उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मोहन लाल और अमन ने दो महीने पहले नकली कीटनाशक बनाने के लिये हिरण कुडना गांव में दो गोदाम किराये पर लिए थे। पुलिस के मुताबिक इन लोगों ने नौ लाख रुपये का शुरुआती निवेश किया था।
पुलिस ने बताया कि एक कीटनाशक कंपनी के प्रतिनिधि ने शिकायत में आरोप लगाया कि कोई उनकी कंपनी के नाम पर नकली उत्पाद बनाकर कंपनी के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कर रहा है।
उन्होंने कहा कि 30 जुलाई को मुंडका में निर्माण इकाई में छापा मारकर विभिन्न कंपनियों के नाम वाले नकली उत्पाद भारी मात्रा में जब्त किये गए।
पुलिस उपायुक्त (बाहरी दिल्ली) परविंदर सिंह ने कहा कि मोहन लाल, अमन, विजय और राजिंदर विभिन्न कंपनियों के नाम पर नकली कीटनाशक उत्पाद बनाने और उसकी बिक्री में संलिप्त थे। वे विभिन्न फसलों के बीज की बिक्री भी करते थे।
उन्होंने कहा कि संयंत्र में मिले नकली कच्चे माल और मशीनों को जब्त कर लिया गया है।
सिंह ने कहा कि पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ कि मोहन लाल का दामाद नवीन तीस हजारी रोड स्थित इंद्रा मार्केट में कीटनाशक की दुकान चलाता है। उन्होंने बताया कि इसी बाजार में अमन भी कीटनाशक की दुकान चलाता है।
पंजाब के बठिंडा का रहने वाला विजय भी नकली कीटनाशक का आपूर्तिकर्ता है। उसका सहयोगी राजिंदर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ का रहने वाला है। उन्होंने कहा कि ये दोनों इस कारोबार में प्रमुख हितधारक हैं।
पुलिस उपायुक्त ने कहा, “विजय यहां इंद्रा मार्केट में मोहन लाल के संपर्क में आया। लाल का मोमबत्तियों का कारोबार सही नहीं चल रहा था, इसलिए उसने विजय के साथ कारोबार शुरू किया। अमन को भी उसने अपने कारोबार में शामिल कर लिया क्योंकि उसकी कीटनाशकों की दुकान ज्यादा चल नहीं रही थी।”