मुंबई
साल 2017 में बेनेट कोलमैन/टाइम्स नेटवर्क ने अपने ट्रेडमार्क्स 'News Hour' और 'Nation Wants to Know' की रक्षा के लिए अर्णब गोस्वामी की कंपनी एआरजी आउटलियर मीडिया के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का केस किया था।
इस मामले में, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जयंत नाथ की सिंगल बेंच ने शुक्रवार को अपने अंतरिम आदेश में अर्णब गोस्वामी की कंपनी एआरजी आउटलियर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को 'News Hour' या ऐसे किसी भी ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी जो बेनेट कोलमैन के ट्रेडमार्क 'News Hour' से मिलता-जुलता दिखता हो।
पढ़ें: मुंबई पुलिस कमिश्नर के खिलाफ चलाई विद्रोह की खबर, Republic के एंकर-संपादकों पर केस
'NATION WANTS TO KNOW' टैगलाइन को लेकर कोर्ट ने कहा कि इसे सभी सबूतों के विस्तृत एग्जामिनेशन की जरूरत है इसलिए फिलहाल एआरजी को इसे अपने न्यूज चैनलों आदि पर स्पीच/प्रेजेंटेशन के हिस्से के तौर पर इजाजत दी जाती है।
हालांकि, कोर्ट ने आदेश दिया कि अगर एआरजी आउटलियर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड अपनी किसी सेवा/वस्तु के ट्रेडमार्क के रूप में 'NATION WANTS TO KNOW' का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उन्हें इस तरह के इस्तेमाल के लिए अकाउंट रखने होंगे। ऐसे अकाउंट्स को हर 6 महीने में एआरजी के किसी डायरेक्टर की तरफ से अदालत में एक हलफनामे के जरिए नियमित तौर पर दायर करने होंगे। सिंगल जज बेंच ने टैगलाइन 'NATION WANTS TO KNOW'के औचित्य के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं दिया और कहा कि साक्ष्यों के रखे जाने के बाद इसका फैसला होगा।
इसी तरह, 2017 में टाइम्स नेटवर्क ने दिल्ली हाई कोर्ट में एआरजी आउटलियर के खिलाफ ब्रीच ऑफ कॉन्फिडेंशियलिटी (गोपनीयता भंग) का सूट दायर किया था। इस मामले में एआरजी आउटलियर ने कोर्ट में अंडरटेकिंग दी थी कि वे TIMES NOW के प्रोग्रामिंग मटैरियल्स का अपने चैनल पर इस्तेमाल नहीं करेंगे और इसी आधार पर उन्हें राहत दी गई थी।
साल 2017 में बेनेट कोलमैन/टाइम्स नेटवर्क ने अपने ट्रेडमार्क्स 'News Hour' और 'Nation Wants to Know' की रक्षा के लिए अर्णब गोस्वामी की कंपनी एआरजी आउटलियर मीडिया के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का केस किया था।
इस मामले में, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जयंत नाथ की सिंगल बेंच ने शुक्रवार को अपने अंतरिम आदेश में अर्णब गोस्वामी की कंपनी एआरजी आउटलियर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को 'News Hour' या ऐसे किसी भी ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी जो बेनेट कोलमैन के ट्रेडमार्क 'News Hour' से मिलता-जुलता दिखता हो।
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'NATION WANTS TO KNOW' टैगलाइन को लेकर कोर्ट ने कहा कि इसे सभी सबूतों के विस्तृत एग्जामिनेशन की जरूरत है इसलिए फिलहाल एआरजी को इसे अपने न्यूज चैनलों आदि पर स्पीच/प्रेजेंटेशन के हिस्से के तौर पर इजाजत दी जाती है।
हालांकि, कोर्ट ने आदेश दिया कि अगर एआरजी आउटलियर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड अपनी किसी सेवा/वस्तु के ट्रेडमार्क के रूप में 'NATION WANTS TO KNOW' का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उन्हें इस तरह के इस्तेमाल के लिए अकाउंट रखने होंगे। ऐसे अकाउंट्स को हर 6 महीने में एआरजी के किसी डायरेक्टर की तरफ से अदालत में एक हलफनामे के जरिए नियमित तौर पर दायर करने होंगे। सिंगल जज बेंच ने टैगलाइन 'NATION WANTS TO KNOW'के औचित्य के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं दिया और कहा कि साक्ष्यों के रखे जाने के बाद इसका फैसला होगा।
इसी तरह, 2017 में टाइम्स नेटवर्क ने दिल्ली हाई कोर्ट में एआरजी आउटलियर के खिलाफ ब्रीच ऑफ कॉन्फिडेंशियलिटी (गोपनीयता भंग) का सूट दायर किया था। इस मामले में एआरजी आउटलियर ने कोर्ट में अंडरटेकिंग दी थी कि वे TIMES NOW के प्रोग्रामिंग मटैरियल्स का अपने चैनल पर इस्तेमाल नहीं करेंगे और इसी आधार पर उन्हें राहत दी गई थी।