नई दिल्ली
गुजरात चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान से पहले चैनलों को इंटरव्यू देने को लेकर कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनाव आयोग द्वारा नोटिस भेजने पर पार्टी बिफर गई है। कांग्रेस ने इसे आयोग का दोहरा मापदंड बताते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस ने आयोग से उल्टे पीएम नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के लिए FIR दर्ज करने की मांग की है।
पढ़ें: वोटिंग से पहले इंटरव्यू देने पर राहुल को EC का नोटिस
नोटिस भेजे जाने के विरोध में बुधवार रात कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला समेत कई नेता चुनाव आयोग से पीएम मोदी, जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल और गुजरात बीजेपी अध्यक्ष जीतू वघानी पर बार-बार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन के लिए FIR दर्ज करने की मांग की। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा, 'आयोग ने अभिव्यक्ति की आजादी का दमन करते हुए चैनलों पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। यह कोड ऑफ कंडक्ट के मापदंडों के तहत नहीं आता है।'
सुरजेवाला ने कहा, 'चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद बीजेपी के कई नेता पीसी करते हैं। फिक्की में पीएम राजनीतिक भाषण देते हैं, लेकिन आयोग उनपर कार्रवाई नहीं करता है। यह दोहरा मापदंड है। मोदी, जेटली, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'पहले चरण की वोटिंग के पहले गुजरात में बीजेपी ने पीसी की थी।'
पढ़ें: 'अध्यादेश फटा, तब कहां था मनमोहन का गुस्सा'
गौरतलब है कि गुजरात में दूसरे और आखिरी राउंड की वोटिंग से पहले इंटरव्यू देने पर आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आयोग ने राहुल गांधी से 18 दिसंबर को शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा है। आयोग ने राहुल गांधी से यह जवाब देने को कहा है कि आखिर चुनाव आचार संहिता के दौरान इंटरव्यू देने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए? आयोग का कहना है कि राहुल की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जा सकता है। इससे पहले आयोग ने इंटरव्यू को प्रसारित करने वाले गुजरात के स्थानीय चैनलों के खिलाफ चुनाव आयोग ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
Poll: मोदी vs राहुल, 2019 में मंदिर मुद्दा होगा?
बीजेपी ने चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद राहुल गांधी के इंटरव्यू को प्रसारित करने को लेकर आयोग से शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद ही आयोग ने यह फैसला लिया है। इस बीच राहुल गांधी को नोटिस जारी किए जाने के बाद कांग्रेस के कई दिग्गज नेता चुनाव आयोग पहुंचे हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम दौर की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले राहुल गांधी के इंटरव्यू को बीजेपी ने आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया था। बीजेपी का कहना था कि राहुल गांधी ने मतदान से ठीक पहले वोटरों को कांग्रेस के पक्ष में प्रभावित करने की रणनीति के तहत ये इंटरव्यू दिए।
पीएम मोदी ने फिक्की में साधा था पूर्व की सरकार पर निशाना
बैंकों के एनपीए को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने फिक्की के मंच से पूर्व की यूपीए सरकार और औद्योगिक संगठनों पर निशाना साधा था। पीएम मोदी ने पूर्व सरकार के गठजोड़ पर निशाना साधते हुए कहा था, 'जब सरकार में बैठे कुछ लोगों द्वारा बैंकों पर दबाव डाल कर कुछ विशेष उद्योगपतियों को लोन दिलवाया जा रहा था, तब फिक्की जैसी संस्थाएं क्या कर रही थीं?'
फिक्की की 90वीं महासभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में कहा, 'उस दौरान कुछ बड़े उद्योगपतियों को लाखों करोड़ के लोन दिए गए। बैकों पर दबाव डाल कर पैसा दिलवाया गया।' पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे जानकारी नहीं है कि पहले की सरकार की नीतियों ने जिस तरह बैंकिंग सेक्टर की दुर्दशा की, उस पर फिक्की ने कोई सर्वे किया है या नहीं? आजकल NPA का जो हल्ला मच रहा है, वो पहले की सरकार में बैठे अर्थशास्त्रियों द्वारा इस सरकार को दिया गया सबसे बड़ा बोझ है।'
बैंकिंग सिस्टम में अव्यवस्था और एनपीए की समस्या को लेकर पूर्ववर्ती सरकार पर अटैक करते हुए पीएम ने कहा, 'साथियों, बैंकिंग सिस्टम की इस दुर्दशा को ठीक करने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। बैंकों का हित सुरक्षित होगा, ग्राहकों का हित सुरक्षित होगा, तभी देश का हित भी सुरक्षित रहेगा।'
गुजरात चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान से पहले चैनलों को इंटरव्यू देने को लेकर कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनाव आयोग द्वारा नोटिस भेजने पर पार्टी बिफर गई है। कांग्रेस ने इसे आयोग का दोहरा मापदंड बताते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस ने आयोग से उल्टे पीएम नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के लिए FIR दर्ज करने की मांग की है।
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नोटिस भेजे जाने के विरोध में बुधवार रात कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला समेत कई नेता चुनाव आयोग से पीएम मोदी, जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल और गुजरात बीजेपी अध्यक्ष जीतू वघानी पर बार-बार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन के लिए FIR दर्ज करने की मांग की। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा, 'आयोग ने अभिव्यक्ति की आजादी का दमन करते हुए चैनलों पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। यह कोड ऑफ कंडक्ट के मापदंडों के तहत नहीं आता है।'
सुरजेवाला ने कहा, 'चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद बीजेपी के कई नेता पीसी करते हैं। फिक्की में पीएम राजनीतिक भाषण देते हैं, लेकिन आयोग उनपर कार्रवाई नहीं करता है। यह दोहरा मापदंड है। मोदी, जेटली, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'पहले चरण की वोटिंग के पहले गुजरात में बीजेपी ने पीसी की थी।'
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गौरतलब है कि गुजरात में दूसरे और आखिरी राउंड की वोटिंग से पहले इंटरव्यू देने पर आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आयोग ने राहुल गांधी से 18 दिसंबर को शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा है। आयोग ने राहुल गांधी से यह जवाब देने को कहा है कि आखिर चुनाव आचार संहिता के दौरान इंटरव्यू देने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए? आयोग का कहना है कि राहुल की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जा सकता है। इससे पहले आयोग ने इंटरव्यू को प्रसारित करने वाले गुजरात के स्थानीय चैनलों के खिलाफ चुनाव आयोग ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
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बीजेपी ने चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद राहुल गांधी के इंटरव्यू को प्रसारित करने को लेकर आयोग से शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद ही आयोग ने यह फैसला लिया है। इस बीच राहुल गांधी को नोटिस जारी किए जाने के बाद कांग्रेस के कई दिग्गज नेता चुनाव आयोग पहुंचे हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम दौर की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले राहुल गांधी के इंटरव्यू को बीजेपी ने आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया था। बीजेपी का कहना था कि राहुल गांधी ने मतदान से ठीक पहले वोटरों को कांग्रेस के पक्ष में प्रभावित करने की रणनीति के तहत ये इंटरव्यू दिए।
पीएम मोदी ने फिक्की में साधा था पूर्व की सरकार पर निशाना
बैंकों के एनपीए को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने फिक्की के मंच से पूर्व की यूपीए सरकार और औद्योगिक संगठनों पर निशाना साधा था। पीएम मोदी ने पूर्व सरकार के गठजोड़ पर निशाना साधते हुए कहा था, 'जब सरकार में बैठे कुछ लोगों द्वारा बैंकों पर दबाव डाल कर कुछ विशेष उद्योगपतियों को लोन दिलवाया जा रहा था, तब फिक्की जैसी संस्थाएं क्या कर रही थीं?'
फिक्की की 90वीं महासभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में कहा, 'उस दौरान कुछ बड़े उद्योगपतियों को लाखों करोड़ के लोन दिए गए। बैकों पर दबाव डाल कर पैसा दिलवाया गया।' पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे जानकारी नहीं है कि पहले की सरकार की नीतियों ने जिस तरह बैंकिंग सेक्टर की दुर्दशा की, उस पर फिक्की ने कोई सर्वे किया है या नहीं? आजकल NPA का जो हल्ला मच रहा है, वो पहले की सरकार में बैठे अर्थशास्त्रियों द्वारा इस सरकार को दिया गया सबसे बड़ा बोझ है।'
बैंकिंग सिस्टम में अव्यवस्था और एनपीए की समस्या को लेकर पूर्ववर्ती सरकार पर अटैक करते हुए पीएम ने कहा, 'साथियों, बैंकिंग सिस्टम की इस दुर्दशा को ठीक करने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। बैंकों का हित सुरक्षित होगा, ग्राहकों का हित सुरक्षित होगा, तभी देश का हित भी सुरक्षित रहेगा।'