वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ सबसे प्रभावी उपाय है।
जहां दैनिक मामले बढ़ रहे हैं, वहीं मास्क पहनने की अनिवार्यता को खत्म करने के आदेश के बाद से लोगों के बीच खुशी की लहर पैदा हो गई है। जब तक हम सतर्क रहते हैं, सभी कोविड-उपयुक्त व्यवहारों का पालन करते हैं और विशेष रूप से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनते हैं, तब तक मुझे कोई नई लहर नहीं दिखती है। लेकिन, जिस तरह मैं इंटरनेट पर देख रहा हूं कि लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं, इनमें बहुत से लोगों ने मास्क नहीं पहना है, जिसका मतलब होगा कि मामले और बढ़ सकते हैं।
देश में इस समय बूस्टर डोज लगाई जा रही है और बड़ी आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक दी जा चुकी है। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के 137 नए मामले दर्ज किए गए थे। इस दौरान संक्रमण दर बढ़कर 2.70 प्रतिशत हो गई थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
आत्मसंतुष्टि की भावना ठीक नहीं
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि बड़े पैमाने पर जनता के बीच आत्मसंतुष्टि की भावना पैदा हुई है, और यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि लोग अपनी जांच नहीं करवा रहे हैं और हल्के बुखार और सर्दी का इलाज घर पर ही कर रहे हैं। फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि संक्रमण के नए स्वरूप का खतरा कितना वास्तविक है, डॉक्टर ने कहा, 'अभी इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि वायरस का एक्सई स्वरूप ओमीक्रॉन की तुलना में हल्का होगा या डेल्टा स्वरूप की तुलना में अधिक घातक होगा। हालांकि अगर यह डेल्टा जैसा होता, तो अब तक असर दिखा चुका होता।'
WHO ने एक्सई स्वरूप के खिलाफ चेतावनी जारी की है। ओमीक्रॉन का यह नया स्वरूप पहली बार ब्रिटेन में पाया गया और इसके बारे में डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह अब तक के किसी भी कोविड-19 स्वरूप से अधिक खतरनाक हो सकता है। एक्सई स्वरूप ओमीक्रॉन के दोनों उपस्वरूप बीए1 और बीए2 का कॉम्बिनेशन है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि गुजरात से कोविड-19 के एक्सई स्वरूप के नमूने का अनुक्रमण विश्लेषण अभी चल रहा है और जल्द ही परिणाम आने की उम्मीद है। राज्य के एक अधिकारी ने कहा था कि गुजरात ने अपना पहला एक्सई स्वरूप का मामला दर्ज किया था, जब मुंबई के एक व्यक्ति ने वडोदरा की यात्रा के दौरान कोविड-19 के लिए परीक्षण करवाया था। वह संक्रमित पाया गया था। बताया जा रहा है कि एक्सई वेरिएंट का कन्फर्मेशन 24 घंटे में आ सकता है
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है इसलिए सभी को सावधानी बरतनी होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश की 97 प्रतिशत से अधिक पात्र जनसंख्या को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है और 85 प्रतिशत को दोनों खुराक लग चुकी हैं।