नई दिल्ली
पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest News) आज खत्म हो सकता है। केंद्र सरकार ने किसानों की मांग पर लचीला रुख अपनाया है और माना जा रहा है कि दोपहर को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक में आंदोलन खत्म करने को लेकर फैसला हो सकता है। हालांकि, अभी भी कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनपर पेच फंसा हुआ है।
SC में सुनवाई के दौरान ही सहमति के मिल गए थे संकेत
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही सरकार और किसानों में सहमति के संकेत मिलते दिखे। दरअसल, कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसान संघों की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने सिंघु बॉर्डर खुलवाने को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई को टालने की संयुक्त अपील की थी। वकीलों के आग्रह के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई एक महीने के लिए टाल दी थी। किसानों की मांगे क्या, कहां फंसा है पेच
-MSP पर सरकार से गारंटी मिलने की संभावना को कम देख देखते हुए किसान समिति सरकारी पैनल से मुआवजा और नियमों पर स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं।
-किसान संगठन पहले किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहे हैं तभी आंदोलन वापस लेंगे। किसानों ने 2017 से किसानों पर लटके मामलों का हवाला दे रहे हैं।
-SKM किसान आंदोलन में मृत किसानों को 'पंजाब मॉडल' के तर्ज पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। पंजाब में मृत किसानों के परिवार को 5 लाख रुपये और किसी सदस्य को नौकरी दी जा रही है।
सरकार ने इन मांगों पर साधी चुप्पी
-गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग पर सरकार ने चुप्पी साध रखी है।
-लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्ती की मांग पर केंद्र चुप।
किसानों की ये मांगें मान रही है सरकार
-MSP पर गारंटी की किसानों की मांग पर केंद्र सरकार का पैनल SKM प्रतिनिधियों के साथ बैठकर विचार करेगा।
-किसान संगठनों के आंदोलन खत्म करने की घोषणा के बाद किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएंगे।
-किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को मुआवजे पर केंद्र सैंद्धांतिक तौर पर सहमत।
-बिजली (संशोधन) बिल को सभी पक्षों से विचार के बाद ही संसद में पेश किया जाएगा।
-पराली जलाने को केंद्र सरकार ने अपराध की श्रेणी से बाहर किया।
क्या बड़े अपराध वाले मुकदमे भी होंगे वापस?
अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि क्या गंभीर अपराध वाली धाराओं में दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जाएंगे? 26 जनवरी को लाल किला पर हंगामा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर दर्ज मामलों को क्या सरकार वापस लेगी? खालिस्तानी झंडे फहराने वाले लोगों पर दर्ज मुकदमे क्या सरकार वापस लेगी? सिंघु बॉर्डर पर एक दलित की हत्या मामले में सरकार का क्या रुख होगा? इसपर अभी कुछ तय नहीं है। वहीं, SKM किसानों पर दर्ज सभी मुकदमें वापस लेने की मांग कर रहा है। ऐसे में इन गंभीर मामलों में सरकार का रुख क्या होगा यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
शाह और तोमर से मिलेगी SKM कमिटी!
संयुक्त किसान मोर्चा कमिटी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के साथ अलग-अलग मुलाकात कर सकते हैं। एक किसान नेता ने बताया कि बैठक में पेंडिंग मुद्दों पर किसान और सरकार के बीच बातचीत हो सकती है।
पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest News) आज खत्म हो सकता है। केंद्र सरकार ने किसानों की मांग पर लचीला रुख अपनाया है और माना जा रहा है कि दोपहर को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक में आंदोलन खत्म करने को लेकर फैसला हो सकता है। हालांकि, अभी भी कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनपर पेच फंसा हुआ है।
SC में सुनवाई के दौरान ही सहमति के मिल गए थे संकेत
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही सरकार और किसानों में सहमति के संकेत मिलते दिखे। दरअसल, कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसान संघों की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने सिंघु बॉर्डर खुलवाने को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई को टालने की संयुक्त अपील की थी। वकीलों के आग्रह के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई एक महीने के लिए टाल दी थी।
-MSP पर सरकार से गारंटी मिलने की संभावना को कम देख देखते हुए किसान समिति सरकारी पैनल से मुआवजा और नियमों पर स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं।
-किसान संगठन पहले किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहे हैं तभी आंदोलन वापस लेंगे। किसानों ने 2017 से किसानों पर लटके मामलों का हवाला दे रहे हैं।
-SKM किसान आंदोलन में मृत किसानों को 'पंजाब मॉडल' के तर्ज पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। पंजाब में मृत किसानों के परिवार को 5 लाख रुपये और किसी सदस्य को नौकरी दी जा रही है।
सरकार ने इन मांगों पर साधी चुप्पी
-गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग पर सरकार ने चुप्पी साध रखी है।
-लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्ती की मांग पर केंद्र चुप।
किसानों की ये मांगें मान रही है सरकार
-MSP पर गारंटी की किसानों की मांग पर केंद्र सरकार का पैनल SKM प्रतिनिधियों के साथ बैठकर विचार करेगा।
-किसान संगठनों के आंदोलन खत्म करने की घोषणा के बाद किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएंगे।
-किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को मुआवजे पर केंद्र सैंद्धांतिक तौर पर सहमत।
-बिजली (संशोधन) बिल को सभी पक्षों से विचार के बाद ही संसद में पेश किया जाएगा।
-पराली जलाने को केंद्र सरकार ने अपराध की श्रेणी से बाहर किया।
क्या बड़े अपराध वाले मुकदमे भी होंगे वापस?
अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि क्या गंभीर अपराध वाली धाराओं में दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जाएंगे? 26 जनवरी को लाल किला पर हंगामा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर दर्ज मामलों को क्या सरकार वापस लेगी? खालिस्तानी झंडे फहराने वाले लोगों पर दर्ज मुकदमे क्या सरकार वापस लेगी? सिंघु बॉर्डर पर एक दलित की हत्या मामले में सरकार का क्या रुख होगा? इसपर अभी कुछ तय नहीं है। वहीं, SKM किसानों पर दर्ज सभी मुकदमें वापस लेने की मांग कर रहा है। ऐसे में इन गंभीर मामलों में सरकार का रुख क्या होगा यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
शाह और तोमर से मिलेगी SKM कमिटी!
संयुक्त किसान मोर्चा कमिटी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के साथ अलग-अलग मुलाकात कर सकते हैं। एक किसान नेता ने बताया कि बैठक में पेंडिंग मुद्दों पर किसान और सरकार के बीच बातचीत हो सकती है।