नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट को निरस्त करने के लिये दायर एक याचिका सोमवार को खारिज कर दी। इस याचिका में दावा किया गया था कि संविधान में अंतरिम बजट का कोई प्रावधान नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा की याचिका खारिज करते हुये कहा कि वह इस पर विचार करने की इच्छुक नहीं है। मनोहर लाल शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से यह याचिका दायर की थी। शर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि संविधान में पूर्ण बजट और लेखानुदान पेश करने का ही प्रावधान है। चुनाव वर्ष के दौरान सीमित अवधि के दौरान सरकारी खर्च के लिये लेखानुदान का प्रावधान है जबकि बाद में निर्वाचित सरकार पूर्ण बजट पेश करती है। लोक सभा में एक फरवरी को अंतिरम बजट पेश किया गया था जिसमे मध्यम वर्ग और किसानों के लिये अनेक राहतों की घोषणा की गयी थी। शीर्ष अदालत ने भारतीय रिजर्व बैंक से संबंधित एक मुद्दे को लेकर वित्त मंत्री अरूण जेटली के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने पर पिछले साल दिसंबर में मनोहर लाल शर्मा पर 50,000 रूपए का जुर्माना भी किया था।
न्यायालय ने एक फरवरी का अंतरिम बजट निरस्त करने के लिये दायर याचिका खारिज की
नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट को निरस्त करने के लिये दायर एक याचिका सोमवार को खारिज कर दी। इस याचिका में दावा किया गया था कि संविधान में अंतरिम बजट का कोई प्रावधान नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा की याचिका खारिज करते हुये कहा कि वह इस पर विचार करने की इच्छुक नहीं है। मनोहर लाल शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से यह याचिका दायर की थी। शर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि संविधान में पूर्ण बजट और लेखानुदान
भाषा 18 Feb 2019, 1:39 pm