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किडनी मरीजों को मिल जाएगा नया जीवन, दुनिया में पहली बार डॉक्टरों ने किया यह कारनामा

मेडिकल साइंस की दुनिया में एक ऐसा कारनामा हुआ है जिसको सुनकर लाखों मरीजों के चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी। डॉक्टरों ने सूअर की किडनी को इंसान के शरीर में ट्रांसप्लांट किया है। प्रयास पहले भी हुए लेकिन सफल नहीं रहा लेकिन इस बार डॉक्टरों को बड़ी कामयाबी मिली है।

Curated byपंकज सिंह | नवभारतटाइम्स.कॉम 20 Oct 2021, 7:29 pm

हाइलाइट्स

  • डोनर न मिलने से हर साल करीब 5 लाख मरीजों की चली जाती है जान
  • पहली बार सूअर की किडनी को इंसान के शरीर में किया गया ट्रांसप्लांट
  • अमेरिका में लगभग 107,000 लोग अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा सूची में
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नई दिल्ली
एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल भारत में मुनासिब डोनर न मिल पाने की वजह से लगभग 5 लाख लोग दम तोड़ देते हैं। आखिरी समय तक मरीज को डोनर का इंतजार रहता और वह इंतजार ही रह जाता है। सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के और देशों में भी यही हाल है। वहीं इस बीच एक ऐसी खबर आई है जो लाखों लोगों के चेहर पर मुस्कान ला सकती है। अमेरिका में दुनिया में पहली बार सूअर की किडनी को इंसान के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया है। खास बात यह है कि सफलता पूर्वक यह काम भी कर रही है।
पहले कई बार ऐसा करने की कोशिश हुई लेकिन यह सफल नहीं हो सका और अब जाकर आखिरकार डॉक्टरों को इसमें बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। न्यूयॉर्क शहर के एनवाईयू लैंगोन हेल्थ मेडिकल सेंटर के सर्जनों ने यहर कारनामा किया है। सूअर की किडनी इंसान के शरीर में सफलतापूर्वक काम भी कर रही है। इस सफल प्रत्यारोपण से आने वाले वक्त में मानव अंगों की कमी को दूर किया जा सकता है। अंग की कमी को दूर करने के लिए सूअर के ऊपर काफी दिनों से रिसर्च किया जा रहा था।

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मेडिकल के क्षेत्र में इसे बड़ी सफलता मानी जा रही है। गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। हालांकि इसमें अभी कुछ सवालों का जवाब मिलना बाकी है। यह प्रत्यारोपण ब्रेन डेड मरीज में किया गया है। इस ट्रांसप्लांटेशन के हेड सर्जन डॉ रॉबर्ट मोंटगोमरी ने कहा कि ट्रांसप्लांटेड किडनी की फंक्शनिंग से जुड़े सभी टेस्ट के रिजल्ट्स बहुत सामान्य लग रहे थे। इस किडनी ने मरीज के शरीर में पेशाब की उतनी ही मात्रा बनाई, जितना कि हम किसी इंसानी किडनी से उम्मीद कर सकते हैं। ऐसे में हमें शरीर से इसको अस्वीकार करने के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
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पहले के प्रयास सफल नहीं हुए थे लेकिन इस बार डॉक्टरों ने स्पेशल मोडिफाइड जीन वाले सूअर का इस्तेमाल किया। इसमें सूअर के सेल में मौजूद उस शुगर को खत्म करने और इम्यून सिस्टम के हमले से बचने के लिए कुछ जेनेटिक बदलाव किए गए थे। मरीज ब्रेन डेड था उससे लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाने के लिए उसकी फैमिली से बाकायदा स्वीकृति ली गई थी। टीम ने सूअर की किडनी को दो से तीन दिनों तक निगरानी में मरीज के शरीर से बाहर एक बड़ी धमनी से जोड़ा, जिससे उसे खून और ऑक्सीजन मिलती रहे।

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मोंटगोमरी ने कहा कि प्रत्यारोपण के बाद स्थिति सामान्य है। यूनाइटेड नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 107,000 लोग वर्तमान में अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसमें 90 हजार से अधिक लोग किडनी प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। एक किडनी के लिए औसत तीन से पांच साल तक वेटिंग है। भारत में मुनासिब डोनर न मिल पाने की वजह से लगभग 5 लाख लोग दम तोड़ देते हैं। यह खबर भारत के लिहाज से बहुत खास है क्योंकि ऐसे रोगियों की तादाद काफी अधिक है।
लेखक के बारे में
पंकज सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल में असिस्टेंट न्यूज एडिटर। पत्रकारिता में आज समाज, ईटीवी भारत, आज तक के बाद अब टाइम्स इंटरनेट के साथ सफर जारी है। पत्रकारिता में 16 साल का अनुभव। राजनीति की खबरों के साथ ही खेल की खबरों में रुचि। लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ सीखने की कोशिश जारी है।... और पढ़ें

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