नई दिल्ली: उदयपुर में कांग्रेस के चौथे चिंतन शिविर के बाद भी पार्टी की चिंता खत्म नहीं हो रही है। पार्टी ने चिंतन शिविर में तमाम मुद्दों और उसके समाधान पर चर्चा की थी लेकिन गुजरात में पार्टी के नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel Resigns) ने उन्हीं मुद्दों का जिक्र कर पार्टी छोड़ दी है। हार्दिक ने अपनी चिट्ठी में कांग्रेस की उन खामियों को गिनाया है जो 2014 के बाद से लगातार पार्टी के लिए सिरदर्द बनी हुई है। चिंतन शिविर के ठीक तीन दिन बाद कांग्रेस को बड़ा झटका दे दिया है। चिंतन शिविर में कांग्रेस ने युवाओं को तवज्जो देने की बात कही थी लेकिन हार्दिक ने अपने इस्तीफे में पार्टी के बड़े नेताओं पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि है कि इस साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं और हार्दिक राज्य के प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से आते हैं और यह काफी प्रभावशाली माना जाता है।
हार्दिक का राहुल पर बिना नाम लिए निशाना
तीन साल पहले 12 मार्च 2019 को हार्दिक को राहुल गांधी ने अहमदाबाद में एक रैली में कांग्रेस में शामिल करवाया था। लेकिन अब जब हार्दिक ने अपना इस्तीफा दिया है तो उन्होंने परोक्ष तौर पर राहुल पर हमला बोला है। हार्दिक ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजी अपनी चिट्ठी में लिखा है, 'कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है। मैं जब भी शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा कि नेतृत्व का ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी की समस्याओं को सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा। जब भी देश संकट में था अथवा कांग्रेस को नेतृत्व की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी तो हमारे नेता विदेश में थे। शीर्ष नेतृत्व का बर्ताव गुजरात के प्रति ऐसा है, जैसे कि गुजरात और गुजरातियों से उन्हें नफरत हो। ऐसे में कांग्रेस कैसे अपेक्षा करती है कि गुजरात के लोग उन्हें विकल्प के तौर पर देखेंगे।'
कांग्रेस में युवाओं को मौका देने का फैसला, पर हार्दिक निकल लिए
उदयपुर में तीन दिन पहले खत्म हुई चिंतन शिविर में कांग्रेस में युवाओं को मौका देने का फैसला किया गया था। 50 साल से कम आयु के लोगों को पार्टी के 50 फीसदी पद दिए जाने का फैसला किया गया था। लेकिन पार्टी के चिंतन शिविर के तीसरे ही दिन एक बड़ा झटका लग गया है। दरअसल, माना जा रहा है कि हार्दिक के इस्तीफे के पीछे उनको पार्टी में तवज्जों न देना और हाल में दाहोद के दौरे पर राहुल गांधी ने निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी की जमकर तारीफ की थी जबकि हार्दिक की अनदेखी की थी।
चिंतिन शिविर के बाद कांग्रेस को झटका
कांग्रेस को मजबूत करने के लिए उदयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में पार्टी ने कई मुद्दों पर चर्चा की थी। लेकिन चिंतन के बाद भी कांग्रेस की चिंता कम होती नजर नहीं आ रही है। गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। हार्दिक पटेल पाटीदार बिरादरी से आते हैं जिसकी राज्य में बड़ी संख्या है। राज्य में 14 फीसदी पाटीदार आबादी है और यह समुदाय राज्य के 50 से अधिक सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है।
कांग्रेस पर तंज और चिकन सैंडविच का जिक्र
हार्दिक ने अपने इस्तीफे में राज्य में कांग्रेस के हाल पर भी तंज कसा है। हार्दिक ने चिट्ठी में लिखा है, 'दुख होता है कि जब हम जैसे कार्यकर्ता अपनी गाड़ी से अपने खर्च पर दिन में 500-600 किलोमीटर यात्रा करते हैं, जनता के बीच जाते हैं। लेकिन फिर देखते हैं कि गुजरात के बड़े नेता तो जनता के मुद्दों से दूर सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए हुए नेताओं को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं।'
हार्दिक का राहुल पर बिना नाम लिए निशाना
तीन साल पहले 12 मार्च 2019 को हार्दिक को राहुल गांधी ने अहमदाबाद में एक रैली में कांग्रेस में शामिल करवाया था। लेकिन अब जब हार्दिक ने अपना इस्तीफा दिया है तो उन्होंने परोक्ष तौर पर राहुल पर हमला बोला है। हार्दिक ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजी अपनी चिट्ठी में लिखा है, 'कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है। मैं जब भी शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा कि नेतृत्व का ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी की समस्याओं को सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा। जब भी देश संकट में था अथवा कांग्रेस को नेतृत्व की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी तो हमारे नेता विदेश में थे। शीर्ष नेतृत्व का बर्ताव गुजरात के प्रति ऐसा है, जैसे कि गुजरात और गुजरातियों से उन्हें नफरत हो। ऐसे में कांग्रेस कैसे अपेक्षा करती है कि गुजरात के लोग उन्हें विकल्प के तौर पर देखेंगे।'
कांग्रेस में युवाओं को मौका देने का फैसला, पर हार्दिक निकल लिए
उदयपुर में तीन दिन पहले खत्म हुई चिंतन शिविर में कांग्रेस में युवाओं को मौका देने का फैसला किया गया था। 50 साल से कम आयु के लोगों को पार्टी के 50 फीसदी पद दिए जाने का फैसला किया गया था। लेकिन पार्टी के चिंतन शिविर के तीसरे ही दिन एक बड़ा झटका लग गया है। दरअसल, माना जा रहा है कि हार्दिक के इस्तीफे के पीछे उनको पार्टी में तवज्जों न देना और हाल में दाहोद के दौरे पर राहुल गांधी ने निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी की जमकर तारीफ की थी जबकि हार्दिक की अनदेखी की थी।
चिंतिन शिविर के बाद कांग्रेस को झटका
कांग्रेस को मजबूत करने के लिए उदयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में पार्टी ने कई मुद्दों पर चर्चा की थी। लेकिन चिंतन के बाद भी कांग्रेस की चिंता कम होती नजर नहीं आ रही है। गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। हार्दिक पटेल पाटीदार बिरादरी से आते हैं जिसकी राज्य में बड़ी संख्या है। राज्य में 14 फीसदी पाटीदार आबादी है और यह समुदाय राज्य के 50 से अधिक सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है।
कांग्रेस पर तंज और चिकन सैंडविच का जिक्र
हार्दिक ने अपने इस्तीफे में राज्य में कांग्रेस के हाल पर भी तंज कसा है। हार्दिक ने चिट्ठी में लिखा है, 'दुख होता है कि जब हम जैसे कार्यकर्ता अपनी गाड़ी से अपने खर्च पर दिन में 500-600 किलोमीटर यात्रा करते हैं, जनता के बीच जाते हैं। लेकिन फिर देखते हैं कि गुजरात के बड़े नेता तो जनता के मुद्दों से दूर सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए हुए नेताओं को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं।'