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Delhi News: चुनाव प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल करना आप उम्मीदवार को पड़ा भारी, NCPCR ने की FIR दर्ज करने की मांग

NCPCR यानि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर चुनाव प्रचार में बच्चों के इस्तेमाल को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। इस पत्र में राजेंद्र नगर विधानसभा उपचुनाव में आप उम्मीदवार दुर्गेश पाठक के प्रचार अभियान में नाबालिगों का इस्तेमाल करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है।

dam | Edited byउत्कर्ष गहरवार | भाषा 20 Jun 2022, 11:34 pm
नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा है। इस पत्र में राजेंद्र नगर विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी उम्मीदवार दुर्गेश पाठक के प्रचार अभियान में नाबालिगों का इस्तेमाल करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है। आयोग ने इस मुद्दे पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भी पत्र लिखा है और आप नेता द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। दोनों ही पत्रों में एनसीपीसीआर ने कहा कि उसे भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता से शिकायत मिली थी।
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दुर्गेश ठाकुर आम आदमी पार्टी


एनसीपीसीआर ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो प्रदान किया गया है जिसमें नजर आ रहा है कि नाबालिग बच्चों को पर्चे बांटने, पोस्टर चिपकाने , बैनर टांगने तथा अभियान रैलियों में हिस्सा लेने के लिए पारिश्रमिक भोगी श्रमिक के सस्ते विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।’

आयोग ने आगे कहा , ‘राजेंद्र नगर निर्वाचन क्षेत्र में इन बच्चों का रोजाना 100 रूपये देकर कथित रूप से शोषण किया जा रहा है और उन्हें आम आदमी पार्टी एवं उसके प्रत्याशी के पर्चों के साथ भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है... बाल श्रम का चुनाव संबंधी गतिविधियों में इस्तेमाल।’ आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि पाठक स्वयं दिल्ली राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य हैं और ऐसी हरकत कर वह आयोग के उद्देश्य की खुली अवहेलना कर रहे हैं।

एनसीपीसीआर ने पुलिस उपायुक्त (मध्य) को लिखे पत्र में यह भी कहा कि यह हरकत प्रथम दृष्टया किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम, 2015 की धारा 75, बाल एवं किशोर श्रम (रोकथाम एवं विनिमयम) अधिनियम, 1986 , संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) एवं अनुच्छेद 23 (बलात श्रम से संरक्षण का अधिकार) , भादंसं की संबंधित धाराओं तथा चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। उसने कहा कि इसलिए आयोग आपसे प्राथमिकी दर्ज करने एवं जांच करने का अनुरोध करता है।

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