महाराष्ट्र से प्रवासियों का पलायन
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार रात को ऐलान किया कि बुधवार रात से सूबे में 15 दिनों तक लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू होंगी। अगले ही दिन मुंबई, पुणे जैसे बड़े शहरों के रेलवे स्टेशनों पर प्रवासियों की भीड़ उमड़ गई। पिछले लॉकडाउन के कड़वे अनुभवों के मद्देनजर बड़ी तादाद में लोग अपने-अपने राज्यों के लिए लौटने को बेताब दिखे। तस्वीर मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर की है। (तस्वीर- रॉयटर्स)
रेलवे स्टेशन में एंट्री के लिए लंबा इंतजार
मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर प्रवासियों की इतनी भीड़ जुटी कि स्टेशन में एंट्री के लिए यात्रियों को इंतजार करना पड़ा। बाहर लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई थीं।
राशन जमा करने की होड़
मुंबई में बुधवार रात से मिनी लॉकडाउन लागू होने से पहले सुपर मार्केट्स के बाहर लोगों की भीड़ उमड़ गई। लोग ट्रॉलियों में राशन के सामान भरकर बाहर निकल रहे थे तो कई सुपरमार्केट में जाने का इंतजार कर रहे थे। (तस्वीर- रॉयटर्स)
सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, अन्य जगहों से भी लोगों का पलायन
प्रवासियों का पलायन सिर्फ महाराष्ट्र से नहीं हो रहा। दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद जैसे दूसरे शहरों से भी बड़ी तादाद में लोग लॉकडाउन की आशंका में अपने-अपने घरों के लिए निकल रहे हैं। तस्वीर दिल्ली की है जहां लोग लॉकडाउन की आशंका में एक बार फिर अपने-अपने घरों के लिए रवाना होने लगे हैं। एक साल पहले देशभर में प्रवासियों के पलायन की दर्दनाक तस्वीरें आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। इस बार गनीमत सिर्फ यह है कि ट्रेनें, बसें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट चालू हैं।
नाइट कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन का डर, गुरुग्राम से घर लौटने लगे प्रवासी मजदूर
अस्पतालों में बेड नहीं
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर इतनी बिकराल है कि अस्पताल के अस्पताल मरीजों से अटे-पड़े हैं। नए मरीजों के लिए बेड तक उपलब्ध नहीं है। तस्वीर पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल (NMCH) की है जहां कोरोना मरीजों के परिजन इलाज के लिए अस्पताल के बेड का इंतजार कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि स्थिति अच्छी नहीं है। पिछली बार से बहुत ज्यादा मरीज इस बार आ रहे हैं। यह कहानी सिर्फ पटना की नहीं है। तकरीबन पूरे देश की है।
अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में ही इलाज के लिए लगी लाइन
अहमदाबाद में हालात बेहद खराब हैं। अस्पतालों के बाहर कोरोना मरीजों की लाइन लगी है। बुधवार को एक कोविड अस्पताल के बाहर तो एंबुलेंस ही लाइनों में लगे थे। भीतर मरीज अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। (फोटो- रॉयटर्स)
इमर्जेंसी में ढूंढे नहीं मिल रहे एंबुलेंस
अहमदाबाद के अस्पताल में इतनी ज्यादा तादाद में कोरोना मरीज पहुंच रहे हैं कि कुछ जगह मरीजों को एंबुलेंस के भीतर से अपनी बारी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। मरीजों की संख्या को देखते हुए एंबुलेंस कम पड़ गए हैं। ऊपर से अस्पतालों के बाहर लाइन में लगने से इमर्जेंसी में एंबुलेंस तलाश रहे मरीजों और उनके परिजनों को मायूसी हाथ लग रही है। देश के कई हिस्सों में एंबुलेंस के अभाव में समय रहते मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे।
टेंशन बढ़ाने वाली है कुंभ मेले की यह तस्वीर
हरिद्वार कुंभ में 'शाही स्नान' के दौरान गंगा नदी में साधु-संतों के अलावा बड़ी तादाद में आम लोगों ने डुबकी लगाई। भीड़ का यह आलम तब है जब कुंभ में हिस्सा लेने वाले अखाड़ा परिषद के प्रमुख नरेंद्र गिरि समेत कई संत और आम श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। (तस्वीर- रॉयटर्स)
सूरत में कोविड मरीजों की सामूहिक अंत्येष्टि
सूरत में हालात किस कदर डरावने हैं इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि शहर के श्मशान घाटों में कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करते हुए शवों की सामूहिक अंत्येष्टि हो रही है। ऐसी सूरत सिर्फ सूरत में नहीं बल्कि लखनऊ, रांची समेत देश के कई दूसरे शहरों में भी है।