नई दिल्ली : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के विस्तारित अधिकार क्षेत्र को परिभाषित करने के लिए और विभिन्न सीमावर्ती राज्यों में उसके संचालन की जरूरतों का खाका तैयार कर लिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द इसे गृह मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि बीएसएफ पश्चिम में पाकिस्तान से और पूर्व में बांग्लादेश से लगती करीब 6,300 किलोमीटर सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है।
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 में अधिसूचना जारी कर जुलाई 2014 के प्रावधानों में संशोधन किया था जिसमें बीएसएफ अधिकारियों और जवानों के सीमावर्ती इलाकों में कार्रवाई करने के प्रावधान हैं। पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को सीमा से 15 किलोमीटर के दायरे से बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक किया गया। वहीं, गुजरात में सीमा से 80 किलोमीटर के दायरे को घटाकर 50 किलोमीटर किया गया है जबकि राजस्थान में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को पूर्व की भांति ही सीमा से 50 किलोमीटर तक का इलाका इसमें रखा गया है।
भौगोलिक स्थानों की पहचान का काम पूरा
बीएसएफ और उसकी संबद्ध एजेंसियों ने पिछले साल जारी अधिसूचना के आधार पर नए 50 किलोमीटर के अधिकार क्षेत्र की पहचान करने और जमीन पर चिह्नित करने का कार्य किया। यह सरकार के नए आदेश को कदम दर कदम लागू करने की प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि नए दायरे में आने वाले भौगोलिक स्थानों और ढांचों की पहचान की गई है।
जवानों के लिए स्थापित की जाएंगी चौकियां
उन्होंने कहा कि सीमापार अपराध के खिलाफ कार्रवाई में हिस्सा लेने वाले जवानों के लिए कुछ पड़ाव के स्थानों, चौकियों और अन्य परिचालन जरूरतों की पहचान की गई है जो तय समय में केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष मंजूरी के लिए रखी जाएगी। इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि एक बार मंजूरी मिलने के बाद धीरे-धीरे नए संचार, परिचालन और जवानों के लिए जरूरत होने पर चौकी स्थापित की जाएंगी।
तस्करी जैसे अपराधों को रोकने की उम्मीदअधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ ने विभिन्न राज्यों में बढ़े हुए अधिकार क्षेत्र में गत कुछ महीनों में अभियानों को अंजाम दिया है और प्रत्येक कार्रवाई स्थानीय पुलिस को सूचित कर की गई। उन्होंने कहा कि इसके नतीजे अच्छे रहे हैं और नए अधिकार क्षेत्र के तहत करीब एक दर्जन अभियानों में मादक पदार्थों और मवेशियों की तस्करी जैसे अपराध रोकने में सफलता मिली है।
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 में अधिसूचना जारी कर जुलाई 2014 के प्रावधानों में संशोधन किया था जिसमें बीएसएफ अधिकारियों और जवानों के सीमावर्ती इलाकों में कार्रवाई करने के प्रावधान हैं। पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को सीमा से 15 किलोमीटर के दायरे से बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक किया गया। वहीं, गुजरात में सीमा से 80 किलोमीटर के दायरे को घटाकर 50 किलोमीटर किया गया है जबकि राजस्थान में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को पूर्व की भांति ही सीमा से 50 किलोमीटर तक का इलाका इसमें रखा गया है।
भौगोलिक स्थानों की पहचान का काम पूरा
बीएसएफ और उसकी संबद्ध एजेंसियों ने पिछले साल जारी अधिसूचना के आधार पर नए 50 किलोमीटर के अधिकार क्षेत्र की पहचान करने और जमीन पर चिह्नित करने का कार्य किया। यह सरकार के नए आदेश को कदम दर कदम लागू करने की प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि नए दायरे में आने वाले भौगोलिक स्थानों और ढांचों की पहचान की गई है।
जवानों के लिए स्थापित की जाएंगी चौकियां
उन्होंने कहा कि सीमापार अपराध के खिलाफ कार्रवाई में हिस्सा लेने वाले जवानों के लिए कुछ पड़ाव के स्थानों, चौकियों और अन्य परिचालन जरूरतों की पहचान की गई है जो तय समय में केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष मंजूरी के लिए रखी जाएगी। इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि एक बार मंजूरी मिलने के बाद धीरे-धीरे नए संचार, परिचालन और जवानों के लिए जरूरत होने पर चौकी स्थापित की जाएंगी।
तस्करी जैसे अपराधों को रोकने की उम्मीदअधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ ने विभिन्न राज्यों में बढ़े हुए अधिकार क्षेत्र में गत कुछ महीनों में अभियानों को अंजाम दिया है और प्रत्येक कार्रवाई स्थानीय पुलिस को सूचित कर की गई। उन्होंने कहा कि इसके नतीजे अच्छे रहे हैं और नए अधिकार क्षेत्र के तहत करीब एक दर्जन अभियानों में मादक पदार्थों और मवेशियों की तस्करी जैसे अपराध रोकने में सफलता मिली है।