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अंडमान निकोबार में कोरोना वायरस के सभी मरीज ठीक, लुप्तप्राय जनजातियों तक नहीं पहुंचने दिया घातक वायरस

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तक कोरोना का पहुंचना हाथ-पांव फुला देनेवाला था। दरअसल, वहां लुप्तप्राय जनजातियां रहती हैं जिनमें से कुछ का बाहरी दुनिया से संपर्क तक नहीं है। अगर उनतक टूरिस्ट या लोकल के जरिए कोरोना पहुंच जाता तो उनका खात्मा ही हो जाता।

नवभारतटाइम्स.कॉम 17 Apr 2020, 3:17 pm
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए गुरुवार को एक अच्छी खबर आई। वहां कोरोना वायरस के कुल 11 जो मरीज थे वे सभी के सभी ठीक हो गए। इसके साथ अंडमान और निकोबार के लिए राहत वाली बात यह रही कि लुप्तप्राय जनजातियों को इससे संक्रमण से बचाने के लिए उठाए गए कदम काम कर गए और उन्हें भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
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अंडमान निकोबार में कोरोना वायरस के सभी मरीज ठीक, लुप्तप्राय जनजातियों तक नहीं पहुंचने दिया घातक वायरस


पिछले 77 साल में पहली बार दुनिया से कटा अंडमान

कोरोना वायरस की वजह से पहली बार ऐसा हुआ कि अंडमान द्वीप समूह को दुनिया से काट दिया गया। ऐसे कठोर कदम 2004 में सूनामी के दौरान भी नहीं उठाए गए थे।

​तबलीगी जमात से आया था अंडमान में कोरोना

अंडमान तक कोरोना उन 9 लोगों की वजह से पहुंचा था जो दिल्ली मरकज में शामिल हुए थे। शुरुआती 10 मरीजों में से 9 मरकज के थे। 10वां केस मरकज में शामिल शख्स की पत्नी का था।

रहती हैं 6 जनजातियां

अंडमान और निकोबार में छह जनजातियां रहती हैं। इसमें ग्रेट अंडमानी, जारवा, ओन्गे, शोमेन, निकोबारी शामिल है। इनके अलावा सेंटीनल प्रजाति भी है, लेकिन वह बाहर की दुनिया से संपर्क नहीं रखती।

जारवा सिर्फ यहां बची है, सेंटीनल ने अमेरिकी को मार दिया था

अंडमान में रहनेवाली जनजातियाों क्यों खास है यह जान लीजिए। जारवा जनजाति के लोग पूरी दुनिया में सिर्फ अंडमान में ही बचे हैं। वहीं सेंटीनल को एकांत इतना भाता है कि उनकी तरफ गए एक अमेरिकी टूरिस्ट को उन्होंने साल 2018 में तीर से मार गिराया था।

​रोग-प्रतिरोधक शक्ति कम, इसलिए डर ज्यादा

अंडमान और निकोबार में मिलनेवाली जनजातियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम बताई जाती है। ऐसे में कोरोना का संक्रमण करीब उनके लिए घातक हो सकता है। ऐसा पहले खसरे का रोग कर चुका है, जिसने वहां रहनेवाले ग्रेट अंडमानीज की ज्यादातर जनसंख्या को खत्म कर दिया था। बताया जाता है कि सभी जनजातियों के मिलाकर वहां 1000 लोग होंगे।

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