जयपुर, 20 जनवरी :: आरएसएस के विचारक दत्तात्रेय होसबोले ने आज दावा किया कि वाम उदारपंथी इतिहासकारों द्वारा भारत में इतिहास का विकृत संस्करण पढ़ाया जा रहा है जिन्होंने नेहरू युग से ही देश के बुद्धिजीवी वर्ग में अपना एकाधिकार बना रखा है। उन्होंने कहा कि धर्म को कक्षाओं से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए। जयपुर साहित्य महोत्सव के परिसंवाद सत्र में उन्होंने कहा कि भारत में पढ़ाये जाने वाले इतिहास और शिक्षा प्रणाली में बदलाव की महती आवश्यकता है। उनके अनुसार यह देश की मान्यताओं पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या जो इतिहास पढ़ाया जा रहा है उससे भारत की युवा पीढ़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना विशिष्ट स्थान बना पाएगी। इसका जवाब भी उन्होंने स्वयं दिया कि नहीं। होसबोले ने कहा कि इतिहास एवं शिक्षा प्रणाली में बदलाव की मांग केवल आरएसएस की नहीं है। आजादी के बाद से कई अन्य वर्ग भी इसकी मांग करते आ रहे हैं। इसके लिए कई आयोग भी बनाए गए। हमारी शिक्षा प्रणाली हमारे राष्ट्र की मान्यताओं, हमारे इतिहास के अनुरूप होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वाम उदारवादियों ने शिक्षा एवं मीडिया वर्गों में अपना दबदबा बनाए रखा और दूसरे लोगों को अपना पक्ष नहीं रखने दिया। उनकी सहिष्णुता इसी बात से देखी जा सकती है कि इस सत्र में आरएसएस के लोग आ रहे हैं तो उन्होंने सत्र का बहिष्कार कर दिया। यही उनकी असहिष्णुता है। उन्होंने कहा कि स्कूली छात्रों को आर्य आक्रमण का सिद्धांत पढ़ाया जा रहा है। आक्रमण की बात को बीबीसी ने नकार दिया है। समाजिक अध्येयताओं ने भी कहा है कि कोई आर्य आक्रमण नहीं हुआ था।
इतिहास का विकृत संस्करण पढ़ाया जा रहा है भारत में : होसबोले
जयपुर, 20 जनवरी :भाषा: आरएसएस के विचारक दत्तात्रेय होसबोले ने आज दावा किया कि वाम उदारपंथी इतिहासकारों द्वारा भारत में इतिहास का विकृत संस्करण पढ़ाया जा रहा है जिन्होंने नेहरू युग से ही देश के बुद्धिजीवी वर्ग में अपना एकाधिकार बना रखा है।
नवभारतटाइम्स.कॉम 20 Jan 2017, 10:20 pm