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दिल्ली दंगा : अदालत ने व्यक्ति को जमानत दी, कहा-वह भीड़ का हिस्सा नहीं था

नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में सांप्रदायिक दंगे से जुड़े एक मामले में एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है कि वह दंगाई भीड़ का हिस्सा नहीं था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने मोहम्मद मोबिन अली को 20,000 रुपये की जमानत राशि और इतने के ही मुचलके पर राहत दे दी। अदालत ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज के दो हिस्से हैं । पहले भाग में सह आरोपी मोहम्मद जावेद खान, मोहम्मद अनस और अन्य तलवार और लाठियां आदि लिए हुए नजर आए। वहीं

भाषा 8 Aug 2020, 9:50 pm
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में सांप्रदायिक दंगे से जुड़े एक मामले में एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है कि वह दंगाई भीड़ का हिस्सा नहीं था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने मोहम्मद मोबिन अली को 20,000 रुपये की जमानत राशि और इतने के ही मुचलके पर राहत दे दी। अदालत ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज के दो हिस्से हैं । पहले भाग में सह आरोपी मोहम्मद जावेद खान, मोहम्मद अनस और अन्य तलवार और लाठियां आदि लिए हुए नजर आए। वहीं दूसरे भाग में याचिकाकर्ता (मोबिन) भी नजर आया । वह निहत्था था और काफी शांत लग रहा था। ’’ अदालत ने कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज पर गौर करने से प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता दंगाई भीड़ का हिस्सा नहीं था। ’’ अदालत ने निर्देश दिया कि मोबिन को न्यू उस्मानपुर क्षेत्र में शांति और सौहार्द्र बनाए रखना चाहिए और मामले में किसी भी गवाह को प्रभावित या सबूतों से छेड़छाड़ का प्रयास नहीं करना चाहिए । मोबिन को गैरकानूनी रूप से जमावड़े का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस समूह के सदस्य क्षेत्र में दंगा में कथित तौर पर संलिप्त रहे थे।

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