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मोहम्मद जुबैर पर ईडी का फंदा, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में होगी खातों की जांच

मोहम्‍मद जुबैर की दिक्‍कतें बढ़ने वाली है। दिल्‍ली पुलिस के बाद अब उनके खिलाफ ईडी का फंदा भी पड़ता दिख रहा है। जांच एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जुबैर के खातों की जांच करेगी। दिल्ली पुलिस ने बताया था कि जुबैर के खातों में कई लेनदेन पाए गए हैं। यह लेनदेन काफी बड़ी मात्रा में हुआ है।

Edited byअमित शुक्‍ला | आईएएनएस 1 Jul 2022, 11:29 pm
नई दिल्ली: ऑल्ट न्यूज (Alt News) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को जुबैर की प्राथमिकी, रिमांड के कागजात और खाते से संबंधित जानकारी सौंपने को कहा है। एजेंसी जुबैर के मामले में जांच शुरू करने वाली है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जुबैर के खातों में कई लेन-देन पाए गए हैं।
नवभारतटाइम्स.कॉम zubair ed delhi police


ईडी के सूत्रों ने कहा कि जुबैर के खाते में भारी लेनदेन देखने को मिला है। वे इसकी जांच करना चाहते हैं कि कहीं धन की हेराफेरी तो नहीं हुई। अगर ईडी को सबूत मिलते हैं, तो वह जुबैर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी कार्रवाई और जांच भी शुरू करेगी।

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गिरफ्तारी के बाद फिलहाल जुबैर दिल्ली पुलिस की हिरासत में है। पत्रकार को गुरुवार को अपने इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स बरामद करने के लिए बेंगलुरु ले जाया गया था। ईडी ने इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

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प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी जुबैर ने एक पुरानी हिंदी फिल्म के स्क्रीन-ग्रैब का इस्तेमाल किया था, जिसमें एक होटल की तस्वीर दिखाई गई थी, जिसके बोर्ड पर 'हनीमून होटल' के बजाय 'हनुमान होटल' लिखा हुआ था।

जुबैर ने अपने ट्वीट में लिखा था, '2014 से पहले: हनीमून होटल। 2014 के बाद: हनुमान होटल।'

शिकायतकर्ता ने दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए लिखा था, 'हमारे भगवान हनुमान जी को हनीमून से जोड़ना हिंदुओं का सीधा अपमान है, क्योंकि वह ब्रह्मचारी हैं। कृपया इसके खिलाफ कार्रवाई करें।'
लेखक के बारे में
अमित शुक्‍ला
पत्रकारिता और जनसंचार में पीएचडी की। टाइम्‍स इंटरनेट में रहते हुए नवभारतटाइम्‍स डॉट कॉम से पहले इकनॉमिकटाइम्‍स डॉट कॉम में सेवाएं दीं। पत्रकारिता में 15 साल से ज्‍यादा का अनुभव। फिलहाल नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में असिस्‍टेंट न्‍यूज एडिटर के रूप में कार्यरत। टीवी टुडे नेटवर्क, दैनिक जागरण, डीएलए जैसे मीडिया संस्‍थानों के अलावा शैक्षणिक संस्थानों के साथ भी काम किया। इनमें शिमला यूनिवर्सिटी- एजीयू, टेक वन स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (नोएडा) शामिल हैं। लिंग्विस्‍ट के तौर पर भी पहचान बनाई। मार्वल कॉमिक्स ग्रुप, सौम्या ट्रांसलेटर्स, ब्रह्मम नेट सॉल्यूशन, सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी और लिंगुअल कंसल्टेंसी सर्विसेज समेत कई अन्य भाषा समाधान प्रदान करने वाले संगठनों के साथ फ्रीलांस काम किया। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। देश-विदेश के साथ बिजनस खबरों में खास दिलचस्‍पी।... और पढ़ें

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