30 हजार करोड़ की लागत, 2023 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
इस ट्रेन के जरिए दिल्ली से मेरठ तक का सफर एक घंटे से भी कम समय में पूरा किया जा सकेगा। दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ तक यह रूट 82 किलोमीटर लंबा होगा। इस प्रोजेक्ट को 30,274 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है।
केंद्र, दिल्ली और यूपी सरकार के सहयोग से प्रोजेक्ट
देश के इस पहले आरआरटीएस प्रोजेक्ट से केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और यूपी की सरकार जुड़ी हुई हैं। कुल 30,274 करोड़ रुपये की लागत में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी यूपी की रहेगी। यूपी सरकार इसके लिए 6048 करोड़, दिल्ली सरकार 1180 करोड़ और केंद्र सरकार 5872 करोड़ रुपये देगी।
180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
इस हाई स्पीड ट्रेन की डिजाइन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के हिसाब से की गई है। इसकी औसत गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। ये मेट्रो रेल से तीन गुना ज्यादा गति से दौड़ेगी।
इकॉनमी के साथ बिजनस क्लास भी
पूरी तरह एयर कंडिशंड इस ट्रेन में इकॉनमी के साथ-साथ बिजनस क्लास भी होगा। हर ट्रेन में एक कोच बिजनस क्लास का होगा और एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा। इसके कोच सीसीटीवी सर्विलांस, मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट्स, लगेज स्पेस जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे।
कॉरिडोर पर होंगे 24 स्टेशन, रोजाना 8 लाख कर सकेंगे सफर
इस कॉरिडोर पर 24 स्टेशन होंगे। इसके अलावा मेरठ में यह लोकल ट्रांजिट सर्विस उपलब्ध कराएगी। इस हाई स्पीड ट्रेन से रोजाना 8 लाख यात्री सफर कर सकेंगे।
बॉम्बार्डियर इंडिया तैयार कर रही है ट्रेनसेट
इस ट्रेनसेट को बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्टेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड गुजरात के सवली स्थित अपने प्लांट में बना रही है। इस प्रोजेक्ट को मेक इन इंडिया पहल के तहत तैयार किया जा रहा है।