नई दिल्ली
दिल्ली सरकार को कोरोना की तीसरी लहर का डर है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर ब्रिटेन का हवाला दिया है। सीएम ने कहा है कि वहां तीसरी लहर का प्रकोप बढ़ा है। केस में लगातार इजाफा हो रहा है। वह भी तब है जब ब्रिटेन में 45 फीसदी लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इसे देखते हुए हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठा जा सकता है।
सीएम ने कहा कि तीसरी लहर आने की आशंका काफी वास्तविक है। जब तीसरी लहर आएगी, तो हम यह नहीं कह सकते कि हमने कुछ नहीं किया। इस वक्त सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। ऑक्सिजन स्टोरेज टैंक का काम शुरू किया गया है। प्रत्येक स्टोरेज टैंक 57-57 टन क्षमता के हैं। इसके अलावा लगभग 13.5 टन क्षमता के दो ऑक्सिजन उत्पादन प्लांट का उद्घाटन किया गया है।
करनी होगी तैयारी
शनिवार को इस विषय में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हमें पूरी तैयारी करनी पड़ेगी। हम लोग हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे हैं। दिल्ली इंडस्ट्रियल राज्य नहीं है। दिल्ली ऑक्सिजन का उत्पादन नहीं करता है। दिल्ली के अस्पतालों में जो प्रतिदिन ऑक्सिजन चाहिए, वह बहुत कम मात्रा में चाहिए होती है और वह दिल्ली के बाहर से आती है। लेकिन, कोरोना की इस लहर के दौरान दिल्ली में ऑक्सिजन की जरूरत बहुत ज्यादा बढ़ गई। जब कोरोना नहीं था, तब दिल्ली में अस्पतालों को रोजाना करीब 150 टन मेडिकल ऑक्सिजन की जरूरत होती थी।
अचानक बढ़ी ऑक्सिजन की जरूरत
सीएम ने बताया कि इंडस्ट्रियल ऑक्सिजन की थोड़ी बहुत जरूरत होती है। वहीं, कोरोना की इस लहर में दिल्ली को प्रतिदिन 700 टन तक ऑक्सिजन की जरूरत पड़ी। मुख्यमंत्री के मुताबिक, जो भी मरीज आ रहा था, उसको ऑक्सिजन की जरूरत पड़ रही थी। न तो दिल्ली के पास खुद का उत्पादन था और न तो टैंकर। केंद्र सरकार ने अगर हमें हरियाणा और यूपी से ऑक्सिजन लाने के लिए कहा भी, तो उसे लाने के लिए हमारे पास टैंकर नहीं थे।
तीसरी लहर न आने की प्रार्थना
सीएम ने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कोरोना की यह तीसरी लहर न आए। हम लोगों का वैक्सीनेशन कार्यक्रम अच्छा चल रहा है। जब वैक्सीन की कमी होती है, तब दिक्कत आती है। नहीं तो पिछले हफ्ते दिल्ली सरकार की ओर से शुरू किया गया ‘जहां वोट, वहां वैक्सीनेशन’ कार्यक्रम बहुत अच्छा चल रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि तीसरी लहर न आए और अगर आएगी भी, तो हम लोग इसी तरह मिलकर उसका सामना करेंगे।
दिल्ली सरकार को कोरोना की तीसरी लहर का डर है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर ब्रिटेन का हवाला दिया है। सीएम ने कहा है कि वहां तीसरी लहर का प्रकोप बढ़ा है। केस में लगातार इजाफा हो रहा है। वह भी तब है जब ब्रिटेन में 45 फीसदी लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इसे देखते हुए हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठा जा सकता है।
सीएम ने कहा कि तीसरी लहर आने की आशंका काफी वास्तविक है। जब तीसरी लहर आएगी, तो हम यह नहीं कह सकते कि हमने कुछ नहीं किया। इस वक्त सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। ऑक्सिजन स्टोरेज टैंक का काम शुरू किया गया है। प्रत्येक स्टोरेज टैंक 57-57 टन क्षमता के हैं। इसके अलावा लगभग 13.5 टन क्षमता के दो ऑक्सिजन उत्पादन प्लांट का उद्घाटन किया गया है।
करनी होगी तैयारी
शनिवार को इस विषय में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हमें पूरी तैयारी करनी पड़ेगी। हम लोग हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे हैं। दिल्ली इंडस्ट्रियल राज्य नहीं है। दिल्ली ऑक्सिजन का उत्पादन नहीं करता है। दिल्ली के अस्पतालों में जो प्रतिदिन ऑक्सिजन चाहिए, वह बहुत कम मात्रा में चाहिए होती है और वह दिल्ली के बाहर से आती है। लेकिन, कोरोना की इस लहर के दौरान दिल्ली में ऑक्सिजन की जरूरत बहुत ज्यादा बढ़ गई। जब कोरोना नहीं था, तब दिल्ली में अस्पतालों को रोजाना करीब 150 टन मेडिकल ऑक्सिजन की जरूरत होती थी।
अचानक बढ़ी ऑक्सिजन की जरूरत
सीएम ने बताया कि इंडस्ट्रियल ऑक्सिजन की थोड़ी बहुत जरूरत होती है। वहीं, कोरोना की इस लहर में दिल्ली को प्रतिदिन 700 टन तक ऑक्सिजन की जरूरत पड़ी। मुख्यमंत्री के मुताबिक, जो भी मरीज आ रहा था, उसको ऑक्सिजन की जरूरत पड़ रही थी। न तो दिल्ली के पास खुद का उत्पादन था और न तो टैंकर। केंद्र सरकार ने अगर हमें हरियाणा और यूपी से ऑक्सिजन लाने के लिए कहा भी, तो उसे लाने के लिए हमारे पास टैंकर नहीं थे।
तीसरी लहर न आने की प्रार्थना
सीएम ने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कोरोना की यह तीसरी लहर न आए। हम लोगों का वैक्सीनेशन कार्यक्रम अच्छा चल रहा है। जब वैक्सीन की कमी होती है, तब दिक्कत आती है। नहीं तो पिछले हफ्ते दिल्ली सरकार की ओर से शुरू किया गया ‘जहां वोट, वहां वैक्सीनेशन’ कार्यक्रम बहुत अच्छा चल रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि तीसरी लहर न आए और अगर आएगी भी, तो हम लोग इसी तरह मिलकर उसका सामना करेंगे।