नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दक्षिण भारतीय व्यंजनों के लिये मशहूर सर्वना रेस्तरां श्रृंखला के मालिक पी राजगोपाल और अन्य दोषियों की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा बरकार रखी है। राजगोपाल को रेस्तरां के ही कर्मचारी प्रिंस संतकुमार की अक्टूबर, 2001 में हत्या के अपराध में आठ अन्य आरोपियों के साथ निचली अदालत ने दोषी ठहराया था। न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौडार की पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के 2009 के फैसले के खिलाफ दायर आठ अपील खारिज कर दीं। शीर्ष अदालत ने राजगोपाल सहित सभी दोषियों को सात जुलाई तक समर्पण करने और अपनी सजा पूरी करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने इस हत्याकांड में राजगोपाल और अन्य दोषियों को निचली अदालत से मिली दस साल की कैद की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया था।
न्यायालय ने सर्वना रेस्तरां श्रृंखला के मालिक की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा रखी बरकरार
नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दक्षिण भारतीय व्यंजनों के लिये मशहूर सर्वना रेस्तरां श्रृंखला के मालिक पी राजगोपाल और अन्य दोषियों की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा बरकार रखी है। राजगोपाल को रेस्तरां के ही कर्मचारी प्रिंस संतकुमार की अक्टूबर, 2001 में हत्या के अपराध में आठ अन्य आरोपियों के साथ निचली अदालत ने दोषी ठहराया था। न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौडार की पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के 2009 के फैसले के खिलाफ दायर आठ अपील खारिज कर दीं। शीर्ष अदालत ने राजगोपाल सहित
भाषा 29 Mar 2019, 5:48 pm